दंतेवाड़ा : गीदम के शिशु अस्पताल में आग लगने से मरीज और स्टाफ दोनों दहशत में हैं. हादसे के वक्त अस्पताल में 20 मरीज मौजूद थे, जिन्होंने बताया कि हादसे के दौरान वहां कैसा मंजर था. वहीं आग लगने की इस घटना पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं और इसे आगजनी भी बताया जा रहा है.
मरीजों को हुई परेशानी
कोतुलनार की रहने वाली अस्मती यादव अस्पताल के लेबर वार्ड में भर्ती थीं. उन्होंने बताया कि, 'आग लगने की सूचना आई, देखा तो अस्पताल में धुंआ ही धुंआ भरा था. जिसके बाद जान बचाने के लिए अपने बच्चे को लेकर बाहर की तरफ भागीं'.
अस्मती के पति सुनील यादव ने बताया कि, 'वो पल बड़े ही दहशत के थे. मेरी पत्नी और बच्चा यहां भर्ती थे और पल भर में ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. हम कैसे भी कर वहां से बाहर भागे, लेकिन वहां रखे हमारे सारे कपड़े और पांच हजार रुपए जलकर खाक हो गए'.
की जाएगी घटना की जांच
जिला चिकित्सा अधिकारी एसपीएस शांडिल्य ने बताया कि, 'इस मामले की गहराई से जांच चल रही है. हर बिंदु को जांच के दायरे में लिया गया है और उचित कार्रवाई की जाएगी. हादसे में स्टाफ और सभी मरीज सुरक्षित हैं. आग कैसे लगी इसकी जांच होगी'.
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आग लगने पर उठ रहे सवाल
अस्पताल में आगजनी की भी बातें सामनें आ रही हैं. बताया जा रहा है कि एक महीने पहले अस्पताल के उपकरणों की खरीदी में 6 करोड़ का घोटाला सामने आया था. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिला चिकित्सा अधिकारी, डीपीएम और लेखापाल पर FIR भी दर्ज हो चुका है.