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जांच से खुश नहीं हैं आदिवासी, फिर बना रहे हैं आंदोलन की रणनीति

प्रशासन द्वारा की जा रही जांच से आदिवासी खुश नहीं है, जिसके चलते एक बार फिर आदिवासी आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं.

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Published : Jun 18, 2019, 3:20 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 5:33 PM IST

आदिवासी

दंतेवाड़ा: बैलाडीला की खदान डिपॉजिट 13 नंबर को लेकर एक बार फिर आदिवासी लामबंद हो रहे हैं. पंचायत संघर्ष समिति के लोग एक बार फिर दंतेवाड़ा की नई धर्मशाला में जुटे. लोगों ने जांच प्रक्रिया पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

जांच से खुश नहीं हैं आदिवासी
समिति के सदस्यों और पदाधिकारियों का कहना है कि प्रशासन ठीक से जांच नहीं कर रहा है इसलिए इस बार और नई रणनीति तैयार की जा रही है. समिति सदस्यों का कहना है कि 6 दिन बाद भी इस बात का पता नहीं चला कि जांच किस दिशा में जा रही है. लोगों ने लगाए ये आरोप
  • सचिव पंचायत से गायब है, प्राशासन ही तो नहीं छुपा रहा है.
  • जांच समिति के 8 सदस्यों से नहीं राय नहीं ली जा रही है.
  • प्रशासन ने जानकारी समिति से मांगी थी, वो आज एसडीएम को सौंप देंगे.
  • सीएम से मिलने कांग्रेसी गए थे, पंचायत संघर्ष समिति के सदस्य नहीं मिले.
  • 106 लोगों ने दस्तखत किए थे, जिसमें अधिकांश ने अंगूठा लगाया. फर्जी ग्राम सभा को अमली जामा पहनने वाला ग्राम सच्ची बसंत नायक दो माह से नहीं आ रहा है.
  • आंदोलन को गुमराह करने के लिए सचिव को गायब किया गया है, यदि किसी पंचायत का सचिव इतने दिन अनुपस्थित रहता तो अभी तक कार्रवाई हो जाती लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हो रही है.
  • पेड़ों की कटाई में वन विभाग भी दोषी है. इतने बड़े पैमाने पर पेड़ों को कटा गया है, ये संभव ही नहीं है.


फिर ग्राम सभा कराने की मांग

प्रशासन से फिर से ग्राम सभा कराने की मांग कर रहे हैं. ग्राम सभा में सभी ग्रामीण विरोध करेंगे. जांच की जरूरत नहीं पड़ेगी और दस्तावेजों को खोजने की भी जरूरत नहीं है.

दंतेवाड़ा: बैलाडीला की खदान डिपॉजिट 13 नंबर को लेकर एक बार फिर आदिवासी लामबंद हो रहे हैं. पंचायत संघर्ष समिति के लोग एक बार फिर दंतेवाड़ा की नई धर्मशाला में जुटे. लोगों ने जांच प्रक्रिया पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

जांच से खुश नहीं हैं आदिवासी
समिति के सदस्यों और पदाधिकारियों का कहना है कि प्रशासन ठीक से जांच नहीं कर रहा है इसलिए इस बार और नई रणनीति तैयार की जा रही है. समिति सदस्यों का कहना है कि 6 दिन बाद भी इस बात का पता नहीं चला कि जांच किस दिशा में जा रही है. लोगों ने लगाए ये आरोप
  • सचिव पंचायत से गायब है, प्राशासन ही तो नहीं छुपा रहा है.
  • जांच समिति के 8 सदस्यों से नहीं राय नहीं ली जा रही है.
  • प्रशासन ने जानकारी समिति से मांगी थी, वो आज एसडीएम को सौंप देंगे.
  • सीएम से मिलने कांग्रेसी गए थे, पंचायत संघर्ष समिति के सदस्य नहीं मिले.
  • 106 लोगों ने दस्तखत किए थे, जिसमें अधिकांश ने अंगूठा लगाया. फर्जी ग्राम सभा को अमली जामा पहनने वाला ग्राम सच्ची बसंत नायक दो माह से नहीं आ रहा है.
  • आंदोलन को गुमराह करने के लिए सचिव को गायब किया गया है, यदि किसी पंचायत का सचिव इतने दिन अनुपस्थित रहता तो अभी तक कार्रवाई हो जाती लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हो रही है.
  • पेड़ों की कटाई में वन विभाग भी दोषी है. इतने बड़े पैमाने पर पेड़ों को कटा गया है, ये संभव ही नहीं है.


फिर ग्राम सभा कराने की मांग

प्रशासन से फिर से ग्राम सभा कराने की मांग कर रहे हैं. ग्राम सभा में सभी ग्रामीण विरोध करेंगे. जांच की जरूरत नहीं पड़ेगी और दस्तावेजों को खोजने की भी जरूरत नहीं है.

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जांच से खुश नहीं हैं आदिवासी, फिर बना रहे हैं आंदोलन की रणनीति

दंतेवाड़ा: बैलाडीला की खदान डिपॉजिट 13 नंबर को लेकर एक बार फिर आदिवासी लामबंद हो रहे हैं. पंचायत संघर्ष समिति के लोग एक बार फिर दंतेवाड़ा की नई धर्मशाला में जुटे. लोगों ने जांच प्रक्रिया पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. 

समिति के सदस्यों और पदाधिकारियों का कहना है कि प्रशासन ठीक से जांच नहीं कर रहा है इसलिए इस बार और नई रणनीति तैयार की जा रही है. समिति सदस्यों का कहना है कि 6 दिन बाद भी इस बात का पता नहीं चला कि जांच किस दिशा में जा रही है. 

लोगों ने लगाए ये आरोप-

सचिव पंचायत से गायब है, प्राशासन ही तो नहीं छुपा रहा है.

जांच समिति के 8 सदस्यों से नहीं राय नहीं ली जा रही है. 

प्रशासन ने जानकारी समिति से मांगी थी, वो आज एसडीएम को सौंप देंगे.

सीएम से मिलने कांग्रेसी गए थे, पंचायत संघर्ष समिति के सदस्य नहीं मिले.

106 लोगों ने दस्तखत किए थे, जिसमें अधिकांश ने अंगूठा लगाया. फर्जी ग्राम सभा को अमली जामा पहनने वाला ग्राम सच्ची बसंत नायक दो माह से नहीं आ रहा है. 

आंदोलन को गुमराह करने के लिए सचिव को गायब किया गया है, यदि किसी पंचायत का सचिव इतने दिन अनुपस्थित रहता तो अभी तक कार्रवाई हो जाती लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हो रही है. 

पेड़ों की कटाई में वन विभाग भी दोषी है. इतने बड़े पैमाने पर पेड़ों को कटा गया है, ये संभव ही नहीं है. 

फिर ग्राम सभा कराने की मांग

प्रशासन से फिर से ग्राम सभा कराने की मांग कर रहे हैं. ग्राम सभा में सभी ग्रामीण विरोध करेंगे. जांच की जरूरत नहीं पड़ेगी और दस्तावेजों को खोजने की भी जरूरत नहीं है.


Conclusion:
Last Updated : Jun 18, 2019, 5:33 PM IST
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