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बस्तर में कड़ी सुरक्षा के बीच नक्सलगढ़ के इन गांवों में पहली बार लहराएगा तिरंगा

आजादी के 75 साल बाद बस्तर के नक्सलगढ़ में शान से तिरंगा फहराएगा जाएगा. बस्तर पुलिस और ग्रामीण बढ़ चढ़कर हर घर तिरंगा अभियान में हिस्सा ले रहे हैं. आजादी के बाद पहली बार नक्सलगढ़ के छह गांवों में लहराएगा तिरंगा. इसकी तैयारी कर ली गई है.

naxalgarh of bastar
बस्तर के नक्सलगढ़ में लहराएगा तिरंगा
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Published : Aug 13, 2022, 7:56 PM IST

Updated : Aug 15, 2022, 7:56 AM IST

बस्तर: अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो गए. जिसके बाद पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के बस्तर में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर ग्रामीणों में अलग ही चहल पहल है. कई दशकों से बस्तर में नक्सलवाद की वजह से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा से अनजान अब यहां के ग्रामीण इस साल शान से अपने अपने गांव में स्कूलों के साथ सरकारी भवनों में तिरंगा फहराएंगे. आजादी के बाद पहली बार बस्तर के कई गांव जहां कभी भी तिरंगा झंडा नहीं फहराया गया था वहां तिरंगा झंडा फहराया जाएगा.

आजादी के बाद पहली बार इन गांवों में लहराएगा तिरंगा

प्रशासन ने तिरंगा झंडा फहराने की तैयारी की: बस्तर आईजी सुन्दरराज पी ने बताया कि " इस साल 15 अगस्त के मौके पर कभी नक्सलियों का गढ़ रहे 6 से अधिक गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया जाएगा. इसको लेकर पुलिस के जवान और इन इलाकों के ग्रामीण पहले से ही तैयारी में जुट गए हैं. बस्तर में पिछले कई सालों से इन इलाकों में नक्सली काला झंडा लहरा कर ग्रामीणों को भी अपने राष्ट्रीय पर्व को मनाने की मनाही करते हैं. ग्रामीण चाहकर भी अपने इस राष्ट्रीय पर्व को नहीं मना पाते. उन्हें मालूम ही नहीं होता कि राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा झंडा क्यों फहराया जाता है." लेकिन इस बार सुरक्षाबल के जवान और बस्तर जिला प्रशासन इन गांवों में तिरंगा झंडा फहराएगा. पी सुंदरराज ने कहा कि नक्सली इन इलाकों में अपनी पैठ जमाए बैठे हैं. ऐसे में इस राष्ट्रीय पर्व पर ना कोई ध्वजारोहण होता है और ना ही कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, नक्सलियों के दहशत की वजह से ग्रामीणों को उन्हीं के नक्शे कदम पर चलना पड़ता है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं है.

यह भी पढ़ें: दंतेवाड़ा में नक्सलियों के खौफ के बीच हर घर तिरंगा अभियान का लक्ष्य पूरा करेंगे सीआरपीएफ जवान

धुर नक्सलगढ़ में लहराएगा तिरंगा: दरअसल बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आज भी ऐसे गांव हैं. जहां नक्सली स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर काला झंडा फहराकर इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाते हैं. ग्रामीणों को भी अपने इस राष्ट्रीय पर्व से दूर रखते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से जिस तरह बस्तर पुलिस नक्सलियों के मांद में घुसकर उनके संगठन को कमजोर कर रही है. उन्हें बैकफुट पर जाने को मजबूर किया है. इससे अब ग्रामीण अंचलों में इस साल राष्ट्रीय पर्व को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पहली बार अपने क्षेत्रों में तिरंगा झंडा फहराने को लेकर काफी उत्साहित भी हैं.

बस्तर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त : आजादी के अमृत महोत्सव पर बस्तर पुलिस ने ठान लिया है कि अब इन नक्सलगढ़ में शान से तिरंगा फहराया जाएगा. एक एक ग्रामीण इस राष्ट्रीय पर्व को धूमधाम से मनायेंगे. इन नक्सल इलाकों में ग्रामीणों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. तिरंगा फहराने को लेकर ग्रामीणों के साथ बच्चे भी उत्साहित नजर आ रहे हैं.

