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नक्सलियों के चंगुल से आजाद हुए इंजीनियर, सोनी सोरी और पत्रकारों ने की मदद - इंजीनियर का अपहरण

PMGSY के दो इंजीनियर को नक्सलियों ने किडनैप कर लिया था, जिनको 18 घंटे बाद छोड़ दिया गया है.

नक्सलियों के चंगुल से आजाद हुए इंजीनियर
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Published : Oct 12, 2019, 9:18 PM IST

Updated : Oct 12, 2019, 10:23 PM IST

दंतेवाड़ा: कुआकोंडा के जगरगुंडा इलाके में नक्सलियों ने PMGSY के दो इंजीनियर का अपहरण कर लिया था, जिनको आज सकुशल छोड़ दिया है. दोनों इंजीनियर रविवार को घर पहुंच जाएंगे.

नक्सलियों के चंगुल से आजाद हुए इंजीनियर

दरअसल, इंजीनियर अरुण मरहावी, मोहन बघेल टैगिंग के लिए इलाके की सड़कों का जायजा ले रहे थे. तभी नक्सलियों ने दोनों को ककाड़ी में पकड़ लिया था, जिसके 18 घंटे बाद नक्सलियों ने दोनों को छोड़ दिया है.

सोनी सोरी और पत्रकारों ने की मदद
मामले में एसडीओ हेमंत बंजारे ने बताया कि समाजसेवी सोनी सोरी और पत्रकार दोनों इंजीनियर्स को छुड़ाने के लिए जंगल गए थे, जिसके बाद शाम करीब पांच बजे नक्सलियों ने दोनों को छोड़ दिया. एसडीओ ने बताया कि अभी छोड़े गए सभी लोगों के फोन बंद आ रहे हैं, लेकिन दोनों को छोड़ दिया गया है.

दंतेवाड़ा: कुआकोंडा के जगरगुंडा इलाके में नक्सलियों ने PMGSY के दो इंजीनियर का अपहरण कर लिया था, जिनको आज सकुशल छोड़ दिया है. दोनों इंजीनियर रविवार को घर पहुंच जाएंगे.

नक्सलियों के चंगुल से आजाद हुए इंजीनियर

दरअसल, इंजीनियर अरुण मरहावी, मोहन बघेल टैगिंग के लिए इलाके की सड़कों का जायजा ले रहे थे. तभी नक्सलियों ने दोनों को ककाड़ी में पकड़ लिया था, जिसके 18 घंटे बाद नक्सलियों ने दोनों को छोड़ दिया है.

सोनी सोरी और पत्रकारों ने की मदद
मामले में एसडीओ हेमंत बंजारे ने बताया कि समाजसेवी सोनी सोरी और पत्रकार दोनों इंजीनियर्स को छुड़ाने के लिए जंगल गए थे, जिसके बाद शाम करीब पांच बजे नक्सलियों ने दोनों को छोड़ दिया. एसडीओ ने बताया कि अभी छोड़े गए सभी लोगों के फोन बंद आ रहे हैं, लेकिन दोनों को छोड़ दिया गया है.

Intro:इंजीनियर अरुण मरहावी, मोहन बघेल और गुप्ता कंट्रक्शन के मुंशी को नक्सलियों ने छोड़ दिया। एसडीओ हेमंत बंजारन बताया कि अरुण और मोहन दोनों टैगिंग करनी थी। पता करना था कहा क्या पंचायत में स्थित है। यह काम भी साथ ही करना था। इधर मुलेर सड़क का टेंडर हुआ है। उस सड़क को भी देखना था। ककाड़ी पहुंचते ही नक्सलियों ने पकड़ लिया। 18 घंटे तक उनके चुंगल में रहे। अरुण के भाई अमित मरहावी पटवारी उसी इलाके में रहे है। उनको सूचना मिली कि इस तरह से नक्सलियों ने पकड़ा है। इसके बाद ही सभी को पता चला।




Body:समाज सेवी और पत्रकार लगे थी छुड़ाने में
एसडीओ हेमंत बंजारे ने बताया कि एक को श्रेय देना तो ठीक नही है। समाजसेवी सोनी सोरी और पत्रकार भी छुड़ाने के लिए जंगल गए थे। शाम करीब पांच बजे छोड़ दिया गया है। अभी छोड़े गए सभी लोंगो के नंबर बैंड आ रहे। लेकिन ये दोनों सीधे अपने घर जाएंगे। बचेली में अपने परिवार से मिलेंगे।


Conclusion:byt sdo हेमंत बंजारे
pmgsy
Last Updated : Oct 12, 2019, 10:23 PM IST
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