दंतेवाड़ा : प्राशसन की मद्द से शुरू किया गया बटेर पालन का परीक्षण क्षेत्र में सफल हुआ है. इस परीक्षण ने क्षेत्र के आदिवासियों के लिए आमदनी के नए द्वार खोल दिए हैं.
दरअसल, किरंदुल के पास स्थित पढ़ापुर पंचायत में पालो कश्यप और सुनील ने कड़कनाथ का पालन शुरू किया था. पालो ने कड़कनाथ के साथ बटेर पालन करने में भी दिलचस्पी दिखाई, जिसके बाद उसने पशुधन विकास विभाग से मद्द की गुहार लगाई.
पालो ने बटेर पालन के लिए हैचिंग यूनिट की मांग की थी, जिसे पूरा करते हुए तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार ने उसे कुछ अंश राशि के एवज में हैचिंग यूनिट उपलब्ध कराई, जिसके बाद प्राशसन का यह प्रयास उसके लिए कारगर साबित हुई. अब पालो दो साल से बटेर पालन कर रहा है. इससे उसे अच्छी आमदानी हो रही है.
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आदर्श ग्राम के किसानों को करेंगे जागरूक
पशुधन विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अजमेर सिंह का कहना है कि अब प्रयोग बेहद सफल रहा है. इससे किसान की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आ रहा है. जल्द ही आदर्श ग्राम के किसानों को इस ओर जागरूक कर बटेर का पालन करवाया जाएगा. बटेर पालन से संबंधित किसान को फायदा तो होता ही है साथ ही इसे खाने वाले लोगों की सेहत में भी सुधार आता है.
ये हैं इसे बेचने और खरीदने के फायदे-
- हेचरी में 35 से 40 दिनों में बटेर खाने लायक हो जाता है. एक अंडा पांच रुपए में बिकता है.
- बटेर तीन-चार सौ ग्राम का हो जाता है, तो 120 रुपए जोड़ा बिकता है.
- किसान इससे अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं. धीरे-धीरे बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है.
- बटेर के अंडों में भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाना के लिए जरूरी पोषक तत्व है.
- बटेर के अंडों में भरपूर मात्रा में फैटी एसिड पाया जाता है, जो हृदय के लिए अच्छा है.
- लो ब्लड़ प्रेशर के लिए इसका मांस कारगार है.
- मुर्गी के मुकाबले इसके मांस में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं.