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बटेर पालन ने बढ़ाई आय, आदर्श ग्रामों में भी पहुंचेगी यह योजना

जिले के दो किसानों ने बटेर पालन का सफल परीक्षण कर अपनी आय बढ़ाई है. प्रशासन इसे आदर्श ग्रामों में भी पहुंचाने की योजना बना रहा है. खबर में जानें क्या है बटेर बेचने और खरीदने के फायदे.

बटेर पालन का हुआ सफल परीक्षण
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Published : Oct 24, 2019, 11:46 AM IST

दंतेवाड़ा : प्राशसन की मद्द से शुरू किया गया बटेर पालन का परीक्षण क्षेत्र में सफल हुआ है. इस परीक्षण ने क्षेत्र के आदिवासियों के लिए आमदनी के नए द्वार खोल दिए हैं.

पैकेज.

दरअसल, किरंदुल के पास स्थित पढ़ापुर पंचायत में पालो कश्यप और सुनील ने कड़कनाथ का पालन शुरू किया था. पालो ने कड़कनाथ के साथ बटेर पालन करने में भी दिलचस्पी दिखाई, जिसके बाद उसने पशुधन विकास विभाग से मद्द की गुहार लगाई.

पालो ने बटेर पालन के लिए हैचिंग यूनिट की मांग की थी, जिसे पूरा करते हुए तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार ने उसे कुछ अंश राशि के एवज में हैचिंग यूनिट उपलब्ध कराई, जिसके बाद प्राशसन का यह प्रयास उसके लिए कारगर साबित हुई. अब पालो दो साल से बटेर पालन कर रहा है. इससे उसे अच्छी आमदानी हो रही है.

पढे़ं : वित्त मंत्री से मिले सीएम, नक्सल क्षेत्रों में बैंक और ATM की मांग रखी

आदर्श ग्राम के किसानों को करेंगे जागरूक
पशुधन विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अजमेर सिंह का कहना है कि अब प्रयोग बेहद सफल रहा है. इससे किसान की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आ रहा है. जल्द ही आदर्श ग्राम के किसानों को इस ओर जागरूक कर बटेर का पालन करवाया जाएगा. बटेर पालन से संबंधित किसान को फायदा तो होता ही है साथ ही इसे खाने वाले लोगों की सेहत में भी सुधार आता है.

ये हैं इसे बेचने और खरीदने के फायदे-

  • हेचरी में 35 से 40 दिनों में बटेर खाने लायक हो जाता है. एक अंडा पांच रुपए में बिकता है.
  • बटेर तीन-चार सौ ग्राम का हो जाता है, तो 120 रुपए जोड़ा बिकता है.
  • किसान इससे अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं. धीरे-धीरे बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है.
  • बटेर के अंडों में भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाना के लिए जरूरी पोषक तत्व है.
  • बटेर के अंडों में भरपूर मात्रा में फैटी एसिड पाया जाता है, जो हृदय के लिए अच्छा है.
  • लो ब्लड़ प्रेशर के लिए इसका मांस कारगार है.
  • मुर्गी के मुकाबले इसके मांस में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं.

दंतेवाड़ा : प्राशसन की मद्द से शुरू किया गया बटेर पालन का परीक्षण क्षेत्र में सफल हुआ है. इस परीक्षण ने क्षेत्र के आदिवासियों के लिए आमदनी के नए द्वार खोल दिए हैं.

पैकेज.

दरअसल, किरंदुल के पास स्थित पढ़ापुर पंचायत में पालो कश्यप और सुनील ने कड़कनाथ का पालन शुरू किया था. पालो ने कड़कनाथ के साथ बटेर पालन करने में भी दिलचस्पी दिखाई, जिसके बाद उसने पशुधन विकास विभाग से मद्द की गुहार लगाई.

पालो ने बटेर पालन के लिए हैचिंग यूनिट की मांग की थी, जिसे पूरा करते हुए तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार ने उसे कुछ अंश राशि के एवज में हैचिंग यूनिट उपलब्ध कराई, जिसके बाद प्राशसन का यह प्रयास उसके लिए कारगर साबित हुई. अब पालो दो साल से बटेर पालन कर रहा है. इससे उसे अच्छी आमदानी हो रही है.

