दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ सरकार के डिमरापाल के चिकित्सा महाविद्यालय का नाम स्वर्गीय बलिराम कश्यप स्मृति मेडिकल कॉलेज से बदलकर स्वर्गीय महेंद्र कर्मा स्मृति मेडिकल कॉलेज किए जाने के फैसले का भाजपा ने विरोध किया है. जिला भाजपा अध्यक्ष चैतराम अटामी ने फैसले को अनुचित और जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बताया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब पुराने कामों को नया बताकर दिखा रहे हैं.
'बलि दादा' बस्तर की पहचान
चैतराम अटामी ने कहा कि भूपेश बघेल को शायद बस्तर से सही तरह अवगत नहीं कराया गया है, नहीं तो वे इस तरह के फैसले को कतई मंजूरी नहीं देते. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय बलिराम कश्यप बस्तर के एक सिद्धांत पुरुष थे, वे पार्टी मायनों से ऊपर उठकर बस्तर के विकास की सोच रखने वाले महानायक थे. 'बलि दादा' नाम ही बस्तर की राजनीतिक पहचान है. मुख्यमंत्री पहले कोसार टेडा डैम, नगरनार स्टील प्लांट, बस्तर की शिक्षा का इतिहास खंगाल लें, बस्तर की जनता के भावनाओं को टटोलें उसके बाद किसी फैसले तक पहुंचें.
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लोगों की भावनाओं से खिलवाड़
चैतराम अटामी ने कहा, ऐसे महापुरुष की तो कॉलेज में प्रतिमा लगनी चाहिए. उनके नाम पर रखे मेडिकल कॉलेज का नाम बदलना पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर किसी व्यक्ति विशेष को अपमान करने की भावना को प्रकट करता है. इस तरह से मेडिकल कॉलेज का नाम बदलना लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ है.
कुछ नया करे सरकार
उन्होंने कहा कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष माननीय महेंद्र कर्मा का वे पूरा सम्मान करते हैं. इतना ही नहीं शहीद महेंद्र कर्मा जी के सम्मान में पूर्व भाजपा सरकार ने कन्या महाविद्यालय का नाम स्वर्गीय महेंद्र कर्मा कन्या महाविद्यालय रखा है, जो आज भी संचालित है. भूपेश सरकार को भी दिवंगत और शहीदों के प्रति ऐसी सोच रखनी चाहिए. उन्होंने प्रदेश सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि अगर सरकार चाहे तो बस्तर संभाग में कहीं भी नया प्रोजेक्ट लगाकर उसका नाम स्वर्गीय महेंद्र कर्मा के स्मृति में रखता है तो क्षेत्र के लोगों में प्रसन्नता होगी. इससे लोगों को सरकार द्वारा किया गया कुछ नया भी दिखेगा और शहीद महेंद्र कर्मा को सही मायने में सरकार द्वारा श्रद्धांजलि भी होगी.