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Union Budget 2023: आम बजट से आम नागरिकों को महंगाई में कमी, तो व्यापारियों को जीएसटी में छूट की आस

1 फरवरी को देश का आम बजट पेश होने वाला है. ऐसे में आम खास सहित सभी वर्ग को बजट से काफी उम्मीदें हैं. बिलासपुर के आम नागरिकों के साथ व्यापारियों को इस बजट से काफी आशा है. व्यापारी बजट में राहत पाने की उम्मीद कर रहे हैं. वही आम नागरिक महंगाई कम हो इसके लिए बजट का बेसब्री से इंताजार कर रहे हैं.Bilaspur people Expectations from general budget

Union Budget 2023
आम बजट से आम नागरिकों को आस
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Published : Jan 30, 2023, 9:56 PM IST

Updated : Jan 30, 2023, 10:51 PM IST

आम बजट से उम्मीदें

बिलासपुर: आगामी 1 फरवरी को 2023-24 का आम बजट संसद में पेश होने वाला है. इसमें आम लोगों के साथ ही व्यापारिक संगठनों और अन्य वर्गों के लिए क्या खास होगा, इसको लेकर सभी इस बजट का इंतजार कर रहे हैं. बजट में आम लोगों को उम्मीद है कि उन्हें राहत पहुंचाने केंद्र सरकार महंगाई कम करेगी, वहीं व्यापारिक वर्ग इस बजट का इंतजार इसलिए कर रहा है कि उन्हें व्यापार में कुछ छूट मिलेगी. व्यापारी चाहते है कि जीएसटी के स्लैब में सुधार किया जाएगा. व्यापारी संगठन बजट को लेकर उम्मीद जता रहे हैं कि उन्हें इस बार केंद्र सरकार टैक्स में राहत देगी और व्यापार को बढ़ाने में उन्हें मौका मिल पाएगा.

आम नागरिकों को महंगाई कम होने की उम्मीद: संसद में पेश होने वाले केंद्रीय बजट को लेकर नागरिकों को काफी उम्मीदें हैं. उन्हें महंगाई कम होने की उम्मीद है." जुनी लाइन में रहने वाले वाहिद अली चिश्ती और व्यापार विहार में रहने वाले आनंद गुप्ता का कहना है कि "केंद्रीय बजट में ट्रेनों के किराया के साथ ही परिवहन में बढ़े किराया कम होना चाहिए. पेट्रोल डीजल के साथ ही लोग इनकम टैक्स के स्लैब को लेकर भी कई तरह की मांग कर रहे हैं. लोगों की मांग है कि इनकम टैक्स के स्लैब में छूट मिलनी चाहिए.आम नागरिकों को ढाई की जगह 10 लाख रुपए तक इनकम टैक्स में छूट मिल सके. महिलाओं के लिए घरेलू गैस उसे कम करना चाहिए. गैस में मिलने वाली सब्सिडी को दोबारा शुरू की जाए."

जूनी लाइन में रहने वाले वाहिद अली चिश्ती ने कहा कि "छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा रेवेन्यू अर्जित कर रहा है. रेलवे में लदान के साथ ही यहां एनटीपीसी, कोयला, डोलोमाइट, बॉक्साइट सभी से केंद्र सरकार को फायदा मिलता है. इस लिहाज से छत्तीसगढ़ के लिए केंद्र सरकार को विशेष पैकेज देना चाहिए और महंगाई कम किया जाना चाहिए."

यह भी पढ़ें: Budget 2023 : बजट बनाना क्यों है जरूरी, कैसी होती है इसकी तैयारी, जानें इस रिपोर्ट में

व्यापारी राहत वाली बजट की कर रहे उम्मीद: होलसेल और रिटेल व्यापारी राहत वाले बजट की उम्मीद कर रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि "बजट में खास तौर पर प्राथमिकता के साथ जीएसटी में सरलीकरण करना चाहिए". इसके साथ ही इनकम टैक्स में छूट की दर बढ़ाने की भी उम्मीद व्यापारी बजट से कर रहे हैं. व्यापार विहार में थोक व्यापार करने वाले व्यापारियों में सुनील सोंथालिया, पवन अग्रवाल का ये भी मानना है कि, "बढ़ते महंगाई को देखते हुए बजट व्यापारी और जनता के लिए राहत वाला हो. जीएसटी में छूट मिलनी चाहिए. जीएसटी के स्लैब को बराबर रखना चाहिए ताकि व्यापारी व्यापार कर सके".



पंचायतों को स्वतंत्र कार्य करने की छूट मिलनी चाहिए: बजट को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों को भी उम्मीदें हैं. पंचायत प्रतिनिधि उप सरपंच सुरेश तिवारी ने बताया कि "पंचायतों को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दिया जा रहा है. पंचायतों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार के अनुसार काम करने कहा जा रहा है, ताकि पंचायतों में उनका नियंत्रण रहे, लेकिन पंचायतों में कई ऐसी समस्याएं होती है जिस पर ना तो केंद्र सरकार का ध्यान जाता है और ना ही राज्य सरकार का. मनरेगा का कार्य इस तरह से किए जा रहे हैं, जिससे आम नागरिकों को फायदा नहीं हो रहा है. कहीं भी तालाब खुदाई और तालाबों का गहरीकरण का काम निकाल दिया जाता है, जबकि उसकी जरूरत ही नहीं रहती है. पंचायतों को यदि स्वतंत्र छोड़ दिया जाए तो गांव का विकास अभी की तुलना में अधिक हो सकेगा."

