ETV Bharat / state

बदल रही तस्वीर : जैविक खेती कर रहे दंतेवाड़ा के 105 गांव के किसान, रायपुर-दिल्ली के मॉल भेज रहे उत्पाद - Organic farming

एक समय दंतेवाड़ा का नाम सुनते ही जहन में सिर्फ और सिर्फ नक्सली गतिविधियों की छवि ही सामने आती थी. लेकिन अब भुमगादी संस्था के साथ मिलकर यहां के किसानों ने इस जिले की तस्वीर ही बदल दी है.

women making products
उत्पाद तैयार करती महिलाएं
author img

By

Published : Sep 24, 2021, 1:16 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 1:57 PM IST

दंतेवाड़ा : नक्सल प्रभावित जिले के नाम से चर्चित दंतेवाड़ा जिला (Dantewada District) की तस्वीर बदल रही है. अब दंतेवाड़ा को जैविक जिला (Organic District) के नाम से जाना जाता है. यहां जैविक खेती की जा रही है, जिसके लिए भुमगादी संस्था जिले में कार्य कर रही है. इस संस्था की मदद से जिले के 105 गांवों के 27 सौ किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन (Registration) कराया है. जबकि 4 सौ किसान रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में हैं. इस तरह कुल 3 हजार ज्यादा किसान विभिन्न अनाजों की जैविक खेती (Organic Farming) कर रहे हैं.

उत्पाद तैयार करती महिलाएं

नहीं मिल रहा था किसानों को उचित मार्केट

जिला प्रशासन की मदद से ये किसान जिले में जैविक खेती कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इन्हें अपने जैविक धान के लिए मार्केट नहीं मिल पाया था. जिससे सही मुनाफा उन्हें मिल नहीं पा रहा था. इस कारण उनकी कोई पहचान नहीं बन पाई थी. लेकिन भुमगादी संस्था ने इन किसानों को पहचान देते हुए इनके जैविक उत्पादों को जैविक बाजार में उतारकर एक ब्रांड बना दिया है. इसकी डिमांड इतनी है कि राजधानी रायपुर से लेकर दिल्ली तक बड़े-बड़े मॉल में दंतेवाड़ा से भेजा जाता है.

उत्पादों की पैकेजिंग कर बाजार में उतार रही संस्था

अब इन किसानों के जैविक उत्पादों की भुमगादी संस्था पैकेजिंग कर एक ब्रांड बनाकर मार्केट में उतार रही है. इसके लिए जिला प्रशासन ने भुमगादी संस्था को एक मिनी प्लांट उपलब्ध कराया है, जहां ये पंजीकृत किसान अपनी धान लाकर इकट्ठा करते हैं और मुनाफा कमाते हैं. फिर इसे स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पैकेजिंग कर जैविक बाजार में लाती हैं. जैविक बाजार में मुख्य रूप से कोदो, कुटकी, रागी, दलहन, तिलहन और मक्का जैसे जैविक उत्पादों की डिमांड ज्यादा है. ये उत्पाद भुमगादी संस्था के माध्यम से अब जिले के आसपास के राज्यों में भी भेजा जा रहा है.

प्रशासन उपलब्ध करा रहा किसानों को बीज

भुमगादी संस्था के निदेशक आकाश बढ़ावे ने बताया कि जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से यह बेहद अच्छा प्रयास है. किसानों को बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. हमारी संस्था गांव-गांव जाकर किसानों को ट्रेनिंग दे रही है, ताकि वह जैविक खेती कर अधिक मुनाफा कमा सकें. इसके लिए किसान बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं और पंजीयन करा रहे हैं. जिला प्रशासन भी इन्हें अनुदान दे रहा है. किसान जैविक खेती के अलावा जैविक सब्जी-भाजी भी उगा रहे हैं.

दंतेवाड़ा : नक्सल प्रभावित जिले के नाम से चर्चित दंतेवाड़ा जिला (Dantewada District) की तस्वीर बदल रही है. अब दंतेवाड़ा को जैविक जिला (Organic District) के नाम से जाना जाता है. यहां जैविक खेती की जा रही है, जिसके लिए भुमगादी संस्था जिले में कार्य कर रही है. इस संस्था की मदद से जिले के 105 गांवों के 27 सौ किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन (Registration) कराया है. जबकि 4 सौ किसान रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में हैं. इस तरह कुल 3 हजार ज्यादा किसान विभिन्न अनाजों की जैविक खेती (Organic Farming) कर रहे हैं.

उत्पाद तैयार करती महिलाएं

नहीं मिल रहा था किसानों को उचित मार्केट

जिला प्रशासन की मदद से ये किसान जिले में जैविक खेती कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इन्हें अपने जैविक धान के लिए मार्केट नहीं मिल पाया था. जिससे सही मुनाफा उन्हें मिल नहीं पा रहा था. इस कारण उनकी कोई पहचान नहीं बन पाई थी. लेकिन भुमगादी संस्था ने इन किसानों को पहचान देते हुए इनके जैविक उत्पादों को जैविक बाजार में उतारकर एक ब्रांड बना दिया है. इसकी डिमांड इतनी है कि राजधानी रायपुर से लेकर दिल्ली तक बड़े-बड़े मॉल में दंतेवाड़ा से भेजा जाता है.

उत्पादों की पैकेजिंग कर बाजार में उतार रही संस्था

अब इन किसानों के जैविक उत्पादों की भुमगादी संस्था पैकेजिंग कर एक ब्रांड बनाकर मार्केट में उतार रही है. इसके लिए जिला प्रशासन ने भुमगादी संस्था को एक मिनी प्लांट उपलब्ध कराया है, जहां ये पंजीकृत किसान अपनी धान लाकर इकट्ठा करते हैं और मुनाफा कमाते हैं. फिर इसे स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पैकेजिंग कर जैविक बाजार में लाती हैं. जैविक बाजार में मुख्य रूप से कोदो, कुटकी, रागी, दलहन, तिलहन और मक्का जैसे जैविक उत्पादों की डिमांड ज्यादा है. ये उत्पाद भुमगादी संस्था के माध्यम से अब जिले के आसपास के राज्यों में भी भेजा जा रहा है.

प्रशासन उपलब्ध करा रहा किसानों को बीज

भुमगादी संस्था के निदेशक आकाश बढ़ावे ने बताया कि जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से यह बेहद अच्छा प्रयास है. किसानों को बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. हमारी संस्था गांव-गांव जाकर किसानों को ट्रेनिंग दे रही है, ताकि वह जैविक खेती कर अधिक मुनाफा कमा सकें. इसके लिए किसान बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं और पंजीयन करा रहे हैं. जिला प्रशासन भी इन्हें अनुदान दे रहा है. किसान जैविक खेती के अलावा जैविक सब्जी-भाजी भी उगा रहे हैं.

Last Updated : Sep 24, 2021, 1:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.