जगदलपुर: बस्तर में चुनाव सम्पन्न करवाना कितना कठिन है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां मतदान दलों को पोलिंग बूथ तक पहुंचाने के लिए सड़क, पगडंडियों के साथ-साथ हवाई और जलमार्ग का भी सहारा लेना पड़ता है.
नक्सलियों का कहता है खतरा
इतनी मुसीबतों के साथ ही नक्सलियों का खतरा रहता है सो अलग. चुनाव को लेकर लगातार नक्सली विरोध कर रहे हैं और ग्रामीणों की बैठक लेकर उन्हें चेतावनी दे रहे हैं कि 'यदि वे मतदान करने गए या उनकी उंगलियों में स्याही के निशान पाए गए तो उंगलियों को काट दिया जाएगा.
मतदान करवाना बड़ी चुनौती
ऐसे में अब चुनाव आयोग के सामने बस्तर के संवेदनशील इलाकों में मतदान करवाना बड़ी चुनौती साबित हो रही है. सभी चुनौतियों को ध्यान में रखकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, ताकि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराया जा सके.
चुनाव का कर रहे विरोध
यूं तो पूरे देश में चुनाव हो रहे हैं पर बस्तर का चुनाव काफी खास और अहम है. वजह है बस्तर की सबसे बड़ी चुनौती नक्सलवाद. नक्सली हमेशा से ही लोकतंत्र के विरोधी रहे हैं और हर बार की तरह इस बार भी वे बस्तर में लोकसभा चुनाव का भरपूर विरोध कर रहे हैं.
पोलिंग पार्टी पहुंचाना बड़ी चुनौती
ऐसे में चुनाव आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि मतदान दलों को पोलिंग बूथ तक कैसे पहुंचाया जाए और चुनाव सम्पन्न करवा कर कैसे उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाए. बस्तर लोकसभा में कुल 1878 पोलिंग बूथ हैं और बस्तर जिले में कुल 721 बूथ जिनमें 93 अतिसंवेदनशील और 178 संवेदनशील केंद्र हैं.
संवेदनशील पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ी
बस्तर कलेक्टर अय्याज तम्बोली ने बताया कि 'क्षेत्र की संवेदनशीलता और पहुंच विहीन स्थानों को देखते हुए कुछ मतदान दलों को अपने निर्धारित जगह तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर और का सहारा भी लेना होगा. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में अतिसंवेदनशील पोलिंग बूथों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.
'पोलिंग बूथ शिफ्ट करने की मिली मंजूरी'
सुरक्षा के सवाल पर बस्तर एसपी डी श्रवण ने बताया कि 'चुनाव को लेकर नक्सलियों द्वारा मिल रही लगातार धमकियों को ध्यान में रखकर जिले के 10 पोलिंग बूथों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया था, जिसमें से 10 बुथों को शिफ्ट करने की मंजूरी भी मिल गई है'.
'सड़क की सुरक्षा पर विशेष ध्यान'
नक्सलियों के द्वारा सड़कों को अपना सॉफ्ट टारगेट बनाया जाता है और यही वजह है कि सड़क की सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है. मतदान दलों की सुरक्षा के लिए बलों की संख्या भी पर्याप्त है जिससे उन्हें सुरक्षित पोलिंग बूथों तक लेजाकर शांति पूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न करवाया जाएगा.