नक्सलियों पर सुरक्षाबलों की पैनी नजर: जवान लगातार इन नक्सलगढ़ में सर्चिंग कर नक्सलियों के एक एक मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं. नक्सलियों के मंसूबे नाकाम करने के लिए यह जवान बारिश में भी नदी नाले पार करते हुए जंगलों की सर्चिंग कर रहे हैं. ग्रामीणों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि स्वतंत्र दिवस पर हर घर तिरंगा अभियान में शामिल हो सकें. गांव की महिलाएं भी इस अभियान में शामिल होने बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और गीतों के साथ तिरंगा फहराने की तैयारी कर रही है.

बस्तर: अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो गए. जिसके बाद पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के बस्तर में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर ग्रामीणों में अलग ही चहल पहल है. कई दशकों से बस्तर में नक्सलवाद की वजह से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा से अनजान अब यहां के ग्रामीण इस साल शान से अपने अपने गांव में स्कूलों के साथ सरकारी भवनों में तिरंगा फहराएंगे. आजादी के बाद पहली बार बस्तर के कई गांव जहां कभी भी तिरंगा झंडा नहीं फहराया गया था वहां तिरंगा झंडा फहराया जाएगा.

आजादी के बाद पहली बार इन गांवों में लहराएगा तिरंगा

प्रशासन ने तिरंगा झंडा फहराने की तैयारी की: बस्तर आईजी सुन्दरराज पी ने बताया कि " इस साल 15 अगस्त के मौके पर कभी नक्सलियों का गढ़ रहे 6 से अधिक गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया जाएगा. इसको लेकर पुलिस के जवान और इन इलाकों के ग्रामीण पहले से ही तैयारी में जुट गए हैं. बस्तर में पिछले कई सालों से इन इलाकों में नक्सली काला झंडा लहरा कर ग्रामीणों को भी अपने राष्ट्रीय पर्व को मनाने की मनाही करते हैं. ग्रामीण चाहकर भी अपने इस राष्ट्रीय पर्व को नहीं मना पाते. उन्हें मालूम ही नहीं होता कि राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा झंडा क्यों फहराया जाता है." लेकिन इस बार सुरक्षाबल के जवान और बस्तर जिला प्रशासन इन गांवों में तिरंगा झंडा फहराएगा. पी सुंदरराज ने कहा कि नक्सली इन इलाकों में अपनी पैठ जमाए बैठे हैं. ऐसे में इस राष्ट्रीय पर्व पर ना कोई ध्वजारोहण होता है और ना ही कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, नक्सलियों के दहशत की वजह से ग्रामीणों को उन्हीं के नक्शे कदम पर चलना पड़ता है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं है.

यह भी पढ़ें: दंतेवाड़ा में नक्सलियों के खौफ के बीच हर घर तिरंगा अभियान का लक्ष्य पूरा करेंगे सीआरपीएफ जवान

धुर नक्सलगढ़ में लहराएगा तिरंगा: दरअसल बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आज भी ऐसे गांव हैं. जहां नक्सली स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर काला झंडा फहराकर इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाते हैं. ग्रामीणों को भी अपने इस राष्ट्रीय पर्व से दूर रखते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से जिस तरह बस्तर पुलिस नक्सलियों के मांद में घुसकर उनके संगठन को कमजोर कर रही है. उन्हें बैकफुट पर जाने को मजबूर किया है. इससे अब ग्रामीण अंचलों में इस साल राष्ट्रीय पर्व को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पहली बार अपने क्षेत्रों में तिरंगा झंडा फहराने को लेकर काफी उत्साहित भी हैं.

बस्तर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त : आजादी के अमृत महोत्सव पर बस्तर पुलिस ने ठान लिया है कि अब इन नक्सलगढ़ में शान से तिरंगा फहराया जाएगा. एक एक ग्रामीण इस राष्ट्रीय पर्व को धूमधाम से मनायेंगे. इन नक्सल इलाकों में ग्रामीणों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. तिरंगा फहराने को लेकर ग्रामीणों के साथ बच्चे भी उत्साहित नजर आ रहे हैं.

नक्सलियों पर सुरक्षाबलों की पैनी नजर: जवान लगातार इन नक्सलगढ़ में सर्चिंग कर नक्सलियों के एक एक मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं. नक्सलियों के मंसूबे नाकाम करने के लिए यह जवान बारिश में भी नदी नाले पार करते हुए जंगलों की सर्चिंग कर रहे हैं. ग्रामीणों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि स्वतंत्र दिवस पर हर घर तिरंगा अभियान में शामिल हो सकें. गांव की महिलाएं भी इस अभियान में शामिल होने बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और गीतों के साथ तिरंगा फहराने की तैयारी कर रही है.

Last Updated : Aug 15, 2022, 7:56 AM IST
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