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क्या बीजेपी के इस अभेद्य किले को भेद पाएगी कांग्रेस

धमतरी नगर निगम में अभी तक बीजेपी को कोई हरा नहीं पाया है. बीजेपी की इस सफलता के पीछे कुछ हद तक कांग्रेस की गुजबाजी भी जिम्मेदार है.

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Published : Jul 21, 2019, 2:26 PM IST

धमतरी: नगरीय निकाय चुनावों की आहट सुनाई देने लगी है. इस आहट ने सियासी दलों की सक्रियता बढ़ा दी है. भाजपा ऐतिहासिक रूप से लगातार यहां सत्ता में है तो, वहीं इस बार कांग्रेस भी विधानसभा जैसे परिणाम की उम्मीद में है. इससे यह तो तय है कि आगले चुनाव बेहद दिलचस्प और कांटे की टक्कर वाले होंगे.

बीेजपी का अभेद्य किला बना धमतरी नगर निगम

धमतरी प्रदेश की सबसे पुरानी नगर पालिका है. यह 130 साल तक नगर पालिका रही है. बीते 5 साल से ये नगर निगम है. इस तरह से इस निकाय की उम्र कुल 135 साल हो चुकी है. देश और प्रदेश में भले ही कई दशकों तक कांग्रेस की सत्ता जरूर रही, लेकिन धमतरी निकाय में आज तक कांग्रेस सत्ता पर काबिज नहीं हो सकी है.

नहीं बनी संतुलित विकास की योजना
धमतरी में शासन करने का रिकार्ड पहले जनसंघ और बाद में सिर्फ भाजपा के पास है. जाहिर है हर चुनाव के पहले की तरह शहर की समस्याओं पर चर्चा भी गर्म होने लगी है. लेकिन ये सब पुराने अखबारों को पढ़ने जैसा है. तारीख बदल गई पर खबरें वहीं हैं. बीते कई दशकों में बढ़ते शहर के साथ समस्याएं भी बढ़ी है. सत्ताधारी भाजपा कभी संतुलित विकास की योजना नहीं बना सकी.

बढ़ सकता है संकट
नतीजा आज शहर में रेन वाटर ड्रेनेज, गोकुल नगर की कमी, आवारा मवेशी, ट्रांसपोर्ट नगर की कमी, नये बसस्टैंड की कमी, बाग-बगीचे की कमी, बाजार में अतिक्रमण, अवैध कालोनी और अवैध निर्माण जैसी चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं. शहर से गायब होते तालाब, गिरता जलस्तर भविष्य में विकराल संकट के रूप में सामने आने वाले हैं.

क्या कांग्रेस भेद पाएगी बीजेपी का किला
बीजेपी के अभेद्य किला इस बार उतना सुरक्षित नजर नहीं आ रहा, जितना पिछले चुनावों में हुआ करना था. हां कांग्रेस संगठन में चल रही अंदरुनी कलह और भितरखात की चिंगारी ने अभी से आग पकड़ ली है. इसकी लपट में फिर कांग्रेस का झुलसना लगभग तय माना जा रहा है.

धमतरी: नगरीय निकाय चुनावों की आहट सुनाई देने लगी है. इस आहट ने सियासी दलों की सक्रियता बढ़ा दी है. भाजपा ऐतिहासिक रूप से लगातार यहां सत्ता में है तो, वहीं इस बार कांग्रेस भी विधानसभा जैसे परिणाम की उम्मीद में है. इससे यह तो तय है कि आगले चुनाव बेहद दिलचस्प और कांटे की टक्कर वाले होंगे.

बीेजपी का अभेद्य किला बना धमतरी नगर निगम

धमतरी प्रदेश की सबसे पुरानी नगर पालिका है. यह 130 साल तक नगर पालिका रही है. बीते 5 साल से ये नगर निगम है. इस तरह से इस निकाय की उम्र कुल 135 साल हो चुकी है. देश और प्रदेश में भले ही कई दशकों तक कांग्रेस की सत्ता जरूर रही, लेकिन धमतरी निकाय में आज तक कांग्रेस सत्ता पर काबिज नहीं हो सकी है.

नहीं बनी संतुलित विकास की योजना
धमतरी में शासन करने का रिकार्ड पहले जनसंघ और बाद में सिर्फ भाजपा के पास है. जाहिर है हर चुनाव के पहले की तरह शहर की समस्याओं पर चर्चा भी गर्म होने लगी है. लेकिन ये सब पुराने अखबारों को पढ़ने जैसा है. तारीख बदल गई पर खबरें वहीं हैं. बीते कई दशकों में बढ़ते शहर के साथ समस्याएं भी बढ़ी है. सत्ताधारी भाजपा कभी संतुलित विकास की योजना नहीं बना सकी.

