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एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए पूरा देश खड़ा था, ग्रामीणों के लिए क्यों नहीं? - नक्सलियों ने किया ग्रामीणों का अपहरण

दंतेवाड़ा के किरंदुल थाना क्षेत्र से अगवा किए गए ग्रामीणों की अब तक वापसी न होने से समाजसेवी सोनी सोरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार पर सवालिया निशान खड़े किए हैं.

अगवा ग्रामीणों के परिजनो से मुलाकात करती समाजसेवी सोरी सोनी
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Published : Aug 17, 2019, 9:39 PM IST

Updated : Aug 17, 2019, 11:22 PM IST

दंतेवाड़ा: एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए पूरा देश खड़ा था, लेकिन गुमियापाल के इन आदिवासियों के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है. ये कहना है समाजसेवी सोनी सोरी का, जिन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लोगों और सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है.

Social worker soni sori issued press release for villager kidnapped by naxals
सोनी सोरी ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति

प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जताई नाराजगी
दंतेवाड़ा के गुमियापाल गांव से अगवा किए गए आदिवासियों की अब तक कोई खबर नहीं है. सोरी का कहना है कि इन ग्रामीणों के मामले में समाज और सरकार क्यों नहीं खड़ी है? उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि किरंदुल थाना क्षेत्र के गुमियापाल से अपहृत ग्रामीण 6 दिन बाद भी अब तक गांव नहीं लौटे हैं. 11 अगस्त रविवार रात नक्सलियों ने गुमियापाल के 6 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया था.

14 अगस्त को एसपी से की थी फोन पर बात
सोरी ने बताया कि 14 अगस्त को उन्होंने ग्रामीणों के अगवा होने की सूचना एसपी अभिषेक पल्लव को फोन पर दी थी. लेकिन एसपी का कहना है कि 'मेरे पास कोई शिकायत लेकर नहीं आयी है. सोरी ने पुलिस को इस घटना का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि आपकी फोर्स ने 9 और 10 तारीख को गुमियापाल गांव जाकर ग्रामीणों के साथ मारपीट की थी, इसी वजह से ग्रामीण आप लोगों के डर से आपके पास शिकायत करने नहीं आए.

सोनी सोरी

पुलिस आदिवासियों को इस्तेमाल कर रही है
सोरी ने कहा कि पुलिस गांव के सीधे-साधे ग्रामीण आदिवासियों को चंद पैसों का लालच दिखाकर मुखबिर बनाती है. इस बात को पुलिस भी कई मौकों पर स्वीकार कर चुकी है. सरकार नक्सलियों से अपनी लड़ाई में भोले-भाले आदिवासियों को मुखबिर बनाकर उनका इस्तेमाल कर रही है.

सरकार बताए ग्रामीणों की रिहाई कब होगी- सोरी
सोरी ने सरकार पर सवालिया निशान खड़े करते हुए ये पूछा है कि सरकार कितने दिनों में ग्रामीणों की सकुशल वापसी करवा लेगी. आदिवासीयों के परिजन सरकार से गुहार लगा रहें हैं.

दंतेवाड़ा: एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए पूरा देश खड़ा था, लेकिन गुमियापाल के इन आदिवासियों के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है. ये कहना है समाजसेवी सोनी सोरी का, जिन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लोगों और सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है.

Social worker soni sori issued press release for villager kidnapped by naxals
सोनी सोरी ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति

प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जताई नाराजगी
दंतेवाड़ा के गुमियापाल गांव से अगवा किए गए आदिवासियों की अब तक कोई खबर नहीं है. सोरी का कहना है कि इन ग्रामीणों के मामले में समाज और सरकार क्यों नहीं खड़ी है? उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि किरंदुल थाना क्षेत्र के गुमियापाल से अपहृत ग्रामीण 6 दिन बाद भी अब तक गांव नहीं लौटे हैं. 11 अगस्त रविवार रात नक्सलियों ने गुमियापाल के 6 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया था.

14 अगस्त को एसपी से की थी फोन पर बात
सोरी ने बताया कि 14 अगस्त को उन्होंने ग्रामीणों के अगवा होने की सूचना एसपी अभिषेक पल्लव को फोन पर दी थी. लेकिन एसपी का कहना है कि 'मेरे पास कोई शिकायत लेकर नहीं आयी है. सोरी ने पुलिस को इस घटना का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि आपकी फोर्स ने 9 और 10 तारीख को गुमियापाल गांव जाकर ग्रामीणों के साथ मारपीट की थी, इसी वजह से ग्रामीण आप लोगों के डर से आपके पास शिकायत करने नहीं आए.

