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दंतेवाड़ा की पहली गारमेंट फैक्ट्री: यहां के बने कपड़े बनेंगे जिले की पहचान

दंतेवाड़ा जिले की पहचान अब बदलेगी. यहां की महिलाएं एक नई पहल से न सिर्फ आत्मनिर्भर होंगी बल्कि उन्हें आजीविका का साधन भी मिला है. यहां की महिलाओं के हाथ के हुनर को प्रशासन की मदद से नई पहचान मिलेगी.

Nava Dantewada Garment Factory
बदलता दंतेवाड़ा
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Published : Jan 19, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Jan 19, 2021, 6:21 PM IST

दंतेवाड़ा: नक्सल हिंसा से प्रभावित दंतेवाड़ा की तस्वीर बदल रही है. जिस जिले को देश नक्सली हिंसा से जानता है, अब वहां के सिले कपड़ों की सप्लाई पूरे देश में होगी. दूरस्थ इलाकों की लड़कियां और महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर होंगी बल्कि उनके हाथ के हुनर को नई पहचान मिलेगी.

नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री

रोजगार के साथ बदलेगी सूरत

शासन-प्रशासन की मदद से महिलाएं यहां कपड़ा फैक्ट्री का संचालन कर रही हैं. इसका लक्ष्य गरीबी उन्मूलन है. इस ब्रांड का नाम डैनेक्स है. रोजगार देने के साथ ही यहां के प्रोडक्ट को मार्केट भी मिल रहा है. कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि दंतेवाड़ा को गारमेंट का हब बनाया जा रहा है. यहां कपड़े की फैक्ट्री खोली गई है. यह छत्तीसगढ़ की पहली खुद के ब्रांड वाली गारमेंट फैक्ट्री है. कोशिश है कि जिले के ज्यादा से ज्यादा लोगों को यहां रोजगार मिले. रोजगार देने के साथ ही निर्मित उत्पादों को बाजार भी दिलाया जा रहा है. जिससे यहां के लोगों की आजीविका सशक्त हो सके.

Nava Dantewada Garment Factory
नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री

पढ़ें: SPECIAL: छिंद के पत्ते का गुलदस्ता संवार रहा है इन महिलाओं की जिंदगी

कलेक्टर ने कहा कि बाहर से बहुत डिमांड है. कंपनियों और संस्थाओं से टाइअप किया जा रहा है. इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा.

  • पैरामिलिट्री फोर्स के साथ टाईअप हो रहा है.
  • NMDC से टाईअप हो रहा है.
  • ट्राइफेड से टाईअप के साथ-साथ अन्य कंपनियों से भी बात चल रही है.
    Nava Dantewada Garment Factory
    गारमेंट फैक्ट्री 'डेनेक्स'

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की महिलाएं भी ले रही हैं ट्रेनिंग

फैक्ट्री में नक्सल प्रभावित क्षेत्र से भी महिलाएं काम करने पहुंच रही हैं. इस पहल से हजारों महिलाओं को रोजगार मिलेगा. महिलाओं ने बताया कि शुरू में हमें सिलाई, कढ़ाई और काज-बटन मशीन से संबंधित जानकारी दी जा रही है. जिसके बाद कपड़े बनाना सिखाया जाएगा. जिससे हम प्रति महीने 10 हजार रुपये कमा सकते हैं. महिलाओं ने शासन-प्रशासन को धन्यवाद दिया है.

Nava Dantewada Garment Factory
दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री

पढ़ें-'बदलेम एड़का' के तहत बासनपुर में महिला फाइटर्स की चौपाल

रोजगार को बढ़ावा मिलने के साथ बदलेगी दंतेवाड़ा की पहचान

ट्रेनर चंपानाग ने बताया कि दंतेवाड़ा की पहचान अब जल्द बदलने वाली है. यहां छत्तीसगढ़ की पहले ब्रांड के कपड़ों की 'नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री' खुली है. ब्रांड का नाम है 'डैनेक्स' यानी दंतेवाड़ा नेक्स्ट है. इस ब्रांड के कपड़े गांव की महिलाएं ही सिल रही हैं. उम्मीद करते हैं 'डैनेक्स' जिले की तस्वीर बदल दे. महिलाओं को आत्मनिर्भर करे, नई उड़ान दे और बस्तर को नई पहचान दे.

