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दंतेवाड़ा में समूह की महिलाएं बना रही हर्बल गुलाल

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Published : Mar 13, 2022, 2:29 PM IST

demand for herbal gulal on holi in dantewada: दंतेवाड़ा में समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल तैयार कर रही है. जानिए हर्बल गुलाल कैसे तैयार होता है.

dantewada Self help group women made herbal gulal
दंतेवाड़ा में समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही

दंतेवाड़ा: जिले की स्व सहायता समूह की महिलाओं फूलों और सब्जियों से हर्बल गुलाल तैयार कर रही है. इस हर्बल गुलाल की काफी डिमांड भी है. जिला प्रशासन की तरह से महिलाओं के बनाए हर्बल गुलाल को बाजार उपलब्ध कराया गया है. अब तक 60 से 70 किलो हर्बल गुलाल के पैकेट तैयार कर उन्हें मार्केट में बेचा जा चुका है.

दंतेवाड़ा में समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही

दंतेवाड़ा में होली पर हर्बल गुलाल की डिमांड

जिला प्रशासन की तरफ से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बिहान कार्यक्रम के अंतर्गत अलग-अलग कामों की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसी के अंतर्गत महिलाएं होली के लिए अलग-अलग फूलों और पत्तेदार और दूसरी सब्जियों से रंग तैयार कर रही है.

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महिलाओं ने बताया कि उन्हें पहले हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग दी गई. यहां बनाया गए रंग पूरी तरह से प्राकृतिक है. फूल की पंखुड़ियों, पालक भाजी, लाल भाजी, चुकंदर अनार के छिलके, हल्दी, बेसन पलाश के फूलों से अलग-अलग कलर के रंग तैयार किए जा रहे हैं. हर्बल गुलाल की डिमांड भी काफी ज्यादा है. अब तक करीब 70 किलो गुलाल बेचा जा चुका है. इसके अलावा मार्केट में भी जगह-जगह स्टॉल लगाए जा रहे हैं. जिससे इनकी अच्छी खासी आमदनी हो रही है. हर्बल गुलाल का नाम dynex हर्बल गुलाल रखा गया है. (dynex herbal gulal in dantewada)


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दंतेवाड़ा: जिले की स्व सहायता समूह की महिलाओं फूलों और सब्जियों से हर्बल गुलाल तैयार कर रही है. इस हर्बल गुलाल की काफी डिमांड भी है. जिला प्रशासन की तरह से महिलाओं के बनाए हर्बल गुलाल को बाजार उपलब्ध कराया गया है. अब तक 60 से 70 किलो हर्बल गुलाल के पैकेट तैयार कर उन्हें मार्केट में बेचा जा चुका है.

दंतेवाड़ा में समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही

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जिला प्रशासन की तरफ से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बिहान कार्यक्रम के अंतर्गत अलग-अलग कामों की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसी के अंतर्गत महिलाएं होली के लिए अलग-अलग फूलों और पत्तेदार और दूसरी सब्जियों से रंग तैयार कर रही है.

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महिलाओं ने बताया कि उन्हें पहले हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग दी गई. यहां बनाया गए रंग पूरी तरह से प्राकृतिक है. फूल की पंखुड़ियों, पालक भाजी, लाल भाजी, चुकंदर अनार के छिलके, हल्दी, बेसन पलाश के फूलों से अलग-अलग कलर के रंग तैयार किए जा रहे हैं. हर्बल गुलाल की डिमांड भी काफी ज्यादा है. अब तक करीब 70 किलो गुलाल बेचा जा चुका है. इसके अलावा मार्केट में भी जगह-जगह स्टॉल लगाए जा रहे हैं. जिससे इनकी अच्छी खासी आमदनी हो रही है. हर्बल गुलाल का नाम dynex हर्बल गुलाल रखा गया है. (dynex herbal gulal in dantewada)


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