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दंतेवाड़ा: 7 करोड़ के घोटाले के आरोपी को अग्रिम जमानत - 7 करोड़ के उपकरणों की हुई थी खरीदी

स्वास्थ्य विभाग में 5 महीने पहले हुए घोटाले में तीन आरोपियों पर FIR दर्ज हुई है. तीनों आरोपियों को मिली अग्रिम जमानत पर वर्तमान CHMO ने दस्तावेजों को लेकर चिंता जताई है.

घोटाले के आरोपियों को मिली अग्रिम जमानत
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Published : Oct 24, 2019, 9:10 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 10:48 PM IST

दंतेवाड़ा: DMF में सामान की खरीद-फरोख्त में 5 महीने पहले 7 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था. जांच के बाद खनिज विभाग के जिला अधिकारी ने मामले में FIR दर्ज कराई है, जिसमें तात्कालिक CHMO एचएल ठाकुर, DPM सर्वजीत मुखर्जी और लेखापाल को आरोपी बताया है.

स्वास्थ्य विभाग में 7 करोड़ का घोटाला

मामले में जिला चिकित्सालय अधिकारी का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया था. लेकिन DPM सर्वजीत मुखर्जी और लेखापाल को कार्यालय से हटाने तक का प्रयास नहीं किया गया. वर्तमान CHMO एसपीएस शांडिल्य का मानना है कि, ये लोग कार्यालय में दस्तावेजों से छेड़खानी कर सकते हैं. इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है. मामला कोर्ट में लंबित है.

7 करोड़ के उपकरणों की हुई थी खरीदी
SP अभिषेक पल्लव का कहना है कि, 'घोटाले के मामले में आरोपी अग्रिम जमानत पर बाहर हैं. अब न्यायलय के आदेश के बाद ही कार्रवाई होगी. कलेक्टर सौरभ कुमार के आदेश पर 7 करोड़ के उपकरणों की खरीदारी की गई थी. जिसमें बताया जा रहा है कि, सिर्फ 4 करोड़ 10 लाख रुपए का सामान मिला था.

पढ़े:रायपुर : दिवाली पर फायरब्रिगेड कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द

ब्रेस्ट कैंसर की मशीन का पता नहीं
जिन मशीनों में घोटाला हुआ, उनमें महिलाओं से जुड़ी बीमारी के इलाज में शामिल एक अहम मशीन भी थी. यह मशीन ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए ली जानी थी. इस पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने कहा कि, 'ऐसी कोई मशीन उपलब्ध नहीं है. मशीन के स्थापित होने से महिलाओं के इलाज में सहूलियत होती. अब ये मशीन कब स्थापित होगी यह सवाल बना है'.

दंतेवाड़ा: DMF में सामान की खरीद-फरोख्त में 5 महीने पहले 7 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था. जांच के बाद खनिज विभाग के जिला अधिकारी ने मामले में FIR दर्ज कराई है, जिसमें तात्कालिक CHMO एचएल ठाकुर, DPM सर्वजीत मुखर्जी और लेखापाल को आरोपी बताया है.

स्वास्थ्य विभाग में 7 करोड़ का घोटाला

मामले में जिला चिकित्सालय अधिकारी का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया था. लेकिन DPM सर्वजीत मुखर्जी और लेखापाल को कार्यालय से हटाने तक का प्रयास नहीं किया गया. वर्तमान CHMO एसपीएस शांडिल्य का मानना है कि, ये लोग कार्यालय में दस्तावेजों से छेड़खानी कर सकते हैं. इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है. मामला कोर्ट में लंबित है.

7 करोड़ के उपकरणों की हुई थी खरीदी
SP अभिषेक पल्लव का कहना है कि, 'घोटाले के मामले में आरोपी अग्रिम जमानत पर बाहर हैं. अब न्यायलय के आदेश के बाद ही कार्रवाई होगी. कलेक्टर सौरभ कुमार के आदेश पर 7 करोड़ के उपकरणों की खरीदारी की गई थी. जिसमें बताया जा रहा है कि, सिर्फ 4 करोड़ 10 लाख रुपए का सामान मिला था.

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ब्रेस्ट कैंसर की मशीन का पता नहीं
जिन मशीनों में घोटाला हुआ, उनमें महिलाओं से जुड़ी बीमारी के इलाज में शामिल एक अहम मशीन भी थी. यह मशीन ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए ली जानी थी. इस पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने कहा कि, 'ऐसी कोई मशीन उपलब्ध नहीं है. मशीन के स्थापित होने से महिलाओं के इलाज में सहूलियत होती. अब ये मशीन कब स्थापित होगी यह सवाल बना है'.

Intro:7 करोड़ के घोटाला मामले में मिली अग्रिम जमानत, आरोपी मूल पद और कार्यालय में ही जमे,
- सी एच एम ओ ने माना हो सकती है दस्तावेजो से छेड़खानी
- एसपी ने कहा न्यायालय का जैसा आदेश आएगा अब कार्रवाई उस आधार पर होगी
- इस बीच एक महत्वपूर्ण मशीन का स्टैबलिश न होने से जिला अस्पताल में मरीजों को करना पड़ रहा दिक्क्तों का सामना
दन्तेवाड़ा। स्वास्थ्य विभाग में खरीद फरोख्त में 5 माह पहले 7 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ। जांच के बाद खनिज विभाग के जिला अधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। आरोपी तत्काली सी एच एम ओ एच एल ठाकुर, डीपीएम सर्वजीत मुखर्जी और लेखापाल को आरोपी बनाया गया। कोर्ट से तीनों आरोपियों को अग्रिम जमानत मिल चुकी है। जिला चिकित्सा अधिकारी का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया था। लेकिन डीपीएम सर्वजीत मुखर्जी और लेखापाल को कार्यालय तक से हटाने का प्रयास नही किया गया। वर्तमान सी एच एम ओ एस पी एस शांडिल्य का मानना है कि ये लोग कार्यालय में दस्तावेजो से छेड़खानी कर सकते है। इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है। मामला कोर्ट में लंबित है। इधर एसपी अभिषेक पल्लव का कहना है अग्रिम जमानत घोटाले के मामले में आरोपी जमानत पर बाहर है। अब न्यायलय के आदेश के बाद ही कार्रवाई होगी।
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Body:7 करोड़ के उपकरणों की हुई थी खरीदी
कलक्टर सौरभ कुमार के आदेश पर 7 करोड़ के उपकरणों की खरीदारी हुई थी। इसमें बतया जा रहा है कि 4 करोड़ 10 लाख रुपए का सामान मिला था।

ब्रेस्ट कैंसर की मशीन का पता नहीं
महिलाओं के इलाज से जुड़ी एक अहम मशीन भी शामिल थी। यह मशीन ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए स्टैबलिश होनी थी। इस पर जिला अस्पताल सीएस ने कहा, ऐसी कोई मशीन नही है। मशीन के स्थापित होने से महिलाओं के इलाज में सहूलियत होती। अब ये मशीन कब स्थापित होगी सवाल बना है।



Conclusion:vis
byt_ sp Dr abhishek pallav
byt- c h m o s p s shanidilya
Last Updated : Oct 24, 2019, 10:48 PM IST
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