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दंतेवाड़ा में मलेरिया मुक्त अभियान का असर, मरीजों की संख्या में आई गिरावट

दंतेवाड़ा में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का असर दिख रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया उन्मूलन के लिए किए जा रहे सतत कार्यों से मलेरिया के वार्षिक परजीवी सूचकांक (API, Annual Parasite Index) में भी खासी गिरावट आई है. जिसके तहत एपीआई 7.7 से घटकर 5.05 हो गया है. वहीं चार ब्लॉको में 2 लाख 40 हजार 445 लोगों की मलेरिया की जांच की गई. जिसमें 1,215 लोगों में मलेरिया के लक्षण मिले हैं.

Dantewada Hospital
दंतेवाड़ा अस्पताल
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Published : Aug 1, 2021, 4:24 PM IST

दंतेवाड़ा: मेलिरया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान दंतेवाड़ा जिले में चलाया गया. 15 जून से 31 जुलाई तक चलाए गए अभियान के तहत एपीआई 7.7 से घटकर 5.05 हो गया. जिसके तहत दंतेवाड़ा में 2 लाख 40 हजार 445 लोगों की मलेरिया जांच की गई. जिसमें 1,215 मरीज मलेरिया से पीड़ित हैं. जिनका इलाज चल रहा है.

दंतेवाड़ा में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान

दंतेवाड़ा को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में चारों ब्लॉक में मलेरिया मुक्त अभियान के तहत तीन चरणों में अभियान चलाया गया. इस अभियान के तहत मेडिकल टीम गांव-गांव जाकर डोर टू डोर मलेरिया के बारे में लोगों को जागरुक कर रही है. साथ ही गांव के सरपंच, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन सहायिकाओं का भी सहारा लिया गया है. वहीं दूसरे चरण में मलेरिया की एपीआई दर 7.7 हो गई थी. अब दंतेवाड़ा जिले में मलेरिया मुक्त अभियान के तहत तीसरे चरण में एपीआई (Annual Parasite Index) दर घटकर 5.05 फीसदी हो गया है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीडी शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मलेरिया मुक्त अभियान के तहत चारों ब्लॉकों में कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में कार्य किया गया. कलेक्टर ने हरी झंडी दिखाकर मलेरिया जागरुकता रथ को रवाना किया था. रथ ने 15 जून से 31 जुलाई तक अभियान चलाया. मलेरिया मुक्त अभियान के तहत चारों ब्लॉक में मच्छरदानी, साबुन और अन्य सामग्री का वितरण किया और लोगों को जागरुक भी किया गया.

मलेरिया के लक्षण

मलेरिया के बहुत से लक्षण हैं, जरुरी नहीं सभी लक्षण एक ही मरीज में दिखाई दें. यह अलग-अलग भी दिखाई दे सकता है.

  • उल्टी
  • बुखार
  • जी मिचलाना
  • सांस फूलना
  • भूख में कमी होना
  • सिरदर्द होना
  • सर्दी-जुखाम होना
  • ठंडी लगना
  • दस्त होना
  • थकान होना
  • चक्कर आना

मलेरिया का इलाज क्या है ?

मलेरिया के इलाज के लिए डॉक्टर पहले लक्षण जानने के लिए खून की जांच और एक्स-रे (X-Ray) करने का सुझाव देते हैं. मलेरिया की जांच तीन तरीकों से की जाती है

सूक्ष्मदर्शी जांच

रैपिड एंटीजन टेस्ट

मलेरिया आरटीएस

अगर टेस्ट में कुछ लक्षण नजर आया तो डॉक्टर दवाइयां देते हैं.

मलेरिया से बचने के उपाय

  • अगर शरीर में बुखार तेजी से बढ़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए.
  • आपको पहले से मलेरिया का बुखार है और तेजी से बढ़ते जा रहा है तो दोबारा खून की जांच डॉक्टर से करवानी चाहिए.
  • घर के आस-पास गंदे पानी को जमा ना होने दे उसे रोज साफ करें. जीवाणु पैदा नहीं होंगे और मलेरिया होने का खतरा नहीं रहेगा.
  • मलेरिया बुखार में मरीज को संतरे का रस पिलाए, बहुत फायदेमंद रहता है.
  • शरीर का तापमान बढ़ने पर टॉवल लपेट लें जिससे आसानी से पसीने सूख जाएंगे.
  • मलेरिया में स्वास्थ्य बिगड़ने पर अपने मर्जी से कोई भी दवाई का सेवन ना करे.
  • सोने के वक्त मच्छरदानी का उपयोग करें.