दंतेवाड़ा: नक्सल हिंसा से प्रभावित दंतेवाड़ा की तस्वीर बदल रही है. जिस जिले को देश नक्सली हिंसा से जानता है, अब वहां के सिले कपड़ों की सप्लाई पूरे देश में होगी. दूरस्थ इलाकों की लड़कियां और महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर होंगी बल्कि उनके हाथ के हुनर को नई पहचान मिलेगी.

नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री

रोजगार के साथ बदलेगी सूरत

शासन-प्रशासन की मदद से महिलाएं यहां कपड़ा फैक्ट्री का संचालन कर रही हैं. इसका लक्ष्य गरीबी उन्मूलन है. इस ब्रांड का नाम डैनेक्स है. रोजगार देने के साथ ही यहां के प्रोडक्ट को मार्केट भी मिल रहा है. कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि दंतेवाड़ा को गारमेंट का हब बनाया जा रहा है. यहां कपड़े की फैक्ट्री खोली गई है. यह छत्तीसगढ़ की पहली खुद के ब्रांड वाली गारमेंट फैक्ट्री है. कोशिश है कि जिले के ज्यादा से ज्यादा लोगों को यहां रोजगार मिले. रोजगार देने के साथ ही निर्मित उत्पादों को बाजार भी दिलाया जा रहा है. जिससे यहां के लोगों की आजीविका सशक्त हो सके.

Nava Dantewada Garment Factory
नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री

पढ़ें: SPECIAL: छिंद के पत्ते का गुलदस्ता संवार रहा है इन महिलाओं की जिंदगी

कलेक्टर ने कहा कि बाहर से बहुत डिमांड है. कंपनियों और संस्थाओं से टाइअप किया जा रहा है. इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा.

  • पैरामिलिट्री फोर्स के साथ टाईअप हो रहा है.
  • NMDC से टाईअप हो रहा है.
  • ट्राइफेड से टाईअप के साथ-साथ अन्य कंपनियों से भी बात चल रही है.
    Nava Dantewada Garment Factory
    गारमेंट फैक्ट्री 'डेनेक्स'

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की महिलाएं भी ले रही हैं ट्रेनिंग

फैक्ट्री में नक्सल प्रभावित क्षेत्र से भी महिलाएं काम करने पहुंच रही हैं. इस पहल से हजारों महिलाओं को रोजगार मिलेगा. महिलाओं ने बताया कि शुरू में हमें सिलाई, कढ़ाई और काज-बटन मशीन से संबंधित जानकारी दी जा रही है. जिसके बाद कपड़े बनाना सिखाया जाएगा. जिससे हम प्रति महीने 10 हजार रुपये कमा सकते हैं. महिलाओं ने शासन-प्रशासन को धन्यवाद दिया है.

Nava Dantewada Garment Factory
दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री

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रोजगार को बढ़ावा मिलने के साथ बदलेगी दंतेवाड़ा की पहचान

ट्रेनर चंपानाग ने बताया कि दंतेवाड़ा की पहचान अब जल्द बदलने वाली है. यहां छत्तीसगढ़ की पहले ब्रांड के कपड़ों की 'नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री' खुली है. ब्रांड का नाम है 'डैनेक्स' यानी दंतेवाड़ा नेक्स्ट है. इस ब्रांड के कपड़े गांव की महिलाएं ही सिल रही हैं. उम्मीद करते हैं 'डैनेक्स' जिले की तस्वीर बदल दे. महिलाओं को आत्मनिर्भर करे, नई उड़ान दे और बस्तर को नई पहचान दे.

Last Updated : Jan 19, 2021, 6:21 PM IST
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