दंतेवाड़ा : मां दंतेश्वरी की पालकी मंदिर प्रांगण से 800 देवी-देवताओं के साथ पूजा अर्चना कर और जवानों की सलामी के बाद धूमधाम से निकाली गई. जिसमें सम्मिलित होने आए बस्तर के महाराजा, मंदिर के पुजारी और 800 देवी-देवताओं को साथ डोली में बिठाकर नगर भ्रमण कराया गया.
नगर वासियों ने माई जी की डोली के दर्शन कर आशीर्वाद लिया जिसके बाद डोली को मंदिर में उतारा गया. बता दें कि नगर में होलिका दहन के 10 दिन पहले से फाल्गुन मेले आयोजन होता है. इस फाल्गुन मेले में आदिवासी परंपरा का भी नजारा देखने को मिला. जिसमें 9 दिन अलग-अलग रूप में माई की पालकी निकाली गई और नगर भ्रमण कराया गया. मेले को देखने विदेशी पर्यटक भी बस्तर पहुंचे हैं.
देखने को मिलती है अनोखी परंपरा
बस्तर का ऐतिहासिक फागुन मड़ई जोकि बसंत पंचमी से शुरू होकर होलिका दहन तक चलता है. 45 दिनों तक चलने वाला ये मेला विभिन्न परंपराओं के लिए जाना जाता है. जिसे देखने दूर-दूर से विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं.
शासन-प्रशासन करती है खास इंतजाम
मेले के लिए शासन-प्रशासन और मंदिर कमेटी की ओर से विशेष प्रबंध किए जाते हैं. ताकि सैलानी बस्तर की परंपराओं का भरपूर आनंद उठा सकें.