दंतेवाड़ा: मेलिरया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान दंतेवाड़ा जिले में चलाया गया. 15 जून से 31 जुलाई तक चलाए गए अभियान के तहत एपीआई 7.7 से घटकर 5.05 हो गया. जिसके तहत दंतेवाड़ा में 2 लाख 40 हजार 445 लोगों की मलेरिया जांच की गई. जिसमें 1,215 मरीज मलेरिया से पीड़ित हैं. जिनका इलाज चल रहा है.

दंतेवाड़ा में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान

दंतेवाड़ा को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में चारों ब्लॉक में मलेरिया मुक्त अभियान के तहत तीन चरणों में अभियान चलाया गया. इस अभियान के तहत मेडिकल टीम गांव-गांव जाकर डोर टू डोर मलेरिया के बारे में लोगों को जागरुक कर रही है. साथ ही गांव के सरपंच, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन सहायिकाओं का भी सहारा लिया गया है. वहीं दूसरे चरण में मलेरिया की एपीआई दर 7.7 हो गई थी. अब दंतेवाड़ा जिले में मलेरिया मुक्त अभियान के तहत तीसरे चरण में एपीआई (Annual Parasite Index) दर घटकर 5.05 फीसदी हो गया है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीडी शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मलेरिया मुक्त अभियान के तहत चारों ब्लॉकों में कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में कार्य किया गया. कलेक्टर ने हरी झंडी दिखाकर मलेरिया जागरुकता रथ को रवाना किया था. रथ ने 15 जून से 31 जुलाई तक अभियान चलाया. मलेरिया मुक्त अभियान के तहत चारों ब्लॉक में मच्छरदानी, साबुन और अन्य सामग्री का वितरण किया और लोगों को जागरुक भी किया गया.

मलेरिया के लक्षण

मलेरिया के बहुत से लक्षण हैं, जरुरी नहीं सभी लक्षण एक ही मरीज में दिखाई दें. यह अलग-अलग भी दिखाई दे सकता है.

  • उल्टी
  • बुखार
  • जी मिचलाना
  • सांस फूलना
  • भूख में कमी होना
  • सिरदर्द होना
  • सर्दी-जुखाम होना
  • ठंडी लगना
  • दस्त होना
  • थकान होना
  • चक्कर आना

मलेरिया का इलाज क्या है ?

मलेरिया के इलाज के लिए डॉक्टर पहले लक्षण जानने के लिए खून की जांच और एक्स-रे (X-Ray) करने का सुझाव देते हैं. मलेरिया की जांच तीन तरीकों से की जाती है

सूक्ष्मदर्शी जांच

रैपिड एंटीजन टेस्ट

मलेरिया आरटीएस

अगर टेस्ट में कुछ लक्षण नजर आया तो डॉक्टर दवाइयां देते हैं.

मलेरिया से बचने के उपाय

  • अगर शरीर में बुखार तेजी से बढ़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए.
  • आपको पहले से मलेरिया का बुखार है और तेजी से बढ़ते जा रहा है तो दोबारा खून की जांच डॉक्टर से करवानी चाहिए.
  • घर के आस-पास गंदे पानी को जमा ना होने दे उसे रोज साफ करें. जीवाणु पैदा नहीं होंगे और मलेरिया होने का खतरा नहीं रहेगा.
  • मलेरिया बुखार में मरीज को संतरे का रस पिलाए, बहुत फायदेमंद रहता है.
  • शरीर का तापमान बढ़ने पर टॉवल लपेट लें जिससे आसानी से पसीने सूख जाएंगे.
  • मलेरिया में स्वास्थ्य बिगड़ने पर अपने मर्जी से कोई भी दवाई का सेवन ना करे.
  • सोने के वक्त मच्छरदानी का उपयोग करें.
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