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दंतेवाड़ा : शिशु अस्पताल में भर्ती मरीजों ने बताया आग लगने के दौरान का मंजर, हादसे पर उठ रहे सवाल

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Published : Aug 19, 2019, 8:46 AM IST

गीदम के शिशु अस्पताल में आग लगने से मरीजों में दहशत है. वहीं आग लगने की इस घटना पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

गीदम के शिशु अस्पताल में आग से मरीजों में दहशत

दंतेवाड़ा : गीदम के शिशु अस्पताल में आग लगने से मरीज और स्टाफ दोनों दहशत में हैं. हादसे के वक्त अस्पताल में 20 मरीज मौजूद थे, जिन्होंने बताया कि हादसे के दौरान वहां कैसा मंजर था. वहीं आग लगने की इस घटना पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं और इसे आगजनी भी बताया जा रहा है.

गीदम के शिशु अस्पताल में आग से मरीजों में दहशत

मरीजों को हुई परेशानी
कोतुलनार की रहने वाली अस्मती यादव अस्पताल के लेबर वार्ड में भर्ती थीं. उन्होंने बताया कि, 'आग लगने की सूचना आई, देखा तो अस्पताल में धुंआ ही धुंआ भरा था. जिसके बाद जान बचाने के लिए अपने बच्चे को लेकर बाहर की तरफ भागीं'.

अस्मती के पति सुनील यादव ने बताया कि, 'वो पल बड़े ही दहशत के थे. मेरी पत्नी और बच्चा यहां भर्ती थे और पल भर में ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. हम कैसे भी कर वहां से बाहर भागे, लेकिन वहां रखे हमारे सारे कपड़े और पांच हजार रुपए जलकर खाक हो गए'.

की जाएगी घटना की जांच
जिला चिकित्सा अधिकारी एसपीएस शांडिल्य ने बताया कि, 'इस मामले की गहराई से जांच चल रही है. हर बिंदु को जांच के दायरे में लिया गया है और उचित कार्रवाई की जाएगी. हादसे में स्टाफ और सभी मरीज सुरक्षित हैं. आग कैसे लगी इसकी जांच होगी'.

पढ़ें- कोरबा : निकाय चुनाव से पहले निगम के सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान, टेंडर बना मुद्दा

आग लगने पर उठ रहे सवाल
अस्पताल में आगजनी की भी बातें सामनें आ रही हैं. बताया जा रहा है कि एक महीने पहले अस्पताल के उपकरणों की खरीदी में 6 करोड़ का घोटाला सामने आया था. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिला चिकित्सा अधिकारी, डीपीएम और लेखापाल पर FIR भी दर्ज हो चुका है.

दंतेवाड़ा : गीदम के शिशु अस्पताल में आग लगने से मरीज और स्टाफ दोनों दहशत में हैं. हादसे के वक्त अस्पताल में 20 मरीज मौजूद थे, जिन्होंने बताया कि हादसे के दौरान वहां कैसा मंजर था. वहीं आग लगने की इस घटना पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं और इसे आगजनी भी बताया जा रहा है.

गीदम के शिशु अस्पताल में आग से मरीजों में दहशत

मरीजों को हुई परेशानी
कोतुलनार की रहने वाली अस्मती यादव अस्पताल के लेबर वार्ड में भर्ती थीं. उन्होंने बताया कि, 'आग लगने की सूचना आई, देखा तो अस्पताल में धुंआ ही धुंआ भरा था. जिसके बाद जान बचाने के लिए अपने बच्चे को लेकर बाहर की तरफ भागीं'.

अस्मती के पति सुनील यादव ने बताया कि, 'वो पल बड़े ही दहशत के थे. मेरी पत्नी और बच्चा यहां भर्ती थे और पल भर में ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. हम कैसे भी कर वहां से बाहर भागे, लेकिन वहां रखे हमारे सारे कपड़े और पांच हजार रुपए जलकर खाक हो गए'.

की जाएगी घटना की जांच
जिला चिकित्सा अधिकारी एसपीएस शांडिल्य ने बताया कि, 'इस मामले की गहराई से जांच चल रही है. हर बिंदु को जांच के दायरे में लिया गया है और उचित कार्रवाई की जाएगी. हादसे में स्टाफ और सभी मरीज सुरक्षित हैं. आग कैसे लगी इसकी जांच होगी'.

पढ़ें- कोरबा : निकाय चुनाव से पहले निगम के सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान, टेंडर बना मुद्दा

आग लगने पर उठ रहे सवाल
अस्पताल में आगजनी की भी बातें सामनें आ रही हैं. बताया जा रहा है कि एक महीने पहले अस्पताल के उपकरणों की खरीदी में 6 करोड़ का घोटाला सामने आया था. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिला चिकित्सा अधिकारी, डीपीएम और लेखापाल पर FIR भी दर्ज हो चुका है.

Intro:स्ट्रिच भी पूरा नहीं हो पाया था, वार्ड आया बच्चा लेकर भागी
दंतेवाड़ा। गीदम शिशु अस्पताल में लगी आग तो बुझ गई, लेकिन अभी भी मरीज और तीमारदार सहमे हुए है। कोतुलनार की रहने वाली अस्मती यादव ने वह लेबर वार्ड में थी। उसी समय आग लगने की सूचना आई। देखा तो अस्पताल में धुंआ ही धुंआ था। वार्ड आया बच्चे को लेकर भागी। किसी तरह सामुदायिक असप्ताल पहुँचाय गया। अस्मती का पति सुनी यादव कहता ही बड़े ही दहशत ज्यादा पल थे। पत्नी और बच्चे भर्ती थे औरबाग विकराल रूप धारण कर चुकी थी। बैग कपड़े सब जल गए। 5 हजार रुपए भी खाख हो गए।

20 मरीज थे शिशु अस्पताल में
अस्पताल में आग लगने के दौरान 20 मरीज भर्ती थे। उनको आनन फानन में सामुदायिक अस्पताल शिफ्ट किया गया। इसके बाद जिला असप्ताल लया गया।


Body:चर्चा आग लगाने की भी रही
अस्पताल के बाहर चर्चा आग लगाने भी रही। इसकी पीछे लोग वजह जो बता रहे है वो संदेह की ओर इशारा कर रहा है। एक माह पहले अस्पताल खरीदी में 6 करोड़ का घोटाला सामने आया था। इस मक़मले मे स्वास्थ्य विभाग के जिला चिकित्सा अधिकारी, डीपीएम और लेखपाल पर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। खरेदी गए उपकरण इस अस्पताल में भी भेजे गए थे।


Conclusion:जिला चिकित्सा अधिकारी एसपीएस शांडिल्य ने बताया कि मामले की गहराई से जांच चल रहे है। हर बिंदु को जांच के दायरे में लिया गयाम
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