दंतेवाड़ा: एक तरफ पूरा देश जहां कोरोना वायरस से लड़ रहा है, वहीं प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं कोरोना के साथ ही कुपोषण से भी लड़ रही हैं. कोरोना के रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन के दौरान भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर छोटे-छोटे बच्चों के साथ गर्भवती, शिशुवती और किशोरी बालिकाओं को रेडी-टू-ईट का वितरण किया जा रहा है. वहीं लोगों को कोरोना के प्रति जागरूकता और वैक्सीन लगवाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.
घर-घर पौष्टिक आहार का वितरण
दंतेवाड़ा जिले के सभी चार ब्लॉक में 500 से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मितानिन इन दिनों मैदान में उतरी हुई हैं. घर-घर-जाकर बच्चों को रेडी-टू-ईट का वितरण कर रही हैं. वहीं लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए भी समझाइश दी जा रही है. नक्सल प्रभावित चूड़ी टिकरा गांव में भी लगातार रेडी-टू-ईट और टेक होम राशन वितरण (सूखा राशन) चावल, मिक्सदाल, चना, सोयाबड़ी, सब्जी आदि पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. कोरोना काल में आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़े हैं. लिहाजा बच्चों को खाने-पीने में दिक्कत न हो. इसका ख्याल रखा जा रहा है. बच्चों को पौष्टिक आहार वितरित किया जा रहा है. ताकि कुपोषण के खिलाफ लड़ी जा रही महत्वपूर्ण लड़ाई में निश्चित तौर पर जीत हासिल की जा सके.
जांजगीर-चांपा: स्व सहायता समूह की महिलाएं तैयार कर रही रेडी-टू-ईट फूड पैकेट
रखा जा रहा है सभी का ध्यान
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शीला देवी ने बताया कि कोरोना संक्रमण काफी फैला है. ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़े हैं. शासन के निर्देश पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सेहत का ध्यान रखते हुए घर-घर रेडी-टू-ईट का वितरण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और वैक्सीन लगवाने भी अपील की जा रही है. शीला देवी ने बताया कि गाइडलाइन के साथ वे घर-घर जाकर पौष्टिक आहार वितरित करती हैं.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रयास से जुड़वा बच्चों ने जीती कुपोषण से जंग
रेडी-टू-ईट से बच्चों को हो रहा फायदा
चूड़ी टिकरा गांव की निवासी यामिनी ठाकुर ने बताया कि कोरोना काल के बावजूद घर-घर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रेडी-टू-ईट बांट रही हैं. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कोरोना को लेकर जागरूक भी कर रही हैं. यामिनी ठाकुर ने बताया कि रेडी-टू-ईट में मिले पौष्टिक आहार से उनके बच्चों को काफी फायदा हो रहा है.