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Diwali 2022: दंतेवाड़ा में गोबर के दीयों की बढ़ी डिमांड

इस दिवाली दंतेवाड़ा में गोबर के दीयों की डिमांड बढ़ गई है Diwali 2022. महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर के दीयें बना रही हैं. जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं cow dung diyas. ऐसे में इस दिवाली गोबर के दियों से रोशन होंगे घर आंगन. diyas demand Increased in Dantewada

cow dung diyas demand
दंतेवाड़ा में गोबर के दीयों की बढ़ी डिमांड
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Published : Oct 21, 2022, 10:37 PM IST

दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा में इस बार की दिवाली बेहद खास हो चली है (Diwali 2022). क्योंकि यहां महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं द्धारा आकर्षक दीये बना जा रहे हैं. जो लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं. यह दीए गोबर से तैयार किए गए हैं (cow dung diyas). जिस पर सुंदर सुंदर विभिन्न रंगों से सजाकर मनमोहक रूप दिया जा रहा है. इसके साथ ही मोम का उपयोग कर दीयों को कई सुंदर रुपों में ढाला गया है. ये दीये भी लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं .(diyas demand Increased in Dantewada)

गोधन न्याय योजना के जरिए गोबर के दीयों को मिला बढ़ावा: सीएम भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना जैसे विभिन्न योजनाओं को लागू कर ग्रामीण अंचलों में आजीविका मूलक गतिविधियों को विस्तृत रूप दिया. इसी प्रकार गोबर का उपयोग कर लोगों के लिए आजीविका का सृजन किया जा रहा है. जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में महिला स्व सहायता के समूह द्वारा गोबर के मनमोहक दीये तैयार किए गए हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वच्छता समूह द्वारा इस वर्ष 8000 से अधिक दीये तैयार किए गए हैं. इस तरह पूरे जिले में गोबर के दीये बेचे जा रहे हैं. स्व सहायता समूह की महिलाओं को अच्छा खासा फायदा हो रहा है.

ये भी पढ़ें: इस बार दीवाली पर जलेंगे गोबर के दीये, पर्व को ईको-फ्रेंडली बनाने की तैयारी

गोबर के दीये बनाकर महिलाएं खुश: दीदियां बड़ी ही उत्साह के साथ गोबर के दिए का निर्माण कर रही हैं. दीदियां बताती है कि इस वर्ष गोबर के दिये के साथ-साथ मोम से बनी अलग अलग कलाकृतियों की मोमबत्ती निर्मित की गई है. जिसकी बाजार में काफी डिमांड है. वे बताती हैं उनके समूह का नाम रानी स्व सहायता समूह है जो कारली में स्थित है और मोम से कैंडल निर्माण हेतु ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आरसेटी द्वारा 10 दिवस का प्रशिक्षण दिया गया. जिसके बाद समूह की दीदियों ने 2000 से अधिक मनमोहक आकृति की मोमबत्तियां तैयार की है. दीदीयां बताती हैं कि क्रिसमस हेतु टैडी बियर, फ्लावर रोज, क्रिसमस ट्री जैसे आकृतियों के भी कैंडल तैयार किये गये हैं. जिससे ना केवल दीपावली में बल्कि क्रिसमस में भी विशेष रूप से विक्रय किया जाएगा.इन कैंडल की कीमत 5 रूपये से 25 रूपये प्रति कैंडल है.

दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा में इस बार की दिवाली बेहद खास हो चली है (Diwali 2022). क्योंकि यहां महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं द्धारा आकर्षक दीये बना जा रहे हैं. जो लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं. यह दीए गोबर से तैयार किए गए हैं (cow dung diyas). जिस पर सुंदर सुंदर विभिन्न रंगों से सजाकर मनमोहक रूप दिया जा रहा है. इसके साथ ही मोम का उपयोग कर दीयों को कई सुंदर रुपों में ढाला गया है. ये दीये भी लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं .(diyas demand Increased in Dantewada)

गोधन न्याय योजना के जरिए गोबर के दीयों को मिला बढ़ावा: सीएम भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना जैसे विभिन्न योजनाओं को लागू कर ग्रामीण अंचलों में आजीविका मूलक गतिविधियों को विस्तृत रूप दिया. इसी प्रकार गोबर का उपयोग कर लोगों के लिए आजीविका का सृजन किया जा रहा है. जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में महिला स्व सहायता के समूह द्वारा गोबर के मनमोहक दीये तैयार किए गए हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वच्छता समूह द्वारा इस वर्ष 8000 से अधिक दीये तैयार किए गए हैं. इस तरह पूरे जिले में गोबर के दीये बेचे जा रहे हैं. स्व सहायता समूह की महिलाओं को अच्छा खासा फायदा हो रहा है.

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गोबर के दीये बनाकर महिलाएं खुश: दीदियां बड़ी ही उत्साह के साथ गोबर के दिए का निर्माण कर रही हैं. दीदियां बताती है कि इस वर्ष गोबर के दिये के साथ-साथ मोम से बनी अलग अलग कलाकृतियों की मोमबत्ती निर्मित की गई है. जिसकी बाजार में काफी डिमांड है. वे बताती हैं उनके समूह का नाम रानी स्व सहायता समूह है जो कारली में स्थित है और मोम से कैंडल निर्माण हेतु ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आरसेटी द्वारा 10 दिवस का प्रशिक्षण दिया गया. जिसके बाद समूह की दीदियों ने 2000 से अधिक मनमोहक आकृति की मोमबत्तियां तैयार की है. दीदीयां बताती हैं कि क्रिसमस हेतु टैडी बियर, फ्लावर रोज, क्रिसमस ट्री जैसे आकृतियों के भी कैंडल तैयार किये गये हैं. जिससे ना केवल दीपावली में बल्कि क्रिसमस में भी विशेष रूप से विक्रय किया जाएगा.इन कैंडल की कीमत 5 रूपये से 25 रूपये प्रति कैंडल है.

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