बिलासपुरः यह साल अपने अंतिम पड़ाव पर है. साल 2021 ने लोगों को काफी उतार-चढ़ाव दिखाए. इससे ठीक पहले साल 2020 में कोरोना की दस्तक ने देश में कईयों को अपनों को खोने का दर्द दिया था. इससे आहत लोग साल 2021 से उम्मीद लगाए थे कि यह साल पिछले साल से बेहतर होगा. हालांकि 2021 की शुरुआत में कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर से लोगों से उनके अपनों को छीनना शुरू कर दिया था. लेकिन आमजनमासन डटे रहे और कोरोना को खुद पर हावी होने नहीं दिया.
कोरोना के दोबारा दस्तक से बिलासपुर शहर भी थम सा गया (Corona effect in Bilaspur) था. हालांकि धीरे-धीरे जीवन पटरी पर आने लगी थी. बिलासपुर में कई ऐसी घटनाएं 2021 में घटी (Bilaspur Year Ender 2021) हैं, जिसे लोग चाहकर भी भुला नहीं सकते (year ender 2021 memories of bilaspur) .
जिले के कांग्रेस नेताओं को राज्य में मिली तवज्जो
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस से जुड़े नेताओं को राज्य स्तर पर तवज्जो देते हुए उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिया. साथ ही कुछ को जिला स्तर में पद देकर कांग्रेस की राजनीति में बड़ा ओहदा दे जिले का कद बढ़ाया. बिलासपुर के दिग्गज कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव (Bilaspur Congress leader Atal Srivastava) को राज्य पर्यटन मंडल का अध्यक्ष पद मिलने से बिलासपुर को राज्य में अलग पहचान मिली. ये जिले में कांग्रेस के सजग प्रहरी बनकर उभरे है.
कांग्रेस में आपसी विवाद
शहर के विधायक शैलेश पांडेय और कांग्रेस के ब्लॉक 1 के अध्यक्ष तैय्यब हुसैन का आपसी विवाद राज्य में खूब चर्चा (Controversy of MLA Shailesh Pandey Speaker Tayyab Hussain) में रहा. मंत्री रविन्द्र चौबे के प्रवास पर दोनों ही किसी बात को लेकर वहीं सर्किट हाउस में भीड़ गए थे. उनके आपसी विवाद ने प्रदेश के कांग्रेस की राजनीति को झकझोंर दिया था.
ब्लॉक 2 के अध्यक्ष का ट्रैफिक जवान से विवाद
कांग्रेस के ब्लॉक 2 के अध्यक्ष मोती थारवानी और ट्रैफिक जवान का विवाद भी काफी चर्चा में (Moti Tharwani Traffic Jawan controversy Bilaspur) था. मोती थारवानी ने शहर के शाहिद चौक के पास ट्रैफिक जवान से विवाद करते हुए धक्का-मुक्की ही नहीं की बल्कि गाली-गलौज भी किया. इसका वीडियो भी वायरल हुआ था. जिसने काफी सुर्खियां बटोरी.
कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री पर मामला दर्ज
कांग्रेस प्रदेश के महामंत्री पंकज सिंह ठाकुर (Bilaspur Pankaj Singh Thakur case ) पर सिम्स मेडिकल कॉलेज के टेक्नीशियन के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट का मामला भी राजनीतिक गलियारों में काफी उछाल में रहा. क्योंकि पंकज प्रदेश के कद्दावर मंत्री के करीबी माने जाते हैं. इसीलिए इस मामले ने काफी तूल भी पकड़ा था. मामले में पंकज सिंह के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया गया. ढाई माह बाद उन पर एट्रोसिटी भी लगा दिया गया.
विधायक के निष्कासन का प्रस्ताव
पंकज सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने पर शहर के विधायक शैलेश पांडे सिटी कोतवाली थाना पहुंचे थे. उनके साथ उनके समर्थक भी बड़ी संख्या में थाना पहुंच गए. थाने में विधायक ने कुछ ऐसा बयान दिया, जिसके बाद कांग्रेस की राजनीति में भूचाल आ गया था. पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी के आरोप में तत्कालीन जिला कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक ने निष्कासन का प्रस्ताव भी पास किया था और यह प्रस्ताव पीसीसी और एआईसीसी भी भेज दी गई है. हालांकि इस मामले में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
कई विकास कार्य अधूरा
जिले में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हुई, जो शहर वालों को सौगात के रूप में मिली हो और वह उनके सुविधा में काम आया हो. लेकिन कुछ एक ऐसी सौगात है जिसका लाभ आने वाले समय मे मिल सकता है. इस साल शहर के सरकंडा में सर्वसुविधायुक्त सेंट्रल लाइब्रेरी के निर्माण के बाद उसका लोकार्पण किया गया. इसके अलावा स्वच्छता के लिए बिलासपुर नगर निगम को अवार्ड भी मिला है. हालांकि कई ऐसे काम है जो सालों से चल रहे हैं, लेकिन आज भी अधूरे हैं. या फिर यूं कहें कि कछुए की गति से वो काम चल रहा है. शहरवासी आज भी कई ऐसे विकास कार्य की राह तक रहे हैं.