दुर्ग/दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने सीआरपीएफ के जवानों और एसएसबी के अधिकारियों और जवानों को राखी बांधी. दुर्ग जिले में ग्रामीण महिलाओं ने एसएसबी के अधिकारियों और जवानों को राखी बांधी है. जबकि दंतेवाड़ा में ग्रामीण महिलाओं ने 231 सीआरपीएफ के जवानों को राखी बांधी. राखी बंधवाने के बाद जवानों ने बहनों के साथ-साथ क्षेत्र की सुरक्षा का वचन दिया.
दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ जवानों को बहनों ने बांधी राखी: दंतेवाड़ा में नक्सली मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ 231 बटालियन के जवान देश के अलग-अलग राज्यों से हैं. ये जवान त्यौहारों में घर नहीं जा पाते. खासकर रक्षाबंधन में इन जवानों की कलाई सूनी रहती है. ऐसे में बुधवार को ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं बटालियन पहुंच कर जवानों को राखी बांधी. सीआरपीएफ जवानों को मिठाई खिलाई. राखी बंधवाने के बाद जवानों ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सुरक्षा का वचन दिया. दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सीआरपीएफ के 231 बटालियन वाहिनी को बस्तर में अमन शांति और मुख्य धारा से भटके लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए तैनात किया गया है. ये लगातार अपने काम में लगे रहते हैं. अब ग्रामीण खुलकर नक्सलवाद खत्म करने को तैयार है.
इस साल रक्षाबंधन के पर्व पर सीआरपीएफ 231 वाहिनी की ओर से सीआरपीएफ कैंप में रक्षाबंधन मनाया गया. इसमें अंदरूनी क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं ने सीआरपीएफ जवानों को राखी बांध कर रक्षा का वचन लिया. -जयन पी सैमुएल, द्वितीय कप्तान, सीआरपीएफ 231 बटालियन
दुर्ग में एसएसबी के जवानों को महिलाओं ने बांधी राखी: बुधवार को दुर्ग के मरोदा स्थित एसएसबी केंद्र में रक्षाबंधन त्यौहार मनाया गया. यहां एसएसबी के अधिकारियों और जवानों को ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने राखी बांधी. दुर्ग के मरोदा स्थित सशस्त्र सीमा बल हेडक्वार्टर में जवानों को राखी बांधने के बाद मुंह मीठा कराया. इसके बाद जवानों ने महिलाओं को उनके और उनके क्षेत्र की सुरक्षा का वचन दिया.
हमें भी अपनी बहनों की कमी आज महसूस हो रही थी. बहुत कम ही वह समय होता है, जब हम अपनी बहनों के पास राखी बंधवाने पहुंचते हैं. आज भिलाई की बहनों के साथ जो समय बिताया है, वह जिंदगी भर यादगार रहेगा. -थॉमस चाकू, डीआईजी, सशस्त्र सीमा बल
बता दें कि पूरे देश में रक्षाबंधन का त्यौहार बुधवार को मनाया जा रहा है. देश के जवानों को महिलाएं राखी बांध कर रक्षा का वचन ले रही है. दरअसल, ये जवान 24 घंटे अपनी ड्यूटी करते हैं. हालांकि इनको त्यौहारों के मौके पर घर जाने तक का मौका नहीं मिल पाता. राखी के त्यौहार को जवान मिस न करे, इसलिए ये महिलाएं जवानों की कलाई में राखी बांध रही है.