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WLB के नियम को लेकर लगी याचिका पर HC में सुनवाई - public interest litigation

वाइल्ड लाइफ बोर्ड के लिए नियम नहीं बनाए जाने को लेकर लगी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

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वाइल्ड बोर्ड की जनहित याचिका पर सुनवाई
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Published : Jan 8, 2020, 7:55 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 9:24 PM IST

बिलासपुर : प्रदेश में वाइल्ड लाइफ बोर्ड के नियम न बनाए जाने को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर बुधवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई.

वाइल्ड बोर्ड की जनहित याचिका पर सुनवाई

मामले में याचिकाकर्ता अजय दुबे का कहना है कि, 'छत्तीसगढ़ शासन ने 17 साल से वाइल्ड लाइफ बोर्ड के लिए कोई भी नियम नहीं बनाया है, जिसकी वजह से वन्यजीवों को लेकर कोई भी मीटिंग नहीं हो पा रही है'.

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कई राज्यों में वाइल्ड लाइफ बोर्ड के नियम होने की भी बात कही है. मामले में सुनवाई के बाद शासन ने जवाब पेश करने के लिए 4 हफ्ते का समय मांगा है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी साहू की खंडपीठ में की गई.

बिलासपुर : प्रदेश में वाइल्ड लाइफ बोर्ड के नियम न बनाए जाने को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर बुधवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई.

वाइल्ड बोर्ड की जनहित याचिका पर सुनवाई

मामले में याचिकाकर्ता अजय दुबे का कहना है कि, 'छत्तीसगढ़ शासन ने 17 साल से वाइल्ड लाइफ बोर्ड के लिए कोई भी नियम नहीं बनाया है, जिसकी वजह से वन्यजीवों को लेकर कोई भी मीटिंग नहीं हो पा रही है'.

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कई राज्यों में वाइल्ड लाइफ बोर्ड के नियम होने की भी बात कही है. मामले में सुनवाई के बाद शासन ने जवाब पेश करने के लिए 4 हफ्ते का समय मांगा है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी साहू की खंडपीठ में की गई.

Intro:छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वाइल्ड बोर्ड के नियम ना बनाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर आज उच्च न्यायालय ने सुनवाई की। मामले में याचिकाकर्ता अजय दुबे का कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन ने 17 साल से वाइल्डलाइफ बोर्ड के लिए कोई भी नियम नहीं बनाए हैं। जिसकी वजह से वन्यजीवों को लेकर कोई भी मीटिंग नहीं हो पा रही है। Body:याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कई राज्यों में वाइल्डलाइफ बोर्ड के नियम होने की भी बात कही है। मामले पर सुनवाई के बाद शासन ने जवाब पेश करने के लिए 4 हफ्ते का समय मांगा है।Conclusion:पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन व पी.पी साहू की खंडपीठ द्वारा की गई।
Last Updated : Jan 8, 2020, 9:24 PM IST
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