दंंतेवाड़ाः छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले को जैविक जिले के नाम से जाना जाता है. जिले के चारों ब्लॉक में 12 से अधिक किस्मों की धान की पैदावार किसान करते हैं. इसमें मुख्य रुप से कोदो, कुटकी, काला जीरा, जवा फुल, गंगा बारू आदि धान की मुख्य किस्में हैं. इनकी डिमांड भी अधिक है और इसका सप्लाई छत्तीसगढ़ के बाहर अन्य राज्यों में किया जाता है.
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केंद्रों पर नहीं लिया जा रहा जैविक धान
इसके बाद भी दंतेवाड़ा धान खरीदी केंद्र पर खरीद किए गए जैविक धान को जगदलपुर विपणन केंद्रों पर खरीद नहीं किया जा रहा है. खरीदी केंद्रों के अधिकारियों के कहना है कि जैविक धान की मांग अधिक होने के बाद भी विपणन केंद्र प्रभारी इसकी खरीद नहीं कर रहे हैं. धान को रिजेक्ट किया जा रहा है. खरीदी धान विपणन केंद्र प्रभारी जैविक धान को काला, लाल बताकर रिजेक्ट कर रहे हैं. ऐसा पहला मामला जिले में सामने आया.
लैम्स प्रभारी छोटे लाल यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि लैम्स नकुलनार से 30व 31 तारीख को चार गाड़ी धान भर कर डिलीवर दिया गया था. चारों गाड़ी मिलाकर 38 बोरा धान को रिजेक्ट किया गया. बालुद धान केंद्र के एक ट्रक में लोड 650 बोरा धान को काला पीला बताकर जगदलपुर विपणन अधिकारी राजेंद्र कुमार ध्रुव द्वारा रिजेक्ट किया गया, जो कि एक जांच का विषय है. अभी हमारे पास जिले के 12 धन उपार्जन केंद्रों से धान की गुणवत्ता की कोई शिकायत नहीं आई है.