बढ़ सकता है संकट
नतीजा आज शहर में रेन वाटर ड्रेनेज, गोकुल नगर की कमी, आवारा मवेशी, ट्रांसपोर्ट नगर की कमी, नये बसस्टैंड की कमी, बाग-बगीचे की कमी, बाजार में अतिक्रमण, अवैध कालोनी और अवैध निर्माण जैसी चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं. शहर से गायब होते तालाब, गिरता जलस्तर भविष्य में विकराल संकट के रूप में सामने आने वाले हैं.

क्या कांग्रेस भेद पाएगी बीजेपी का किला
बीजेपी के अभेद्य किला इस बार उतना सुरक्षित नजर नहीं आ रहा, जितना पिछले चुनावों में हुआ करना था. हां कांग्रेस संगठन में चल रही अंदरुनी कलह और भितरखात की चिंगारी ने अभी से आग पकड़ ली है. इसकी लपट में फिर कांग्रेस का झुलसना लगभग तय माना जा रहा है.

Intro:नगरीय निकाय चुनावो की आहट सुनाई देने लगी है.इस आहट ने सियासी दलों की सक्रियता बढ़ा दी है.भाजपा ऐतिहासिक रूप से लगातार यहां सत्ता में है तो वही इस बार कांग्रेस भी विधानसभा जैसे परिणाम की उम्मीद में है और ये तय है कि आगले चुनाव बेहद दिलचस्प औऱ कांटे की टक्कर वाले होंगे.

Body:धमतरी प्रदेश की सबसे पुरानी नगर पालिका 130 साल तक रही है बीते 5 साल से ये नगर निगम है.इस तरह से इस निकाय की उम्र कुल 135 साल हो चुकी है.देश औऱ प्रदेश में भले ही कई दशकों तक कांग्रेस की सत्ता जरूर रही.लेकिन धमतरी निकाय में आज तक कांग्रेस सत्ता में काबिज नहीं हो सकी है.यहां लगातार शासन का रिकार्ड पहले जनसंघ और बाद में सिर्फ भाजपा के पास है.जाहिर है हर चुनाव के पहले की तरह शहर की समस्याओं पर चर्चा भी गर्म होने लगी है लेकिन ये सब पुराने अखबारों को पढ़ने जैसा है कि तारीख बदल गई पर खबरें वही है.इन बीते दशको में बढ़ते शहर के साथ समस्याएं भी बढ़ी है.सत्ताधारी भाजपा कभी संतुलित विकास की योजना नहीं बना सकी.नतीजा आज शहर में रेन वाटर ड्रेनेज,गोकुल नगर की कमी,आवारा मवेशी, ट्रांसपोर्ट नगर की कमी,नये बस स्टैंड की कमी,बाग बगीचे की कमी,बाजार में अतिक्रमण,अवैध कालोनी औऱ अवैध निर्माण जैसी चुनौतियां दैत्याकार रूप ले चुकी है.शहर से गायब होते तालाब, गिरता जलस्तर भविष्य में सुरसा के मुंह जैसे विकराल संकट का रूप लेने वाले है लेकिन आज अगर भाजपा के पास ये सवाल लेकर जाएं कि आज तक आपकी क्या उपलब्धियां है तो वो सड़क और नाली निर्माण को सबसे पहले गिनाते है लेकिन आम जनता जागरूक है जो पब्लिक है वो सब जानती है औऱ समझती भी है.

पब्लिक को तो सब समझ है लेकिन क्या कारण है कि वोबार बार भाजपा को ही सत्ता सौंपती है.दरअसल इसके पीछे भाजपा की काबिलियत से ज्यादा कांग्रेस की नाकाबिलियत कारण है.मसलन गुटबाजी,जमीनी कार्यकर्ताओ की कमी,जनता से नेताओ की दूरी जैसी चुनौतियो से कांग्रेस का स्थानय नेतृत्व आज तक तोड़ नहीं निकल सका है लेकिन इस बार क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की नई नई सरकार है तो उत्साह भी है.इसके बावजूद ये तय है कि मुकाबला बेहद कड़ा होना तय है.Conclusion:भाजपा का अजैय दुर्ग बन चुका धमतरी इस बार उतना सुरक्षित नजर नहीं आ रहा है हां इस बीच कांग्रेस की अंदरूनी कलह की चिंगारी ने आग पकड़ ली तो इसकी लपट में फिर कांग्रेस का झुलसना तय है.आग कही भी लगे और कोई भी जीते जरूरी तो ये है कि अब तस्वीर बदलनी चाहिये.

बाईट...जुनैद रिजवी,स्थानीय नागरिक
बाईट....योगेश लाल,नेता कांग्रेस
बाईट....कविंद्र जैन, प्रवक्ता जिला भाजपा
बाईट....मोहन लालवानी,जिलाध्यक्ष कांग्रेस

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
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