बीजापुर: बीजेपी की सरकार आने के बाद से माओवादियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन फोर्स ने लॉन्च किया. साल 2024 में माओवादियों के खिलाफ फोर्स ने कुल 406 नक्सल ऑपरेशन को अंजाम दिया. चार सौ से ज्यादा नक्सल ऑपरेशन के दौरान 50 से ज्यादा नक्सली मारे गए. भारी संख्या में नक्सली गिरफ्तार हुए और कई माओवादियों ने सरेंडर किया. केंद्रीय गृहमंत्री के निर्देश के बाद से लगातार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है.
2024 में नक्सलियों के खिलाफ 406 ऑपरेशन: केंद्र और राज्य सरकार ये लक्ष्य लेकर चल रही है कि साल 2026 तक माओवादियों का खात्मा कर देना है. नक्सलियों के सेफ जोन माने जाने वाले इलाकों में पुलिस चौपाल लगा रही है. इसी कड़ी में खूंखार नक्सली हिड़मा के गांव गुंडम में पुलिस ने चौपाल लगाकर लोगों की शिकायतें और जरुरतें सुनी. पुलिस कैंपों के जरिए लोगों को तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं. बंद पड़े स्कूलों को खोला जा रहा है.
पीडीएस का राशन पहुंचाया जा रहा: पुलिस कैंपों में मेडिकल शिविर लगाकर लोगों का इलाज किया जा रहा है. गंभीर रुप से बीमार लोगों को बड़े अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है. नक्सल प्रभावित गांवों में जहां पीडीएस का राशन नहीं पहुंचता वहां राशन पहुंचाया जा रहा है. पुलिस कैंपों के जरिए गांवों तक पहुंच रही सरकारी मदद से बस्तर के लोग खुश हैं. नक्सलियों के भंवरजाल को तोड़ने में पुलिस की ये कोशिश कारगर साबित हो रही है.
बीजापुर में खुले 12 नए कैंप: बीजापुर में पुलिस ने अबतक 12 कैंप खोले हैं. पुलिस कैंप खुलने से लोगों में सुरक्षा की भावना भी बढ़ी है. पुलिस के पास अब लोग खुले दिन से अपनी बात रखने के लिए पहुंच रहे हैं. पुलिस कैंपों के जरिए फोर्स की कोशिश है कि नक्सलियों पर दबाव बढ़ाया जाए. नक्सलियों के कोर एरिया में कैंप खुलने से नक्सल गतिविधियों में तेजी से कमी आई है. पहले जहां नक्सली चौपाल लगाते थे वहां अब पुलिस अपनी चौपाल लगा रही है.
एक साल में 48 मुठभेड़: साल 2024 में फोर्स की नक्सलियों के 48 मुठभेड़ हुई. इन मुठभेड़ों में 58 नक्सली मारे गए. 50 से ज्यादा घातक हथियार मुठभेड़ के बाद बरामद हुए. बरामद किए गए हथियारों में एक 47 से लेकर एसएलआर और एलएमजी जैसे रायफल शामिल रहे. सर्चिंग के दौरान जवानों ने माओवादियों के लगाए कई बमों को भी डिफ्यूज किया.
जवानों की हुई शहादत: नक्सल ऑपरेशन के दौरान साल 2024 में छह जवान शहीद हुए. शहीद हुए जवान नक्सलियों के लगाए एंबुश में फंस गए. मुठभेड़ और एंबुश में फंसने से 60 से ज्यादा जवान जख्मी भी हुए. नक्सल वारदातों में 33 सिविलियन को भी अपनी जान गंवानी पड़ी. जान गंवाने वालों में पांच लोग नक्सलियों के लगाए आईईडी बम की चपेट में आए. 28 ग्रामीणों की हत्या माओवादियों ने धारदार हथियार से की. मारे गए लोगों में बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता भी रहे.
505 नक्सलियों ने किया सरेंडर: सर्च ऑपरेशन और पुलिस की कार्रवाई की दौरान कुल 505 नक्सली गिरफ्तार किए गए. साल 2024 में 189 नक्सलियों ने सरेंडर किया. पूरे एक साल में पांच बड़े नक्सल ऑपरेशन हुए जिसमें माओवादियों के बड़े लीडर ढेर हुए. पीडिया के जंगल में 12 माओवादी मारे गए. लेंड्रा में 13 नक्सली और चुकुरभट्टी में 6 माओवादी ढेर हुए.
सड़क बनाने के काम में आई तेजी: बीजापुर जिले में बीआरओ सड़क का काम कर रही है जिसमें तरैम से पामेड़ 42 किलोमीटर और सिलगेर से पूवर्ती तक 51 किलोमीटर सड़क बनाने का काम चल रहा है. इस साल बड़े पुलों का निर्माण हुआ है जिसमे पामेड़ में चिंतावगु नदी पर पुल बना. पूंडरी और नुगुर में पुल बने. महाराष्ट्र से जोड़ने वाले बेदरे पुल का निर्माण किया गया.