दंतेवाड़ा: जिले से लगातार हो रहे मजदूरों के पलायन के संबंध में जिला पंचायत सदस्यों ने प्रेस वार्ता की है. प्रेसवार्ता करने वाले जिला पंचायत सदस्य बीजेपी समर्थित हैं. सदस्यों की ओर से कहा गया है कि जिले में मजदूरों का पलायन दुर्भाग्यपूर्ण है. बस्तर अंचल में पेसा कानून कि पांचवी अनुसूची लागू होने और पंचायती राज अधिनियम के अनुसार पंचायतों में सरपंच और ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई भी कार्य नहीं हो सकता है.
सौतेला व्यवहार का आरोप
जनता ने चुने गए ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई करने का अधिकार देश के संविधान ने किसी को नहीं दिया है. जिला पंचायत अध्यक्ष किस नियम के तहत सरपंच पर कार्रवाई की बात करती है. जबकि वह स्वयं भी जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं. उनका कहना है कि बीजेपी समर्थित सरपंच और पंचायतों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. इन पंचायतों में विकास कार्यों को बंद कर दिया गया है. साथ ही भाजपा शासनकाल में शुरू किये गये समस्त रोजगार संबंधित कार्यों को बंद कर दिया गया है. जिनमें बीपीओ कॉल सेंटर, शक्ति गारमेंट, लाइवलीहुड कॉलेज इन सभी को कांग्रेस शासन काल में बंद कर दिया गया है.
नौकरी छोड़ रहे हैं डॉक्टर
जिला पंचायत सदस्यों ने बताया कि हॉस्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टरों से दुर्व्यवहार किया जा रहा है. उन्हें समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. लिहाजा विशेषज्ञ डॉक्टर नौकरी छोड़ कर चले गए हैं. जिले के मरीज हॉस्पिटल में डॉक्टर और दवाइयों के लिये भटक रहे हैं. बीजेपी के शासन काल में पालनार ग्राम पंचायत में कैशलेस भुगतान की शुरुआत हुई थी. लेकिन कांग्रेस के शासनकाल में उसका बुरा हाल है.
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शासन पर लगाए कई आरोप
जिला पंचायत सदस्यों ने बताया कि कांग्रेस के पार्षद चावल घोटाला मामले में जेल में बंद है. बालुद में तीन किलो तक ज्यादा धान तौला जा रहा है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है. इनके घोषणापत्र में सरकार बनते ही चिटफंड कंपनियों से लोगों के पैसा वापस कराने के लिए कहा गया था. लेकिन 2 साल बीत जाने के बावजूद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. इस दौरान जिला पंचायत सदस्य रामु नेताम, मालती मुड़ामी, संगीता नेताम, और अन्य सदस्य उपस्थित थे.