दंंतेवाड़ा: DRG के जवानों और नक्सलियों के बीच 27 जून को पोरदेम के जंगलों में हुई मुठभेड़ (police naxalite encounter) को परिजनों और ग्रामीणों ने फर्जी बताते हुए हाईकोर्ट जाने की बात कही. घटना के 9 दिन बाद मुठभेड़ में मारे गए नक्सली संतोष मरकाम (Naxalite Santosh Markam) का शव लेने पहुंचे परिजनों के साथ समाज सेविका सोनी सोरी (Soni Sori) भी जिला अस्पताल पहुंची. उन्होंने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए हाईकोर्ट जाने की बात कही.
'पोरदेम के जंगलों में हुई फर्जी मुठभेड़'
27 जून को पोरदेम के जंगलों में 1 घंटे तक मुठभेड़ चली. जिसमें पुलिस का दावा है कि उन्होंने 5 लाख के एक इनामी नक्सली को मार गिराया. इसकी पुष्टि खुद SP अभिषेक पल्लव (Dantewada SP Abhishek Pallav) ने की थी. मारे गए नक्सली का नाम संतोष मरकाम बताया गया. मृत नक्सली की शिनाख्त मलंगर एरिया कमेटी मेंबर संतोष मरकाम के रूप में हुई थी. घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया और मामले की मजिस्ट्रेट जांच करने की मांग की थी. मामले को लेकर परिजन व ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.
एनकाउंटर पर सवाल: संतोष के परिजनों ने मुठभेड़ को बताया फर्जी, पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप
'संतोष मरकाम की हत्या हुई'
घटना के 9 दिन बाद मारे गए नक्सली का शव लेने परिजनों के साथ समाज सेविका भी जिला अस्पताल (district hospital) पहुंची. सोनी सोरी ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के इतने दिन बाद भी जिला प्रशासन से जो मांग की गई थी. उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सोनी सोरी ने कहा कि उनकी 14 सदस्यीय जांच टीम घटनास्थल पहुंची थी. तथ्यों को देखा गया. जिससे ये पता चलता है कि वहां कोई मुठभेड़ नहीं हुई थी. बल्कि हत्या की गई है. सोनी सोरी ने कहा कि जिसे पुलिस संतोष मरकाम बता रही है उसका नाम आधार कार्ड में हड़मा मरकाम है. इसकी जांच होनी चाहिए.