बिलासपुर: लोखड़ी ग्राम में चल रहे अवैध खनन के खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है. महिलाएं शाम ढलते ही अब रेत घाट पर लाठी डंडों से लैस होकर पहरेदारी करने पहुंच जाती हैं. जैसे ही कोई खनन के लिए गाड़ी या जेसीबी आती है महिलाएं उसको वहां से खदेड़ देती हैं. पहरेदारी पर निकली महिलाओं का खौफ इतना है कि कोई खनन माफिया या उसके गुर्गे अब इस ओर नहीं आ रहे हैं. गांव वालों की शिकायत है कि प्रशासन की नाक के नीचे सालों से खनन का खेल चल रहा है. पुलिस इस खनन के खेल को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है. जिले का खनिज विभाग भी एक तरह से खनन माफिया का मौन समर्थन कर रहा है.
लाठी डंडे लेकर निकलती हैं महिलाएं: जिले में अवैध खनन के चलते कई लोगों की मौत भी पूर्व में हो चुकी है. लगातार खनन और आपराधिक वारदातों के बाद भी खनन का काम नहीं थमा. ग्रामीणों ने कई बार संबंधित अधिकारियों को भी कार्रवाई के लिए कहा लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. जब प्रशासन से गुहार लगाकर ग्रामीण हार गए तब महिलाओं ने माफिया को सबक सिखाने के लिए डंडा हाथों में उठा लिया. गांव वालों की एकता और बहादुरी को देख अब माफिया के गुर्गे भी सकते में हैं. महिलाओं की पहरेदारी के चलते खनन का काम पूरी तरह से रुक गया है. गांव वालों का कहना है कि खनन के बाद घाटों पर गड्डे हो जाते हैं बारिश में इनमें पानी भर जाता है. गांव का कोई बच्चा या युवक जब नदी में नहाने उतरता है तो इन गड्ढों में डूबने से उसकी मौत तक हो जाती है.
महिलाएं करती हैं रात में पहरेदारी: रात में निकलता है महिलाओं का मोर्चा: अंधेरा होते ही महिलाओं का जत्था खाना खाकर अपने अपने घरों से पहरेदारी के लिए निकल पड़ता है. सभी महिलाएं तय जगह पर पहुंचती हैं. जब सारी महिलाएं आ जाती हैं तब जल,जंगल और जमीन को बचाने के नारे के बाद वो माइनिंग एरिया में पहरेदारी के लिए उतर जाती हैं. महिलाओं का कहना कि वो किसी को मारने के लिए लाठी लेकर नहीं निकलती हैं. जब माफिया के गुंडे उनपर हमला करेंगी तो वो आत्मरक्षा में लाठी से अपना बचाव करेंगी. महिलाओं का हौसला और उनकी हिम्मत देख माफिया के हौसले पस्त पड़ रहे हैं. खनन का काम बंद होने के कगार पर है.