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गोबर के दीये से रोशन हुआ घर, महिलाओं को 6 लाख से ज्यादा की हुई आमदनी

दीपावली में इस बार लोगों के घर गोबर के दीयों से रौशन हुए. यह दीये गौठान में बनाए गए थे. बघेल सरकार ने गोबर के दीये बनाने वाले लोगों को प्रोत्साहित किया जिसका नतीजा है कि बिलासपुर की एक स्व सहायता समूह की महिलाओं को 6 लाख रुपये की आमदनी हुई.

Women making lamps
गोबर के दीये से 6 लाख की आमदनी
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Published : Nov 24, 2020, 8:40 PM IST

बिलासपुर: दिवाली के मौके पर इस बार लोगों के घर गौठान में बने दीये से रौशन हुए. जिले की 10 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा 2 लाख 11 हजार से ज्यादा दीये बनाकर बेचे गये. जिससे उन्हें 6 लाख 33 हजार रुपये से अधिक की इनकम हुई.

पहली बार ये दीये बाजार में आएं

पढ़े: बेमेतरा: 15 दिसंबर तक होगा रबी फसल का बीमा

स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौठानों में पहले वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया जाता था. उसके बाद दीपावली के लिए गोबर के दीये तैयार किए गए. राज्य में गौधन न्याय योजना के तहत किसानों को फायदा हो रहा है. तो वहीं गोबर से बने उत्पाद से अन्य लोगों को भी लाभ हो रहा है. गौठानों में गोबर से कलात्मक दीये तैयार किए गए. ऐसे दीये बाजार में खूब बिके लोगों ने घरों में गोबर के दीये जलाए. यही वजह है कि बिलासपुर की 10 महिला स्व सहायता समूह की तरफ से 2 लाख से ज्यादा दीये बनाये गए और 6 लाख से ज्यादा की कमाई हुई.

3 रुपये में बिका एक दीया

महिला समूह में काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि गोबर का 1 दीया 3 रुपये में बिका. इस तरह की कमाई होने महिलाएं काफी खुश हैं. उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत को कम करना और भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना है. इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव भी दिख रहा है. गोधन न्याय योजना से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं. दिवाली के दौरान गोबर के दीये बनाकर बेचने से महिलाओं को फायदा हुआ है.

बिलासपुर: दिवाली के मौके पर इस बार लोगों के घर गौठान में बने दीये से रौशन हुए. जिले की 10 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा 2 लाख 11 हजार से ज्यादा दीये बनाकर बेचे गये. जिससे उन्हें 6 लाख 33 हजार रुपये से अधिक की इनकम हुई.

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स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौठानों में पहले वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया जाता था. उसके बाद दीपावली के लिए गोबर के दीये तैयार किए गए. राज्य में गौधन न्याय योजना के तहत किसानों को फायदा हो रहा है. तो वहीं गोबर से बने उत्पाद से अन्य लोगों को भी लाभ हो रहा है. गौठानों में गोबर से कलात्मक दीये तैयार किए गए. ऐसे दीये बाजार में खूब बिके लोगों ने घरों में गोबर के दीये जलाए. यही वजह है कि बिलासपुर की 10 महिला स्व सहायता समूह की तरफ से 2 लाख से ज्यादा दीये बनाये गए और 6 लाख से ज्यादा की कमाई हुई.

3 रुपये में बिका एक दीया

महिला समूह में काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि गोबर का 1 दीया 3 रुपये में बिका. इस तरह की कमाई होने महिलाएं काफी खुश हैं. उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत को कम करना और भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना है. इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव भी दिख रहा है. गोधन न्याय योजना से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं. दिवाली के दौरान गोबर के दीये बनाकर बेचने से महिलाओं को फायदा हुआ है.

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