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सुपोषण अभियान के तहत बच्चों को दिया जा रहा पौष्टिक आहार

जिले में महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग अंदरूनी क्षेत्रों में 15 मार्च से 31 मार्च तक सुपोषण अभियान चला रहा है. जिसके तहत कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है. साथ ही गर्भवती माताओं का भी ख्याल रखा जा रहा है.

nutritious diet being given to children in dantewada
बच्चों को दिया जा रहा पौष्टिक आहार
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Published : Mar 23, 2021, 12:38 AM IST

दंतेवाड़ा: महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में विभिन्न कार्यक्रम चला रहा है. इसी कड़ी में सुपोषण अभियान के तहत अस्पतालों में बच्चों को पोषक आहार दिया जा रहा है. जिससे कि कुपोषण से लड़ा जा सके.

कुपोषित बच्चों को दिया जा रहा पौष्टिक आहार

सुपोषण अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव के अंदरूनी इलाकों में जाकर कुपोषित बच्चों की जांच कर रही है. कुपोषित बच्चों को नजदीकी उप स्वास्थ्य केंद्र तक लाकर उनका इलाज कर मुख्यालय में बने सुपोषण केंद्र तक पहुंचाया जा रहा है. सुपोषण केंद्र में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम भी कुपोषित बच्चों का निशुल्क इलाज कर रहे हैं. साथ ही पौष्टिक आहार भी दिया जा रहा है.

गर्भवती महिलाओं का टिकाकरण

सुपोषण केंद्र में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा रहा है. इसके अलावा माताओं को पौष्टिक आहार लेने के बारे में भी बताया जा रहा है कि कौन-कौन से पौष्टिक आहार उन्हें लेना है और कितना लेना है.

SPECIAL: आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध की सप्लाई बंद, कैसे होगा कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ ?

बच्चों का मुफ्त चेकअप

स्वास्थ्य विभाग की टीम पांच साल के शिशुओं का घर जाकर मुफ्त चेकअप कर रही है. अंदरूनी क्षेत्र के गांव में मितानिन के जरिए भी इन बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है. जिन बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है उन्हें मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उप स्वास्थ्य केंद्र ला रहे हैं. जहां बच्चों को पौष्टक आहार दिया जा रहा है.

बच्चों का किया जा रहा टीकाकरण

जिला चिकित्सा अधिकारी विरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि जिले में महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंदरूनी क्षेत्रों में 15 मार्च से 31 मार्च तक सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम अंदरूनी क्षेत्रों में जाकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन के जरिए घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर लिस्ट बनाई जा रही है. जिससे इन बच्चों को जिला मुख्यालय सुपोषण केंद्र तक पहुंचाया जा रहा है. जहां उनका शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा निशुल्क इलाज किया जा रहा है और उन्हें पौष्टिक आहार भी दिया जा रहा है. जिन बच्चों का अभी तक टीकाकरण नहीं किया गया है उन बच्चों का टीकाकरण भी किया जा रहा है.

दंतेवाड़ा: महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में विभिन्न कार्यक्रम चला रहा है. इसी कड़ी में सुपोषण अभियान के तहत अस्पतालों में बच्चों को पोषक आहार दिया जा रहा है. जिससे कि कुपोषण से लड़ा जा सके.

कुपोषित बच्चों को दिया जा रहा पौष्टिक आहार

सुपोषण अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव के अंदरूनी इलाकों में जाकर कुपोषित बच्चों की जांच कर रही है. कुपोषित बच्चों को नजदीकी उप स्वास्थ्य केंद्र तक लाकर उनका इलाज कर मुख्यालय में बने सुपोषण केंद्र तक पहुंचाया जा रहा है. सुपोषण केंद्र में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम भी कुपोषित बच्चों का निशुल्क इलाज कर रहे हैं. साथ ही पौष्टिक आहार भी दिया जा रहा है.

गर्भवती महिलाओं का टिकाकरण

सुपोषण केंद्र में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा रहा है. इसके अलावा माताओं को पौष्टिक आहार लेने के बारे में भी बताया जा रहा है कि कौन-कौन से पौष्टिक आहार उन्हें लेना है और कितना लेना है.

SPECIAL: आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध की सप्लाई बंद, कैसे होगा कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ ?

बच्चों का मुफ्त चेकअप

स्वास्थ्य विभाग की टीम पांच साल के शिशुओं का घर जाकर मुफ्त चेकअप कर रही है. अंदरूनी क्षेत्र के गांव में मितानिन के जरिए भी इन बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है. जिन बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है उन्हें मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उप स्वास्थ्य केंद्र ला रहे हैं. जहां बच्चों को पौष्टक आहार दिया जा रहा है.

बच्चों का किया जा रहा टीकाकरण

जिला चिकित्सा अधिकारी विरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि जिले में महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंदरूनी क्षेत्रों में 15 मार्च से 31 मार्च तक सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम अंदरूनी क्षेत्रों में जाकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन के जरिए घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर लिस्ट बनाई जा रही है. जिससे इन बच्चों को जिला मुख्यालय सुपोषण केंद्र तक पहुंचाया जा रहा है. जहां उनका शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा निशुल्क इलाज किया जा रहा है और उन्हें पौष्टिक आहार भी दिया जा रहा है. जिन बच्चों का अभी तक टीकाकरण नहीं किया गया है उन बच्चों का टीकाकरण भी किया जा रहा है.

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