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दंतेवाड़ा का 'मांझी', जिसने वेस्ट वाटर से तैयार कर दिया तीन एकड़ का तालाब

गदापाल पंचायत के पूर्व सरपंच लिंगाराम मंडावी ने बरसात में बहने वाले पहाड़ी नाले को रोककर तीन एकड़ में फैले तालाब में लबालब पानी से भरा दिया है.

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Published : Oct 19, 2019, 9:37 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 12:04 AM IST

अपने तलाब को निहारता लिंगाराम मंडावी

दंतेवाड़ा: गदापाल पंचायत के पूर्व सरपंच लिंगाराम मंडावी ने पहाड़ी नाले को रोककर तीन एकड़ में फैले तालाब को लबालब पानी से भर दिया है.

लिंगाराम बताते हैं कि, गांव के किसानों और मवेशियों को गर्मी के दिनों में पानी कमी से परेशानियों का सामना करना पड़ता था. जिसके लिए उसने पहाड़ी नालों से बहना वाले पानी को रोककर उसे संरक्षित करने की सोचा. उन्होंने बताया कि, उनके दादा ने भी एक ऐसा ही तलाब तैयार किया था, जिसके लिए आज तक उनके दादा को याद किया जाता है. उन्हीं से प्रेरणा लेकर वो भी उनकी तरह कुछ करना चाहते थे. गांव में पानी की कमी को दूर करने के लिए उन्होंने गांव से 10 किमी दूर स्थित कुम्म पहाड़ी से निकले बरसाती नाले को तीन साल की कड़ी मेहनत से रोककर यह तलाब तैयार कर दिया है. आज तलाब में साल भर पानी रहता है. इतने पानी से 100 एकड़ से अधिक भूमि को सिंचा जा सकता है.

लिंगा ने बहुत कठनाई का किया समना
लिंगाराम बताते हैं, एक दिन उनके मन में तलाब बनाने का ख्याल आया तो, गांव के लोंगो के सामने बात रखी, लेकिन लोगों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया. जिसके बाद लिंगा ने मशीन लगवा कर नाले के पास बड़ी मेढ़ तैयार करवा दी और जो खुद कर सकता था, वह उसने खुद कर दिया.
पढे़ं : सूरजपुर: टोनही के शक में महिला की बेरहमी से हत्या

नक्सलवाद का दंश भी झेला
लिंगा ने इस घटना को कैमरे के सामने तो नहीं बताया, कहते हैं, लिंगाराम काम के दौरान वह नक्सलियों के नजरों में आ गया था. एक बार उसे उसके घर से उठाकर नक्सली अपने साथ ले गए थे. उसे प्रताड़ित भी किया गया और गांव छोड़ने की धमकी भी दी गई, लेकिन लिंगाराम ने जो ठाना उसे पूरा किया.

दंतेवाड़ा: गदापाल पंचायत के पूर्व सरपंच लिंगाराम मंडावी ने पहाड़ी नाले को रोककर तीन एकड़ में फैले तालाब को लबालब पानी से भर दिया है.

लिंगाराम बताते हैं कि, गांव के किसानों और मवेशियों को गर्मी के दिनों में पानी कमी से परेशानियों का सामना करना पड़ता था. जिसके लिए उसने पहाड़ी नालों से बहना वाले पानी को रोककर उसे संरक्षित करने की सोचा. उन्होंने बताया कि, उनके दादा ने भी एक ऐसा ही तलाब तैयार किया था, जिसके लिए आज तक उनके दादा को याद किया जाता है. उन्हीं से प्रेरणा लेकर वो भी उनकी तरह कुछ करना चाहते थे. गांव में पानी की कमी को दूर करने के लिए उन्होंने गांव से 10 किमी दूर स्थित कुम्म पहाड़ी से निकले बरसाती नाले को तीन साल की कड़ी मेहनत से रोककर यह तलाब तैयार कर दिया है. आज तलाब में साल भर पानी रहता है. इतने पानी से 100 एकड़ से अधिक भूमि को सिंचा जा सकता है.

