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चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां दंतेश्वरी की विशेष पूजा

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Published : Apr 17, 2021, 2:08 PM IST

Updated : Apr 17, 2021, 2:29 PM IST

चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां दंतेश्वरी के स्वरूप स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया. भोग लगाने के बाद मंदिर कमेटी के सेवादार द्वारा हवन किया गया.

worship of Maa Danteshwari
मां दंतेश्वरी की विशेष पूजा

दंतेवाड़ा: चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां दंतेश्वरी के स्वरूप स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया. नवरात्र के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां स्कंदमाता की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है और संकट दूर होते हैं. भोग लगाने के बाद मंदिर कमेटी के सेवादार द्वारा पूजा हवन किया गया.

मंदिर परिसर में की जा रही कोरोना जांच

मंदिर प्रांगण में ही कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए स्टॉल लगाए गए हैं. जहां पर स्वास्थ्यकर्मी आने-जाने वालों का कोरोना टेस्ट कर रहे हैं. श्रद्धालु बाहर लगी डिजिटल स्क्रीन पर मां दंतेश्वरी के दर्शन कर रहे हैं. श्रद्धा पूर्वक फूल नारियल अर्पित कर अपनी मनोकामना मांग रहे हैं. मंदिर में प्रवेश वर्जित होने के कारण श्रद्धालु माई के दर्शन बाहर से ही करके घर लौट रहे हैं. मंदिर प्रांगण में लगी दुकानों में बिक्री पर भी प्रभाव पड़ा है. दिन भर में कुछ ही श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं.

पंचमी में इस विधि से करें बुद्धिदायिनी, मोक्षदायिनी भगवती स्कंदमाता की पूजा

पांचवें दिन भगवती के स्कंदमाता रूप की पूजा की जाती है

चैत्र नवरात्र का आज पांचवां दिन है. जिसे पंचमी भी कहा जाता है. नवरात्र के पांचवें दिन भगवती के स्कंदमाता रूप की पूजा की जाती है. मां स्कंदमाता की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और संकट दूर होते हैं. मां स्कंदमाता की उपासना से मोक्ष के द्वार खुलते हैं. स्कंदमाता पद्मासनी देवी के नाम से भी जानी जाती हैं. सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक या इनकी आराधना करने वाला अलौकिक तेज और क्रांति से संपन्न हो जाता है. इनकी पूजा से बुद्धि और प्रखरता बढ़ती है, ज्ञान बढ़ता है. वेदारंभ संस्कार (पढ़ाई की शुरुआत) के लिए भी ये दिन बेहद शुभ माना जाता है.

दंतेवाड़ा: चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां दंतेश्वरी के स्वरूप स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया. नवरात्र के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां स्कंदमाता की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है और संकट दूर होते हैं. भोग लगाने के बाद मंदिर कमेटी के सेवादार द्वारा पूजा हवन किया गया.

मंदिर परिसर में की जा रही कोरोना जांच

मंदिर प्रांगण में ही कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए स्टॉल लगाए गए हैं. जहां पर स्वास्थ्यकर्मी आने-जाने वालों का कोरोना टेस्ट कर रहे हैं. श्रद्धालु बाहर लगी डिजिटल स्क्रीन पर मां दंतेश्वरी के दर्शन कर रहे हैं. श्रद्धा पूर्वक फूल नारियल अर्पित कर अपनी मनोकामना मांग रहे हैं. मंदिर में प्रवेश वर्जित होने के कारण श्रद्धालु माई के दर्शन बाहर से ही करके घर लौट रहे हैं. मंदिर प्रांगण में लगी दुकानों में बिक्री पर भी प्रभाव पड़ा है. दिन भर में कुछ ही श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं.

पंचमी में इस विधि से करें बुद्धिदायिनी, मोक्षदायिनी भगवती स्कंदमाता की पूजा

पांचवें दिन भगवती के स्कंदमाता रूप की पूजा की जाती है

चैत्र नवरात्र का आज पांचवां दिन है. जिसे पंचमी भी कहा जाता है. नवरात्र के पांचवें दिन भगवती के स्कंदमाता रूप की पूजा की जाती है. मां स्कंदमाता की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और संकट दूर होते हैं. मां स्कंदमाता की उपासना से मोक्ष के द्वार खुलते हैं. स्कंदमाता पद्मासनी देवी के नाम से भी जानी जाती हैं. सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक या इनकी आराधना करने वाला अलौकिक तेज और क्रांति से संपन्न हो जाता है. इनकी पूजा से बुद्धि और प्रखरता बढ़ती है, ज्ञान बढ़ता है. वेदारंभ संस्कार (पढ़ाई की शुरुआत) के लिए भी ये दिन बेहद शुभ माना जाता है.

Last Updated : Apr 17, 2021, 2:29 PM IST
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