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कोरोना काल में 28 संविदा कर्मचारियों ने किया दिन-रात काम, अब दो माह के वेतन के लिए काट रहे चक्कर

दंतेवाड़ा (Dantewada) के सुदूर नक्सल (Naxal) प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले 28 संविदा कर्मचारियों (28 contract employees)की सेवा अचानक खत्म कर दिया गया. साथ ही उनके 2 माह का बकाया वेतन भी उन्हें मुहैया नहीं कराया गया. दरअसल, कोरोनाकाल (Covid period)में जान जोखिम में डालकर इन कर्मचारियों (Employees)ने दिन-रात काम किया. हालांकि 2 माह का बकाया वेतना भुगतान न होने के कारण ये 6 महीने से मुख्य चिकित्सा अधिकारी व कलेक्ट्रेट (Chief Medical Officer and Collectorate)के चक्कर काट रहे हैं.

28 contract employees in corona period
कोरोनाकाल में 28 संविदा कर्मचारियों
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Published : Oct 6, 2021, 11:16 AM IST

दंतेवाड़ाः छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले के सुदूर नक्सल (Naxal) प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले 28 संविदा कर्मचारी (28 contract employees) सेवा समाप्ति के बाद भी अपने वेतन (Salary) भुगतान से वंचित हैं.बताया जा रहा है कि कोरोना काल (Covid period) में अपने जान पर खेलकर इन कर्मचारियों (Employees)ने दिन-रात एक कर काम किया. हालांकि बकाया वेतन भुगतान (salary payment) न होने के कारण ये 6 महीने से मुख्य चिकित्सा अधिकारी व कलेक्ट्रेट (Chief Medical Officer and Collectorate) के चक्कर काट रहे हैं.

वेतन के लिए काट रहे कलेक्टरेट के चक्कर

वहीं, अधिकारी महज कर्मचारियों को आश्वासन ही दे रहे हैं. हालांकि कई बार हुई टाल-मटोल के बाद भी अब तक इन कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है.

पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के सामने रखी अपनी बात

इधर, एक दिवसीय प्रवास पर आए पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप (Former Education Minister Kedar Kashyap) के सामने इन कर्मचारियों ने अपनी समस्या को रखते हुए मामले से अवगत कराया. कर्मचारियों ने पूर्व शिक्षा मंत्री से कहा कि कोरोनाकाल में हमने अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपनी ड्यूटी निभाई है. लेकिन हमारा 2 माह का वेतन हमें मुहैया नहीं कराया गया. मुख्य चिकित्सा विभाग और कलेक्टर ऑफिस में गुहार लगाने के बावजूद अब तक हमें वेतन नहीं दिया गया और न ही हमारी सेवा अवधि में वृद्धि की गई है. जिसको लेकर हम परेशान हैं.

कोरोना काल के दौरान ड्यूटी का नहीं हुआ भुगतान, दफ्तर का चक्कर लगाने को मजबूर लोग

अधिकारी महज आश्वासन ही दे रहे

समय-समय पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और कलेक्टरेट के चक्कर लगा रहे हैं. हालांकि हमें महज आश्वासन ही अधिकारियों द्वारा दी जा रही है. न तो हमारा वेतन हमें मिल रहा है और ना ही हमारी सेवा अधि बढ़ाई गई.

बकाया वेतन न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण

वहीं, एक अन्य दूसरे कर्मचारी ने पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप को इसी तरह की समस्या से अवगत कराया. वहीं, कर्मचारियों की समस्या को सुनने के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री ने इन कर्मचारियों के वेतन न मिलने के मामले को दुर्भाग्यपूण करार देते हुए मामले की निंदा की.

दंतेवाड़ाः छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले के सुदूर नक्सल (Naxal) प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले 28 संविदा कर्मचारी (28 contract employees) सेवा समाप्ति के बाद भी अपने वेतन (Salary) भुगतान से वंचित हैं.बताया जा रहा है कि कोरोना काल (Covid period) में अपने जान पर खेलकर इन कर्मचारियों (Employees)ने दिन-रात एक कर काम किया. हालांकि बकाया वेतन भुगतान (salary payment) न होने के कारण ये 6 महीने से मुख्य चिकित्सा अधिकारी व कलेक्ट्रेट (Chief Medical Officer and Collectorate) के चक्कर काट रहे हैं.

वेतन के लिए काट रहे कलेक्टरेट के चक्कर

वहीं, अधिकारी महज कर्मचारियों को आश्वासन ही दे रहे हैं. हालांकि कई बार हुई टाल-मटोल के बाद भी अब तक इन कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है.

पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के सामने रखी अपनी बात

इधर, एक दिवसीय प्रवास पर आए पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप (Former Education Minister Kedar Kashyap) के सामने इन कर्मचारियों ने अपनी समस्या को रखते हुए मामले से अवगत कराया. कर्मचारियों ने पूर्व शिक्षा मंत्री से कहा कि कोरोनाकाल में हमने अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपनी ड्यूटी निभाई है. लेकिन हमारा 2 माह का वेतन हमें मुहैया नहीं कराया गया. मुख्य चिकित्सा विभाग और कलेक्टर ऑफिस में गुहार लगाने के बावजूद अब तक हमें वेतन नहीं दिया गया और न ही हमारी सेवा अवधि में वृद्धि की गई है. जिसको लेकर हम परेशान हैं.

कोरोना काल के दौरान ड्यूटी का नहीं हुआ भुगतान, दफ्तर का चक्कर लगाने को मजबूर लोग

अधिकारी महज आश्वासन ही दे रहे

समय-समय पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और कलेक्टरेट के चक्कर लगा रहे हैं. हालांकि हमें महज आश्वासन ही अधिकारियों द्वारा दी जा रही है. न तो हमारा वेतन हमें मिल रहा है और ना ही हमारी सेवा अधि बढ़ाई गई.

बकाया वेतन न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण

वहीं, एक अन्य दूसरे कर्मचारी ने पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप को इसी तरह की समस्या से अवगत कराया. वहीं, कर्मचारियों की समस्या को सुनने के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री ने इन कर्मचारियों के वेतन न मिलने के मामले को दुर्भाग्यपूण करार देते हुए मामले की निंदा की.

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