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निराश तो हैं लेकिन फिर भी लोकतंत्र पर है भरोसा, 82 साल के दंपति ने डाला वोट - resentment towards working

82 वर्षीय सुरेंद्र नाथ चल नहीं सकते. वो अपनी व्हील चेयर पर बैठकर पत्नी के साथ मतदान करने पहुंचे थे. दंपति ने सिस्टम की कार्य प्रणाली के प्रति नराजगी जाहिर करते हुए कई परेशानियां गिनाई हैं.

82 साल के दंपति ने डाला वोट
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Published : Sep 23, 2019, 3:25 PM IST

दंतेवाड़ाः चुनाव में सिस्टम से निराश हजारों हताश लोगों के चुनाव के बहिष्कार करने की खबरें आती रहती हैं. लेकिन इसी सिस्टम से नाराज 82 साल के बुजुर्ग दंपति ने दंतेवाड़ा उपचुनाव में मतदान कर कर्तव्य निष्ठा और लोकतंत्र पर विश्वास की मिसाल कायम की है.

82 वर्षीय सुरेंद्र नाथ चल नहीं सकते. वो अपनी व्हील चेयर पर बैठकर पत्नी के साथ मतदान करने पहुंचे थे. दंपति ने सिस्टम की कार्य प्रणाली के प्रति नराजगी जाहिर करते हुए कई परेशानियां गिनाई हैं.

दंपति ने सिस्टम के प्रति नराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन दोनों को इस उम्र में भी पेंशन नहीं दिया जा रहा है. जीने के लिए उनके पास कोई सहारा नहीं है. कई बार वे जिला प्रशासन से अपने पेंशन को लेकर गुहार लगा चुके हैं. कुछ सरकारी अधिकारियों ने तो उन्ही से पेंशन के बदले 65 हजार रुपय की मांग कर दी.

पढ़ें : जशपुर: गड्ढों में सड़क या सड़क में गड्ढे, प्रशासन को जगाने रोड पर रोपा धान

सुरेंद्र नाथ की पत्नी कहती हैं कि उन्हें दो वक्त के खाने की भी किल्लत है. एक बेटा है पर वह भी बेरोजगारी का दंश झेल रहा है. बावजूद इसके उन्हें अपना जीवन काटने के लिए सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है.

दंतेवाड़ाः चुनाव में सिस्टम से निराश हजारों हताश लोगों के चुनाव के बहिष्कार करने की खबरें आती रहती हैं. लेकिन इसी सिस्टम से नाराज 82 साल के बुजुर्ग दंपति ने दंतेवाड़ा उपचुनाव में मतदान कर कर्तव्य निष्ठा और लोकतंत्र पर विश्वास की मिसाल कायम की है.

82 वर्षीय सुरेंद्र नाथ चल नहीं सकते. वो अपनी व्हील चेयर पर बैठकर पत्नी के साथ मतदान करने पहुंचे थे. दंपति ने सिस्टम की कार्य प्रणाली के प्रति नराजगी जाहिर करते हुए कई परेशानियां गिनाई हैं.

दंपति ने सिस्टम के प्रति नराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन दोनों को इस उम्र में भी पेंशन नहीं दिया जा रहा है. जीने के लिए उनके पास कोई सहारा नहीं है. कई बार वे जिला प्रशासन से अपने पेंशन को लेकर गुहार लगा चुके हैं. कुछ सरकारी अधिकारियों ने तो उन्ही से पेंशन के बदले 65 हजार रुपय की मांग कर दी.

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सुरेंद्र नाथ की पत्नी कहती हैं कि उन्हें दो वक्त के खाने की भी किल्लत है. एक बेटा है पर वह भी बेरोजगारी का दंश झेल रहा है. बावजूद इसके उन्हें अपना जीवन काटने के लिए सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है.

Intro:दंतेवाड़ा । दंतेवाड़ा उपचुनाव के इस महापर्व में क्या महिला क्या पुरुष और क्या युवा मतदाता सभी बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी मतदाता वोट डालने मतदान केंद्रों तक पहुंच रहे हैं । लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा बुजुर्ग दंपति मतदान करने पहुंचा जो सिस्टम से पूरी तरह से हराश हो चुका है। दरअसल व्हील चेयर में मतदान करने पहुंचे 82 वर्षीय सुरेंद्र नाथ लंबे समय से पेंशन की मांग कर रहे हैं लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते हर बार उन्हें भगा दिया जाता है। सुरेंद्र नाथ की पत्नी उनका भी कहना है कि उन दोनों को इस उमर में भी पेंशन नहीं दिया जाता है जीने के लिए उनके पास कोई सहारा नहीं है।


Body:ये दंपति कई बार जिला प्रशासन से अपने पेंशन को लेकर गुहार लगाने गया लेकिन कुछ सरकारी अधिकारियों ने उन्हें पेंशन के बदले 65 हजार रु की मांग की तो कुछ अधिकारियों ने पेंशन नहीं मिलने की बात कहते हुए इन्हें भगा दिया । उनका कहना है कि चूंकि मतदान करना जरूरी है इसलिए अपने कर्तव्य का पालन करने पहुंचे हैं लेकिन उन्हें सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। क्योंकि इतने साल हो गए और कई बार दफ्तर के चक्कर लगा लिए बावजूद इसके उन्हें अपने जीवनकोपार्जन के लिए सरकार कोई सहारा नहीं देती है । वही उनका एक बेटा है जिसकी भी नौकरी की मांग लगातार दंपति द्वारा सरकार से किया जा रहा है लेकिन इस मामले में भी उन्हें टाल दिया जा रहा है।


Conclusion:बुजुर्ग दंपति का कहना है कि विकास के नाम पर सिर्फ नेताओं ने अपना विकास किया है और जो जरूरतमंद है आज भी समस्या से जूझ रहे हैं। खासकर ऐसे कई बुजुर्ग हैं जो पेंशन के लिए जूझ रहे हैं। फिर भी उनका कहना है कि वे अरे मतदान करने पहुंचे और वह चाहते हैं कि इस चुनाव में जो भी प्रत्याशी जीते उनकी समस्या का हल करें। दंपती का कहना है कि सिस्टम उनकी नहीं सुन रहा लेकिन देश के लिए जिला के लिए और अपने प्रत्याशी के लिए मतदान करना जरूरी है।

वन टू वन - बुजुर्ग दंपति
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