दंतेवाड़ा : दंतेवाड़ा जिले में कुछ आंगनबाड़ियों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (anganwadi worker) द्वारा मध्याह्न भोजन के पहले PDS के चावल में प्लास्टिक की तरह दिखने वाले चावल के दाने मिलने से हड़कंप मच गया है. इसकी सूचना आंगनबाड़ी में कार्य कर रही मध्याह्न भोजन बनाने वाली दीदियों ने अपने उच्च अधिकारियों को दी. इसके बाद अधिकारियों के अमले मध्याह्न भोजन (mid day meal ) के पहले स्कूलों में पहुंचकर उस चावल का मुआयना किया. साथ ही उन गानों को पैकेट में भरकर जांच के लिए उच्च अधिकारियों के पास भेजा गया. जिन बोरियों में यह चावल मिला था, उन बोरियों को अलग कर दिया गया. जबकि बच्चों को दूसरे चावल से मध्याह्न भोजन कराया गया. जब ईटीवी भारत की टीम इस चावल के मामले की जांच-पड़ताल के लिए खाद्य अधिकारी गंगाधर ठाकुर के पास गई, तो उन्होंने बताया कि प्लास्टिक चावल वाली बात का भ्रामक प्रचार किया जा रहा है.
इस संबंध में खाद्य अधिकारी गंगाराम ठाकुर (Food Officer Ganga Ram Thakur) ने बताया कि उचित मूल्य की दुकान में फोर्टिफाईड चावल का वितरण किया जा रहा है. यह पोषणयुक्त होता है. फोर्टिफाईड चावल में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं. इस चावल के उपयोग से कुपोषण में कमी आएगी. यह विशेष प्रकार के पोषण वाला फोर्टिफाईड चावल है.
यह चावल सरकार द्वारा गर्भवती माताओं एवं बच्चों के लिए लाभकारी है. फोर्टिफाईड चावल में जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व को विटामिन और खनिज मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है. जिस तरह साधारण नमक में आयोडीन मिलाकर उसे आयोडाइज्ड बनाया जाता है. चावल को फोर्टिफाईड बनाना भी इसी तरह की एक प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया में चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार लाया जाता है.
गांव-गांव तक जानकारी पहुंचाने की अपील
खाद्य अधिकारी गंगाराम ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मितानिन सहायिका व स्कूल हॉस्टलों में मध्याह्न भोजन बनाने वाली कार्यकर्ताओं से यह संदेश आम जनता व गांव-गांव में पहुंचाने की अपील की है कि चावल में कोई मिलावट नहीं है और न ही यह चावल प्लास्टिक का है.