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प्रयास की कोशिश ने किया कमाल, 26 स्टूडेंट्स ने JEE मेंस की परीक्षा की क्वालिफाई

प्रयास में पढ़ने वाले 54 बच्चों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था, जिसमें से 26 बच्चों का चयन हुआ है.

प्रयास आवासीय विद्यालय
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Published : May 2, 2019, 12:55 AM IST

सरगुजा: प्रयास आवासीय विद्द्यालय में पढ़ने वाले छात्रों ने एक बार फिर सरगुजा को गौरवान्वित किया है, इन बच्चों ने साबित किया है की प्रतिभा सिर्फ बड़े शहरों या प्राइवेट स्कूलों से ही नहीं निकलती बल्कि सरगुजा जैसे आदिवासी अंचल के आदिवासियों के बच्चे भी प्रतिभाशाली होते हैं.

54 छात्र-छात्राओं ने दी थी परीक्षा
अंबिकापुर के प्रयास स्कूल में अध्ययनरत संभाग के बच्चों ने JEE मेंस की परीक्षा क्वालीफाई की है. सरगुजा संभाग से प्रयास में पढ़ने वाले 54 बच्चों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था, जिसमें से 26 बच्चों का चयन हुआ है. जिन बच्चों का चयन हुआ है, उसमें 23 लड़के और 3 लड़कियां शामिल हैं.

इस योजना के तहत हो रहा संचालन
बता दें कि मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत इस स्कूल का संचालन आदिवासी विभाग द्वारा किया जाता है और यह प्रदेश के 5 संभाग में संचालित है. इन स्कूलों में प्रदेश के 14 नक्सल प्रभावित जिलों के बच्चों को विशेष शिक्षा दी जाती है. बड़ी बात यह है की सरगुजा का प्रयास विद्द्यालय प्रदेश में दूसरे स्थान पर है.

सरकार की योजना ने दिया सहारा
स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं का मानना है कि सरकार द्वारा संचालित इस निशुल्क योजना की वजह से ही वे शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचे आयाम तय कर पा रही हैं, वरना गांव के स्कूल से पढ़कर वो कुछ नहीं कर पाती और प्राइवेट कोचिंग के लिए इनके परिजन के पास इतने पैसे भी नहीं होते कि वहां इन्हें पढ़ाया जा सके.

किए जा रही सराहनीय काम
बहरहाल अम्बिकापुर के प्रयास विद्द्यालय की ओर से सराहनीय काम किए जा रहे हैं. लेकिन बता दें कि यह विद्द्यालय आज भी कन्या क्रीड़ा परिसर के भवन में संचालित है और इसका खुद का भवन अभी नहीं बन सका है.

सरगुजा: प्रयास आवासीय विद्द्यालय में पढ़ने वाले छात्रों ने एक बार फिर सरगुजा को गौरवान्वित किया है, इन बच्चों ने साबित किया है की प्रतिभा सिर्फ बड़े शहरों या प्राइवेट स्कूलों से ही नहीं निकलती बल्कि सरगुजा जैसे आदिवासी अंचल के आदिवासियों के बच्चे भी प्रतिभाशाली होते हैं.

54 छात्र-छात्राओं ने दी थी परीक्षा
अंबिकापुर के प्रयास स्कूल में अध्ययनरत संभाग के बच्चों ने JEE मेंस की परीक्षा क्वालीफाई की है. सरगुजा संभाग से प्रयास में पढ़ने वाले 54 बच्चों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था, जिसमें से 26 बच्चों का चयन हुआ है. जिन बच्चों का चयन हुआ है, उसमें 23 लड़के और 3 लड़कियां शामिल हैं.

इस योजना के तहत हो रहा संचालन
बता दें कि मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत इस स्कूल का संचालन आदिवासी विभाग द्वारा किया जाता है और यह प्रदेश के 5 संभाग में संचालित है. इन स्कूलों में प्रदेश के 14 नक्सल प्रभावित जिलों के बच्चों को विशेष शिक्षा दी जाती है. बड़ी बात यह है की सरगुजा का प्रयास विद्द्यालय प्रदेश में दूसरे स्थान पर है.

सरकार की योजना ने दिया सहारा
स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं का मानना है कि सरकार द्वारा संचालित इस निशुल्क योजना की वजह से ही वे शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचे आयाम तय कर पा रही हैं, वरना गांव के स्कूल से पढ़कर वो कुछ नहीं कर पाती और प्राइवेट कोचिंग के लिए इनके परिजन के पास इतने पैसे भी नहीं होते कि वहां इन्हें पढ़ाया जा सके.

किए जा रही सराहनीय काम
बहरहाल अम्बिकापुर के प्रयास विद्द्यालय की ओर से सराहनीय काम किए जा रहे हैं. लेकिन बता दें कि यह विद्द्यालय आज भी कन्या क्रीड़ा परिसर के भवन में संचालित है और इसका खुद का भवन अभी नहीं बन सका है.

Intro:सरगुजा : प्रयास आवासीय विद्द्यालय के बच्चों ने एक बार फिर सरगुजा को गौरवान्वित किया है, इन बच्चों ने साबित किया है की प्रतिभा सिर्फ बड़े शहरों या प्राइवेट स्कूलों से ही नही निकलती बल्कि सरगुजा जैसे आदिवासी अंचल के आदिवासियों के बच्चे भी प्रतिभाशाली होते हैं, और सरकार द्वारा संचालित सरकारी योजना के प्रयास विद्द्यालय में पढ़ कर इन बच्चों ने यह मुकाम हासिल किया है।


Body:दरअसल अम्बिकापुर के प्रयास स्कूल में अध्ययनरत संभाग के बच्चों ने जे ई ई मेंस की प्ररीक्षा क्वालीफाई की है, सरगुजा संभाग से प्रयास में पढ़ने वाले 54 बच्चों ने इस परीक्षा में भाग लिया था जिसमे से 26 बच्चों का चयन हुआ है, इनमे 23 लड़के और 3 लड़कियां शामिल हैं। आपको बतादें की मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत इस स्कूल का संचालन आदिवासी विभाग द्वारा किया जाता है, और यह प्रदेश के 5 संभाग में संचालित है, जिसमे प्रदेश के 14 नक्सल प्रभावित जिलों के बच्चों को विशेष शिक्षा दिया जाना है, बड़ी बात यह है की सरगुजा का प्रयास विद्द्यालय प्रदेश में दूसरे स्थान पर है।


Conclusion:छात्राओं का मानना है की सरकार द्वारा संचालित इस निशुल्क योजना की वजह से ही वह शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचे आयाम तय कर पा रही हैं वरना गावँ की स्कूल से पढ़कर वो कुछ नही कर पाती और प्राइवेट कोचिंग के लिए इनके परिजन के पास इतने पैसे भी नही होते की वहां इन्हें पढ़ाया जा सके। बहरहाल अम्बिकापुर के प्रयास विद्द्यालय द्वारा कार्य तो सराहनीय किये जा रहे हैं, लेकिन अभी भी यह प्रयास विद्द्यालय कन्या क्रीड़ा परिसर के भवन में संचालित है, खुद का भवन अभी नही बन सका है।

बाइट01_सिलमिना किंडो (छात्रा)

बाइट02_पल्लवी सिंह (छात्रा)

बाइट03_उमा भारती (छात्रा)

बाइट04_अनूप श्रीवास्तव ( प्रभारी प्रशासकीय अधिकारी)

देश दीपक सरगुजा
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