दंतेवाड़ा: लोन वर्राटू अभियान के तहत दो इनामी सहित पांच नक्सलियों ने एसपी अभिषेक पल्लव के सामने आत्मसमर्पण किया है. इस अभियान के तहत नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं. इससे पहले एक महिला सहित आठ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था. जिनमें से 4 नक्सली इनामी थे.
लोन वर्राटु अभियान के तहत पुलिस को सफलता मिल रही है. पांच-पांच लाख के दो इनामी सहित 5 नक्सलियों ने एसपी डॉ अभिषेक पल्लव और सीआरपीएफ डीआईजी विनय सिंह के सामने समर्पण किया है. ये नक्सली ताड़केल मुठभेड़, सलवा जुडूम नेता टक्का चंदू लेकडा की हत्या, कर्रे मरका मुठभेड़, कांग्रेस नेता सुक्कू कर्मा की हत्या, फुलादी मुठभेड़ समेत कई बड़ी घटनाओं में शामिल थे जिनकी पुलिस को लंबे समय से तलाश थी.
एसीएम कमांडेंट लखन कुहडाम ने बताया कि 'नक्सली संगठन में रहते 10 वर्ष हो गए. उसके बाद मैं कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा हूं, लेकिन नक्सलियों ने मुझे प्रताड़ित किया गया और मेरा डिमोशन भी किया गया. नक्सली संगठन में रहते मेरा विवाह नक्सली एनएम सदस्य पायकु से हो गया था और जब मेरी पत्नी बीमार थी तो उसका इलाज करना छोड़ नक्सलियों ने उसे घर छोड़ दिया और मेरी नसबंदी करा दी जिससे मेरी कोई संतान नहीं है. मैंने छुपते-छिपाते पुलिस से संपर्क किया और लोन वर्राटु अभियान के तहत आत्मसमर्पण करने की इच्छा जताई. पुलिस ने मुझे नक्सलियों के चुंगल से बचा कर आत्मसमर्पण कराया है जिसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं.'
पढ़ें- दंतेवाड़ा: 4 इनामी सहित 8 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
'लोन वर्राटू' अभियान से मिल रही सफलता
बस्तर में स्थानीय कैडर के नक्सलियों को सही रास्ते पर लाने के लिए पुलिस लगातार कोशिश कर रही है. इसके तहत दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है. जिसका नाम लोन वर्राटू दिया गया है, जिसका अर्थ है घर वापस लौटें. इसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा गांव-गांव में प्रचार करवाया जा रहा है. गांव-गांव में पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए जा रहे हैं, ताकि समर्पण की इच्छा रखने वाले नक्सली सीधे उनसे संपर्क कर सकें. इस अभियान के तहत अब धीरे-धीरे पूरे दंतेवाड़ा जिले से स्थानीय कैडर के नक्सली इस अभियान के तहत पुलिस से संपर्क कर सरकार की मुख्य धारा में लौट रहे हैं.
लोन वर्राटू अभियान की खास बात
- इस अभियान में जो भी नक्सली सरेंडर कर रहे हैं, उनके लिए पुलिस और जिला प्रशासन उन्हें तत्काल रोजगार की व्यवस्था कर रहा है.
- सरेंडर नक्सलियों से बिल्डिंग, स्कूल, सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण कार्य कराया जाता है, जिसे नक्सली नुकसान पहुंचा चुके होते हैं.
- सरेंडर नक्सली अपने गांव पंचायत के विकास कार्यों में योगदान दे रहे हैं.
- यह अभियान फिलहाल बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में ही चलाया जा रहा है और इसकी सफलता को देखते हुए अन्य जिलों में भी इस अभियान को शुरू करने की तैयारी पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही है.
- इस अभियान के तहत सरेंडर करने वालों में एक लाख से लेकर 10 लाख के इनामी नक्सली भी शामिल हैं.
- लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को बस्तर पुलिस अपने साथ पुलिस में भी नौकरी दे रही है और इसके लिए बकायदा उन्हें ट्रेनिंग देने के साथ ही नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे हैं एंटी नक्सल ऑपरेशन में भी शामिल कर रही है.