आम बजट से उम्मीदें

बिलासपुर: आगामी 1 फरवरी को 2023-24 का आम बजट संसद में पेश होने वाला है. इसमें आम लोगों के साथ ही व्यापारिक संगठनों और अन्य वर्गों के लिए क्या खास होगा, इसको लेकर सभी इस बजट का इंतजार कर रहे हैं. बजट में आम लोगों को उम्मीद है कि उन्हें राहत पहुंचाने केंद्र सरकार महंगाई कम करेगी, वहीं व्यापारिक वर्ग इस बजट का इंतजार इसलिए कर रहा है कि उन्हें व्यापार में कुछ छूट मिलेगी. व्यापारी चाहते है कि जीएसटी के स्लैब में सुधार किया जाएगा. व्यापारी संगठन बजट को लेकर उम्मीद जता रहे हैं कि उन्हें इस बार केंद्र सरकार टैक्स में राहत देगी और व्यापार को बढ़ाने में उन्हें मौका मिल पाएगा.

आम नागरिकों को महंगाई कम होने की उम्मीद: संसद में पेश होने वाले केंद्रीय बजट को लेकर नागरिकों को काफी उम्मीदें हैं. उन्हें महंगाई कम होने की उम्मीद है." जुनी लाइन में रहने वाले वाहिद अली चिश्ती और व्यापार विहार में रहने वाले आनंद गुप्ता का कहना है कि "केंद्रीय बजट में ट्रेनों के किराया के साथ ही परिवहन में बढ़े किराया कम होना चाहिए. पेट्रोल डीजल के साथ ही लोग इनकम टैक्स के स्लैब को लेकर भी कई तरह की मांग कर रहे हैं. लोगों की मांग है कि इनकम टैक्स के स्लैब में छूट मिलनी चाहिए.आम नागरिकों को ढाई की जगह 10 लाख रुपए तक इनकम टैक्स में छूट मिल सके. महिलाओं के लिए घरेलू गैस उसे कम करना चाहिए. गैस में मिलने वाली सब्सिडी को दोबारा शुरू की जाए."

जूनी लाइन में रहने वाले वाहिद अली चिश्ती ने कहा कि "छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा रेवेन्यू अर्जित कर रहा है. रेलवे में लदान के साथ ही यहां एनटीपीसी, कोयला, डोलोमाइट, बॉक्साइट सभी से केंद्र सरकार को फायदा मिलता है. इस लिहाज से छत्तीसगढ़ के लिए केंद्र सरकार को विशेष पैकेज देना चाहिए और महंगाई कम किया जाना चाहिए."

यह भी पढ़ें: Budget 2023 : बजट बनाना क्यों है जरूरी, कैसी होती है इसकी तैयारी, जानें इस रिपोर्ट में

व्यापारी राहत वाली बजट की कर रहे उम्मीद: होलसेल और रिटेल व्यापारी राहत वाले बजट की उम्मीद कर रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि "बजट में खास तौर पर प्राथमिकता के साथ जीएसटी में सरलीकरण करना चाहिए". इसके साथ ही इनकम टैक्स में छूट की दर बढ़ाने की भी उम्मीद व्यापारी बजट से कर रहे हैं. व्यापार विहार में थोक व्यापार करने वाले व्यापारियों में सुनील सोंथालिया, पवन अग्रवाल का ये भी मानना है कि, "बढ़ते महंगाई को देखते हुए बजट व्यापारी और जनता के लिए राहत वाला हो. जीएसटी में छूट मिलनी चाहिए. जीएसटी के स्लैब को बराबर रखना चाहिए ताकि व्यापारी व्यापार कर सके".



पंचायतों को स्वतंत्र कार्य करने की छूट मिलनी चाहिए: बजट को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों को भी उम्मीदें हैं. पंचायत प्रतिनिधि उप सरपंच सुरेश तिवारी ने बताया कि "पंचायतों को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दिया जा रहा है. पंचायतों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार के अनुसार काम करने कहा जा रहा है, ताकि पंचायतों में उनका नियंत्रण रहे, लेकिन पंचायतों में कई ऐसी समस्याएं होती है जिस पर ना तो केंद्र सरकार का ध्यान जाता है और ना ही राज्य सरकार का. मनरेगा का कार्य इस तरह से किए जा रहे हैं, जिससे आम नागरिकों को फायदा नहीं हो रहा है. कहीं भी तालाब खुदाई और तालाबों का गहरीकरण का काम निकाल दिया जाता है, जबकि उसकी जरूरत ही नहीं रहती है. पंचायतों को यदि स्वतंत्र छोड़ दिया जाए तो गांव का विकास अभी की तुलना में अधिक हो सकेगा."

Last Updated : Jan 30, 2023, 10:51 PM IST
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