पढे़ं : वित्त मंत्री से मिले सीएम, नक्सल क्षेत्रों में बैंक और ATM की मांग रखी

आदर्श ग्राम के किसानों को करेंगे जागरूक
पशुधन विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अजमेर सिंह का कहना है कि अब प्रयोग बेहद सफल रहा है. इससे किसान की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आ रहा है. जल्द ही आदर्श ग्राम के किसानों को इस ओर जागरूक कर बटेर का पालन करवाया जाएगा. बटेर पालन से संबंधित किसान को फायदा तो होता ही है साथ ही इसे खाने वाले लोगों की सेहत में भी सुधार आता है.

ये हैं इसे बेचने और खरीदने के फायदे-

  • हेचरी में 35 से 40 दिनों में बटेर खाने लायक हो जाता है. एक अंडा पांच रुपए में बिकता है.
  • बटेर तीन-चार सौ ग्राम का हो जाता है, तो 120 रुपए जोड़ा बिकता है.
  • किसान इससे अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं. धीरे-धीरे बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है.
  • बटेर के अंडों में भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाना के लिए जरूरी पोषक तत्व है.
  • बटेर के अंडों में भरपूर मात्रा में फैटी एसिड पाया जाता है, जो हृदय के लिए अच्छा है.
  • लो ब्लड़ प्रेशर के लिए इसका मांस कारगार है.
  • मुर्गी के मुकाबले इसके मांस में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं.
Intro:- किरंदुल के पास एक आदिवासी ने कड़कनाथ के साथ किया था बटेर पालन
- प्रशासन ने मुहैया कराई थी हैचिंग यूनिट, बटेर के अंडे से तैयार कर रहा 28 दिन में चिड़िया
- डॉ कहते है कि कई बीमारियों को रखता है इसका मटन कंट्रोल, लो ब्लड प्रेशर के लिए रामबाण दवा
- मुर्गी के अंडे से ज्यादा तत्व है बटेर के अंडे में, आदिवासी किसान कड़कनाथ की तरह करेंगे पालन
दंतेवाड़ा। दक्षिण बस्तर में मात्र एक स्थान प्रशासन ने बटेर पालन का सफल प्रोयोग किया है। किरंदुल के पास स्थित पढ़ापुर पंचायत में पालो कश्यप और सुनील ने कड़क नाथ पालन शुरू किया था। इसके बाद पालो ने पशुधन विकास विभाग से बटेर पालन की इच्छा जताईं। इसके लिए हैचिंग यूनिट का अनुरोध किया। इस पर तत्कालीन कलक्टर सौरभ कुमार ने उसे अंश राशि जमा करवा कर मुहैया करवाई। अब वह दो साल से बटेर पालन कर रहा है। इससे उसने काफी आमदानी भी ली। इधर पशु विभाग इस सफल प्रयोग को देख कर जिले के सभी आदर्श ग्राम में बटेर पालन करवाने का फैसला लिया है। डर कहते है कि इसकी जबरदस्त मेडिशन ब्ल्यू है। कई बीमारियों को ये जापानी कुएल कंट्रोल में रखती है। सुनील का कहना है कि हैचीं यूनिट मिलने से अंडो से उत्पादन भी हो रहा है और अंडे भी बेच रहे है। कड़कनाथ की उसके पास काम डिमांड रहती है, बटेर को ग्राहक ज्यादा पसंद कर रहे है।

9 फीमेल पर एक मेल
अंडे के उत्पादन के लिए 9 फीमेल बटेर पर एक मेल बटेर को रहा जाता है। अंडे जब होते है तो तीन दिन के भीतर हैचिंग यूनिट में रहा जाता है। प्रोसेस पूरा होने के बाद चूजे तैयार हो जाते है। इसके बाद 28 दिन में पूरा वयस्क हो जाती है। एक जोड़ी 120 रुपए में बिकता है। बटेर का अंडा जब ज्यादा तादात में होता है तो वह भी 5 रुपए नग बिकता हैं



Body:बड़े स्तर पर जिले में होगा बटेर पालन
पशुधन वुकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अजमेर सिंह का कहना है कि प्रोग कियाया गया था। यह प्रयोग बेहद सफल रहा हैं। तमाम तत्वों से भरपूर मटन है बटेर का। इसके प्रसार के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी है। अब जल्द ही आदर्श ग्राम में बटेर पालन करवाया जाएगा।


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