सोनी सोरी

पुलिस आदिवासियों को इस्तेमाल कर रही है
सोरी ने कहा कि पुलिस गांव के सीधे-साधे ग्रामीण आदिवासियों को चंद पैसों का लालच दिखाकर मुखबिर बनाती है. इस बात को पुलिस भी कई मौकों पर स्वीकार कर चुकी है. सरकार नक्सलियों से अपनी लड़ाई में भोले-भाले आदिवासियों को मुखबिर बनाकर उनका इस्तेमाल कर रही है.

सरकार बताए ग्रामीणों की रिहाई कब होगी- सोरी
सोरी ने सरकार पर सवालिया निशान खड़े करते हुए ये पूछा है कि सरकार कितने दिनों में ग्रामीणों की सकुशल वापसी करवा लेगी. आदिवासीयों के परिजन सरकार से गुहार लगा रहें हैं.

Intro:एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए देश खड़ा हो गया, इन ग्रामीणों केलिए कोई सामने नहीं आया
दंतेवाड़ा। एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए पूरा देश खड़ा था गुमियापाल के आदिवासियों के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है। इन ग्रामीणों के मामले में समाज और सरकार क्यों नहीं खड़ी है? इन गंभीर आरोपो से भरी समाजसेवी सोनी सॉरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। उन्होंने इस बार समाज पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने लिखा है की किरंदुल थाना क्षेत्र के गुमियापाल से अपहृत ग्रामीण 06 दिन बाद भी अब तक गांव नहीं लौटे हैं। 11 अगस्त रविवार रात नक्सलियों ने गुमियापाल के 06 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया था| खबर मिलते ही 12 अगस्त और 14 अगस्त को गुमियापाल गाँव में गई ।जहाँ पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की।

Body:14 अगस्त को एसपी से की थी फोन पर बात

सोनी सोढ़ी कहती है की 14 अगस्त को
एसपी पल्लव से दूरभाष पर ग्रामीणों के अपहरण होने सूचनाच दी थी| पुलिस अधीक्षक ने अपहरण के मामले में कहा था कि “मेरे पास कोई शिकायत करने नहीं आया। साथ ही यह भी कहा कि गाँव में रहने वाले पीड़ित परिवार शिकायत करने कैसे आयेंगे| क्योंकि आपकी फ़ोर्स ने 09 एवं 10 तारीख को गुमियापाल गाँव जाकर ग्रामीणों के साथ मारपीट की है। इसके बाद ही इन लोंगो का अपहरण हुआ है। ये जो घटना हो रही है इसके लिए आपका प्रशासन जिम्मेदार है|

पुलिस इस्तेमाल कर रही है आदिवासियों का

पुलिस गाँव के सीधे साधे ग्रामीण आदिवासियों को चंद पैसों का लालच दिखाकर मुखबिर बनाती है।इस बात को पुलिस भी कई मौकों पर स्वीकार कर चुकी है | सरकार नक्सलियों से अपनी लड़ाई में भोले भाले आदिवासियों को मुखबिर बनाकर प्रयोग कर रही है |


Conclusion:सरकार बताए ग्रामीणों की रिहाई कब होगी
शुक्रवार को दंतेवाड़ा पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने ग्रामीणों के अपहरण के सवाल पर मीडिया से कहा था कि वे जल्द ही सुरक्षित गांव पहुंच जाएंगे। शासन- प्रशासन और पुलिस रणनीति है इसका खुलासा नहीं कर सकते लेकिन सरकार बताये की कितने दिनों में ग्रामीणों की सकुशल रिहाई सरकार करवा लेगी| आदिवासियों के परिजन इसके लिए गुहार कर रहे है। आदिवासी ग्रामीणों की रिहाई के लिए कौन से कदम उठाये जा रहे हैं जबकि एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए पूरा देश खड़ा था पर इनकी रिहाई के लिए समाज और सरकार क्यों नहीं खड़ी है|

सोढ़ी ने समाज और सर्कार किया तीखा प्रहार
- सरकार क्या कर रही है और समाज कहा है?
- 6 दिन बीते अब तक नहीं नक्सलियों के चुंगुल में ही है ग्रामीण
- 9 व 10 अगस्त को पुलिस ने गुमियापाल गैन में ग्रामीणों से की थी मारपीट
- इस घटना के बाद ही नैलियों ने किया है मुखबिरी का आरोप लगा कर अपहरण
- पुलिस आदिवासियों को पैसे का लालच दे कर मुखबिर बनती है फिर मरने के लिए छोड़ देती है
Last Updated : Aug 17, 2019, 11:22 PM IST
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