दंतेवाड़ा: मां दंतेश्वरी मंदिर 52 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है. मान्यता है कि देवी सती का दांत यहां गिरा था. देश विदेश से पर्यटक यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं. मां दंतेश्वरी मंदिर पहुंचने वाले सैलानियों को ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था में दिक्कत हो रही है. हर साल की तरह दिसंबर में यहां दर्शनार्थी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, लेकिन रात में ठहरने वाले पर्यटक भटकते नजर आ रहे हैं.
मंदिर परिसर में स्थित धर्मशाला कोरोना वायरस के चलते मार्च से बंद है जिसे अब तक खोला नहीं गया है. मंदिर परिसर के पास सुलभ शौचालय, स्नानागार आदि नहीं होने से भी पर्यटक परेशान होते है, महिलाओं को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मंदिर परिसर के पास बने अस्थाई टॉयलेट भी रखरखाव और साफ सफाई के अभाव में कबाड़ हो गए है. निजी होटलों में भी कमरे बुक रहते हैं.
'पूरी रात गुजारनी पड़ी बाहर'
रायपुर से भक्त दिनेश परगनिया ने बताया कि वे 20 लोग रात के 10 बजे दंतेवाड़ा पहुंचे, लेकिन यहां बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा. धर्मशाला बंद होने के कारण रुकने की कोई व्यवस्था नहीं थी. ठंड की वजह से रात को आसपास के लोगों से गद्दा की व्यवस्था की गई, पूरी रात बाहर गुजारनी पड़ी. सुबह टॉयलेट की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं थी. बेमेतरा से आई संगीता यादव ने बताया कि यहां ठहरने से लेकर टॉयलेट तक की समस्या हो रही है.
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जल्द खोली जाएंगी धर्मशाला
नए साल में श्रद्धालुओं की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए मंदिर पुजारी हरेंद्र नाथ जिया ने कहा कि नये साल के पहले ही सैलानियों की संख्या बढ़ गई है. जिसके लिए शासन प्रशासन को धर्मशाला खुलवाने को कहा है.कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जल्द से जल्द धर्मशाला को खोलने के निर्देश दिए गए हैं.