बिलासपुर: टोनही प्रताड़ना का एक मामला सामने आया है. गांव के लोगों की प्रताड़ना से तंग आकर एक महिला ने खुदकुशी करने का प्रयास किया है. गांव वालों से परेशान होकर महिला ने खुद को आग के हवाले कर दिया था. हालांकि समय रहते परिजनों ने देख लिया और महिला को इलाज के लिए सिम्स में भर्ती कराया है.
महिला को रोज किया जा रहा था प्रताड़ित
कोनी थाना इलाके में एक गांव में कुछ लोग रोज महिला को प्रताड़ित करते थे. उसपर टोनही होने का आरोप लगाते थे. महिला इससे काफी परेशान हो गई थी. तंग आकर महिला ने बुधवार को अपने घर की छत पर खुद को आग के हवाले कर दिया. महिला ने खुद पर मिट्टी तेल उड़ेला और आग लगा लिया.
बेटे ने बचाई जान
घर में अपनी मां को नहीं देख महिला का 17 साल का बेटा उसे ढूंढते हुए छत पर पहुंचा. जहां महिला मिट्टी तेल डालकर अपने ऊपर आग लगा रही थी. आनन-फानन में बेटे ने कंबल लेकर अपनी मां की ओर दौड़ा. बेटे के चिल्लाने की आवाज सुनकर घर के अन्य सदस्य भी छत पर पहुंचे. किसी तरह आग पर काबू पाया गया. लेकिन तबतक महिला काफी जल चुकी थी. 112 की मदद से सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
छत्तीसगढ़ में कड़ा कानून फिर भी नहीं रुक रहे टोनही प्रताड़ना के मामले
परिजनों ने बयान दर्ज कराया है कि गांव के ही राजू ठाकुर, करता ठाकुर, भारत ठाकुर और जगदीश ठाकुर महिला के सुहाग भंडार की दुकान में रोजाना पहुंचकर गाली गलौज करते थे. जिससे तंग आकर महिला ने यह कदम उठाया है. मामले में तहसीलदार अस्पताल के बर्न वार्ड पहुंचे. महिला का बयान दर्ज कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
टोनही प्रताड़ना मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार
पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए अपराध दर्ज कर महिला पुरुष समेत पांच आरोपियों पर टोनही प्रताड़ना का अपराध दर्ज कर गिरफ्तार किया है. जिसके बाद सभी को न्यायालय में पेश किया गया है.
3 साल से लेकर 5 साल तक की सजा का प्रवाधान
गांव में पहले टोनही प्रताड़ना के दर्जनों महिला शिकार होती थी. ग्रामीणों द्वारा उनकी हत्या तक कर दी जाती थी. इन घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाया गया. छत्तीसगढ़ में टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के तहत किसी को भी टोनही कहने या प्रताड़ित करने पर 3 साल से 5 साल तक कठोर कारावास और जुर्माने का प्रावधान है.