लिंगा ने बहुत कठनाई का किया समना
लिंगाराम बताते हैं, एक दिन उनके मन में तलाब बनाने का ख्याल आया तो, गांव के लोंगो के सामने बात रखी, लेकिन लोगों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया. जिसके बाद लिंगा ने मशीन लगवा कर नाले के पास बड़ी मेढ़ तैयार करवा दी और जो खुद कर सकता था, वह उसने खुद कर दिया.
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नक्सलवाद का दंश भी झेला
लिंगा ने इस घटना को कैमरे के सामने तो नहीं बताया, कहते हैं, लिंगाराम काम के दौरान वह नक्सलियों के नजरों में आ गया था. एक बार उसे उसके घर से उठाकर नक्सली अपने साथ ले गए थे. उसे प्रताड़ित भी किया गया और गांव छोड़ने की धमकी भी दी गई, लेकिन लिंगाराम ने जो ठाना उसे पूरा किया.

Intro:पहाड़ी नाला रोक कर किसान ने तैयार कर दिया तीन एकड़ का तालाब
- गदापाल के पूर्व सरपंच ने किया है ये काम,कहा गांव वालों की पानी की किल्लत होगी दूर
- 100 से अधिक किसानों को पहुंचेगा लाभ, 100 एकड़ से अधिक भूमि होगी सिंचित
- व्यर्थ बाह जाता था पानी,बरसात में खोलते है तालाब का मुंह, पानी ओव्हर फ्लो हो कर फसल बर्बाद न हो
दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा ब्लॉक के गदापाल पंचायत के किसान लिंगाराम मंडावी ने अपने किसान भाइयों के दर्द को दूर करने के लिए बड़ी पहल की है। उन्होंने 10 किमी दूर स्थित कुम्म पहाड़ी से निकले झरने के पानी से तालाब तैयार किया है। लिंगा राम बताते है कि गर्मियों में ये पहाड़ी नाला पूरा सुख जाता है। इससे गांव के मवेशी तक अपनी प्यास बोझाने के लिए भटकते थे। एक दिन मां में ख्याल आया तो गांव के लोंगो के सामने बात रखी,लेकिन उतनी तरजीह नही दी। मेर पास कुछ पैसा था तो मशीन लगवा कर नाले के पास बड़ी मेढ़ तैयार कर करवा दी जो हाँथ की म्हणतबसे हो सकता था वह हमने खुद कर दिया। जब इस तालाब का मर्त रूप दिखने लगा तो गांव के लोग भी मदद के लिए आगे आए। कड़ी मेहनत के बाद तालाब तैयारनहो गया। करीब तीन एकड़ में यह तालाब है।



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100 किसानों की 100 एकड़ जमीन भी सिंचित होगी
लगभग इस तालाब के आस-पास 100 किसानों से अधिक की जमीन है । बड़ी आसानी से पम्प रख कर 100 एकड़ से अधिक जमीन को सिंचित भी कियाया जा सकता है। करीब 700 परिवारों के जानवरों को पीने का पानी 12 माह उपलब्ध रहेगा। गदापाल गांव की एक बड़ी समस्या का निदान हुआ है।

झेला माओवाद का दंश भी
दबी जुबां में लिंगा बताते है कि इस काम को पूरा करने के लिए कई कठनाइयों का सामना किया। अंदर की ताकत का भी सामना करना पड़ा। जब भी विकास की बात की तो जिंदगी पर बन आई। नक्सलियों ने करीब डेढ़ साल पहले घर से उठाया। आरोप लगाया कि सरकार और पुलिस का साथ देते हो। बंदूक की बट से बुरी तरह से पीटा। दो दिन तक जिला अस्पताल में भर्ती रहा,लेकिन हमने गान नही छोड़ा। न ही आगे छोड़ेंगे। अपनी जमीन,अपना घर द्वार कोई छोड़ता है। अभी भो जितना बनता है विकास के लिए करते है।






Conclusion:
Last Updated : Oct 20, 2019, 12:04 AM IST
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