गोलापारा में करीब 70 से 80 परिवार रहते हैं, जिसमे कुल 350 से अधिक लोग रहते हैं. यहां रहने वालों को न तो पीने का पानी नसीब है, न यहां सड़क है और न ही बिजली की सुविधा है. ईटीवी भारत की टीम यहां पहुंची, तो स्कूल की हालत खराब मिली. यहां कक्षाएं भी एक कमरे में लगती हैं.
नहीं सुनी गई परेशानी
इस स्कूल में एक छत के नीचे कुल 11 बच्चे पढ़ाई करते हैं. स्कूल भवन का काम काफी वक्त से अधूरा पड़ा हुआ है. पारा में 4 से 6 हैंडपंप हैं, जिनसे आयरनयुक्त लाल पानी निकलता है. जिसे पीना ग्रामीणों की मजबूरी है. बिजली भी लोगों से दिनभर आंख-मिचौली खेलती रहती है. कभी आई और गई, गई तो कब आएगी पता नहीं.
गांववालों का कहना है कि कई बार उन्होंने जिम्मेदारों के सामने अपनी परेशानी रखी लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है.