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दंतेवाड़ा: शीतला माता के मंदिर में जात्रा के आयोजन में जुटे 84 गांव के श्रद्धालु

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Published : Dec 29, 2020, 8:30 PM IST

दंतेवाड़ा में साल 2020 में मानसून, अच्‍छी बारिश और अच्छी फसल के लिए शीतला देवी मां के सामने कृतज्ञता जाहिर करने के लिए 84 गांव के देवी-देवता परगना के रूप में मंदिर में जुटे थे. जात्रा हर साल अगहन महीने के अंतिम मंगलवार को मनाया जाता है.

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जात्रा के आयोजन में जुटे 84 गांव के श्रद्धालु

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में इस बार मानसून, अच्‍छी बारिश और अच्छी फसल हुई है. दंतेवाड़ा में इन मन्‍नतों के पूरे होने पर शीतला देवी मां के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने 84 गांव के देवी-देवता परगना के रूप में शीतला माता के मंदिर में जुटे थे. श्रद्धालुओं ने शीतला माता की पूजा-अर्चना की है. साथ ही मन्‍नत पूरी करने के लिए फूल-नारियल, अंडा, बकरा और मुर्गा का चढ़ावा चढ़ाया है. यह जात्रा हर साल हिंदी महीने के अगहन के अंतिम मंगलवार को मनाया जाता है. इस जात्रा के बाद अंचल में वार्षिक जात्रा और मंडई मेले का दौर शुरू हो जाता है.

जात्रा के आयोजन में जुटे 84 गांव के श्रद्धालु

पढ़ें: नवरात्रः पंचमी पर शीतला माता के दरबार में भक्तों का तांता, आज स्कंदमाता स्वरूप की पूजा

दूर होती हैं बिमारियां

मान्यता है कि शीतला माता के दरबार में आने से चेचक, पीलिया जैसी बीमारियां दूर हो जाती है. शीतला माता मंदिर के पुजारी ने बताया कि मां के दरबार में हर मंगलवार को दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं, जो हमें अपनी मन्नत मांग कर नारियल चढ़ाते हैं. मन्नत पूरी होने पर साल में एक बार होने वाली अगन जात्रा पर ग्रामीण अपनी मन्नत पूरी होने पर बकरा, मुर्गी, सूअर मन्नत के अनुसार दरबार में चढ़ाते हैं.

पढ़ें: कोरोना का असर: पहली बार नवरात्रि में श्रद्धालुओं के ज्योति कलश नहीं होंगे प्रज्ज्वलित

श्रद्धालु जीतू कर्मा ने बताया कि हम लोग शीतला माता मंदिर में हमेशा से आते रहे हैं. शीतला माता की कृपा से घर में सुख-शांति और सेहत ठीक रहता है. लोग यहां मनोकामना मांगते हैं. हमारी मनोकामना पूरी भी हुई है. जिसके बाद मन्नत के रूप में मुर्गा चढ़ाने आए हैं. हर मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ यहां पहुंचती है.

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में इस बार मानसून, अच्‍छी बारिश और अच्छी फसल हुई है. दंतेवाड़ा में इन मन्‍नतों के पूरे होने पर शीतला देवी मां के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने 84 गांव के देवी-देवता परगना के रूप में शीतला माता के मंदिर में जुटे थे. श्रद्धालुओं ने शीतला माता की पूजा-अर्चना की है. साथ ही मन्‍नत पूरी करने के लिए फूल-नारियल, अंडा, बकरा और मुर्गा का चढ़ावा चढ़ाया है. यह जात्रा हर साल हिंदी महीने के अगहन के अंतिम मंगलवार को मनाया जाता है. इस जात्रा के बाद अंचल में वार्षिक जात्रा और मंडई मेले का दौर शुरू हो जाता है.

जात्रा के आयोजन में जुटे 84 गांव के श्रद्धालु

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दूर होती हैं बिमारियां

मान्यता है कि शीतला माता के दरबार में आने से चेचक, पीलिया जैसी बीमारियां दूर हो जाती है. शीतला माता मंदिर के पुजारी ने बताया कि मां के दरबार में हर मंगलवार को दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं, जो हमें अपनी मन्नत मांग कर नारियल चढ़ाते हैं. मन्नत पूरी होने पर साल में एक बार होने वाली अगन जात्रा पर ग्रामीण अपनी मन्नत पूरी होने पर बकरा, मुर्गी, सूअर मन्नत के अनुसार दरबार में चढ़ाते हैं.

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श्रद्धालु जीतू कर्मा ने बताया कि हम लोग शीतला माता मंदिर में हमेशा से आते रहे हैं. शीतला माता की कृपा से घर में सुख-शांति और सेहत ठीक रहता है. लोग यहां मनोकामना मांगते हैं. हमारी मनोकामना पूरी भी हुई है. जिसके बाद मन्नत के रूप में मुर्गा चढ़ाने आए हैं. हर मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ यहां पहुंचती है.

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