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दंतेवाड़ा: एक लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर - दंतेवाड़ा में एक लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर

बीजापुर के गनागालूर के रहने वाले हूंगा राम कुंजाम ने गुरुवार को पुलिस कप्तान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. हूंगा राम कुंजाम लंबे समय से नक्सलियों के साथ काम कर रहा था और कई बड़े वारदातों में शामिल था. हूंगा राम कुंजाम पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था.

सरेंडर नक्सली
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Published : Aug 8, 2019, 6:51 PM IST

दंतेवाड़ा: एक और नक्सली ने मुख्यधारा से जुड़ने की मंशा के साथ पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. बीजापुर के गनागालूर के रहने वाले हूंगा राम कुंजाम ने गुरुवार को पुलिस कप्तान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. हूंगा राम कुंजाम लंबे समय से नक्सलियों के साथ काम कर रहा था और कई बड़े वारदातों में शामिल था. हूंगा राम कुंजाम पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था.

हूंगा राम कुंजाम ने पुलिस को बताया कि जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो नक्सली नेताओं ने उसे गांव भेज दिया और गांव में रहकर संगठन का काम करने को कहा. संगठन की ओर से हूंगा राम कुंजाम को किसी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिली. संगठन की अनदेखी और बीमारी ने उसका नक्सलवाद से मोह भंग कर दिया.

पुलिस की पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर किया आत्मसमर्पण
बता दें कि शनिवार को सीआरपीएफ के 80वें बटालियन कमांडेट के समक्ष दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था. दोनों ही नक्सली लंबे समय से नारायणपुर और बारसूर एरिया में सक्रिय थे और कई बड़ी नक्सली वारदात में शामिल रहे थे. सरेंडर नक्सलियों ने बताया था कि लगातार बड़े नक्सली लीडरों की प्रताड़ना से तंग आकर और सरकार की पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर दोनों नक्सलियों ने परलकोट स्थित सीआरपीएफ कैंप मे सरेंडर किया.

दंतेवाड़ा: एक और नक्सली ने मुख्यधारा से जुड़ने की मंशा के साथ पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. बीजापुर के गनागालूर के रहने वाले हूंगा राम कुंजाम ने गुरुवार को पुलिस कप्तान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. हूंगा राम कुंजाम लंबे समय से नक्सलियों के साथ काम कर रहा था और कई बड़े वारदातों में शामिल था. हूंगा राम कुंजाम पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था.

हूंगा राम कुंजाम ने पुलिस को बताया कि जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो नक्सली नेताओं ने उसे गांव भेज दिया और गांव में रहकर संगठन का काम करने को कहा. संगठन की ओर से हूंगा राम कुंजाम को किसी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिली. संगठन की अनदेखी और बीमारी ने उसका नक्सलवाद से मोह भंग कर दिया.

पुलिस की पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर किया आत्मसमर्पण
बता दें कि शनिवार को सीआरपीएफ के 80वें बटालियन कमांडेट के समक्ष दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था. दोनों ही नक्सली लंबे समय से नारायणपुर और बारसूर एरिया में सक्रिय थे और कई बड़ी नक्सली वारदात में शामिल रहे थे. सरेंडर नक्सलियों ने बताया था कि लगातार बड़े नक्सली लीडरों की प्रताड़ना से तंग आकर और सरकार की पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर दोनों नक्सलियों ने परलकोट स्थित सीआरपीएफ कैंप मे सरेंडर किया.

Intro:एक लाख का ईनामी माओवादी ने पुलिस कप्तान के सामने किया समर्पण
दंतेवाड़ा। बीजापुर के गनागालूर के रहने वाले हूँगा राम कुंजाम ने गुरूवार को पुलिस कपतान के सामने समर्पण कर दिया। वह 2010 में मलंगिर एरिया कमेटी एलओएस सदस्य के रूप में भर्ती हुआ था। करीब आठ साल तक संगठन में सक्रिय रहा। Body:पुलिस को उसने बातया कि जब तबियत बिगड़ी तो नक्सली नेताओं ने उसे गांव भेज दिया और कहा गांव में रह कर संगठन का काम करो। उसकी संगठन में अनदेखी और बीमारी ने उसका नक्सलवाद से मोह भाग कर दिया। इस लिए उसने समर्पण कर दिया। उस पर शासन की और से एक लाख रुपए का इनाम घोषित है।
Conclusion:एसपी की बाइट
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