दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 3 लाख के इनामी नक्सली डिप्टी कमांडर महेश मडकामी ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है. दंतेवाड़ा पुलिस कई समय से जिले में 'लोन वर्राटू अभियान' चला रही है. इसी के तहत नक्सली कंमाडर ने एसपी अभिषेक पल्लव के सामने सरेंडर किया.
दंतेवाड़ा में 3 लाख के इनामी एलओएस डिप्टी कमांडर ने नक्सल उन्मूलन अभियान पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में जुड़ने की इच्छा जताई थी. जिसके बाद आज लोन वर्राटू अभियान के तहत एसपी अभिषेक पल्लव के समक्ष आत्मसमर्पण किया है.
एलओएस डिप्टी कमांडर महेश मडकामी भैरमगढ़ एरिया कमेटी के अंतर्गत नक्सली संगठन में सक्रिय था. जिसके ऊपर कई मामले में अपराध दर्ज हैं. 2019 में हुरेपाल पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शामिल था. जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हुआ था. छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके ऊपर 3 लाख इनाम घोषित किया था. वहीं, लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 108 इनामी नक्सली सहित कुल 404 नक्सलियों ने मुख्यधारा में जोड़ सरेंडर किया है.
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1 साल पहले शुरू हुआ था 'लोन वर्राटू अभियान'
दंतेवाड़ा पुलिस ने जून 2020 को 'लोन वर्राटू अभियान' (घर वापस आइए अभियान) की शुरुआत की थी. पुलिस ने ग्राम पंचायतवार नक्सलियों की सूची जारी कर गांवों में चस्पा कराया था. इस अभियान के शुरू होने के बाद तब तक 108 इनामी सहित 404 नक्सलियों ने हथियार डाल सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में कई कमांडर स्तर के भी नक्सली शामिल हैं. वहीं इस अभियान की तारीफ सीएम भूपेश बघेल भी कर चुके हैं.
लोन वर्राटू अभियान का पार्ट टू शुरू
लोन वर्राटू अभियान के एक साल पूरे होने पर पुलिस प्रशासन ने 1 जून 2021 से लोन वर्राटू अभियान का पार्ट टू (Part two of Lone Varratu campaign) शुरू किया है. इसके तहत सभी सरेंडर कर चुके नक्सलियों से गांव में संपर्क किया जा रहा है. प्रशासन उनके हालातों की जानकारी जुटा रहा है.
- सरेंडर कर चुके नक्सलियों की आर्थिक स्थिति कैसी है?
- आत्मसमर्पित नक्सलियों की आर्थिक स्थिति को कैसे बेहतर बनाया जाए?
- क्या आत्मसमर्पित नक्सलियों के पास राशन कार्ड है?
- क्या आत्मसमर्पित नक्सली के पास आधार कार्ड है?
- क्या आत्मसमर्पित नक्सलियों को मदद की जरूरत है?