दंतेवाड़ा: नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 25 किसानों को राज्य शासन की गौठान भ्रमण योजना के तहत जिला कार्यालय से गौठान के भ्रमण के लिए भेजा गया. कमिश्नर जी.आर चुरेंद्र और कलेक्टर दीपक सोनी ने हरी झंडी दिखाकर बस से रवाना किया. जाने के पहले कमिश्नर और कलेक्टर ने सभी किसानों को गुलाब देकर भ्रमण के लिए शुभकामनाएं दी.
नॉलेज एक्सचेंज के लिए भ्रमण
छत्तीसगढ़ शासन ने अब गौठानों के कामकाज को लेकर प्रदेश के किसानों और गौठान समितियों के सदस्यों को नॉलेज एक्सचेंज करने के लिए महत्वाकांक्षी भ्रमण कार्यक्रम तैयार किया है. इसका उद्देश्य ये है कि बस्तर संभाग की गौठान समितियों के सदस्य अपने जिले से बाहर के भी गौठानों के कामकाज, खेती किसानी, गौठान संचालन के तरीके और जैविक खाद उत्पादन जैसे काम देखें और सींखे.
15 से 19 मार्च तक कार्यक्रम
बस्तर संभाग के सभी 7 जिलों के गौठान समितियों के सदस्यों को मध्य क्षेत्र में गोधन न्याय योजना के तहत संचालित गौठानों का भ्रमण कराने के लिए, 15 से 19 मार्च तक कार्यक्रम तय है. गौठान समिति के सदस्यों को कृषि गतिविधियों में नवाचार अपनाने, गोधन न्याय योजना को बेहतर ढंग से समझाने और उन्नत कृषि को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना है.
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पशुपालन को प्रोत्साहन देना उदेश्य
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी का संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है. इस योजना के तहत गौठानों में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठान समितियों के जरिेए गोबर खरीदकर गोबर से वर्मी कंपोस्ट और अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है. इस योजना से जैविक खेती को बढ़ावा, ग्रामीण और शहरी स्तर पर रोजगार के नए अवसर, गौपालन और गौ सुरक्षा के प्रोत्साहन के साथ ही पशुपालकों, महिला स्व-सहायता समूहों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है.
मवेशियों के खुले में रखने की परंपरा
बस्तर क्षेत्र में पशुओं को खुला रखने की परंपरा है. लिहाजा बस्तर क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा गौठान निर्माण और गौठान संचालित नहीं किए जाते हैं. गौठानों से मिलने वाले फायदे को बस्तर क्षेत्र के ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए गौठान भ्रमण कार्यक्रम तैयार किया गया है.