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गौरेला में सरकारी आदिवासी छात्रावास के छात्र वायरल की चपेट में

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Published : Sep 19, 2022, 1:44 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में बच्चे वायरल फीवर की चपेट में हैं. दूरस्थ क्षेत्रों में शासकीय आदिवासी छात्रावास और आश्रमों में रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चों को बीमार होने पर घर भेजा जा रहा है.

सरकारी आदिवासी छात्रावास
सरकारी आदिवासी छात्रावास

गौरेला पेंड्रा मरवाही: गौरेला ब्लॉक के दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र में स्थित बगरा ग्राम पंचायत में पीपरबहरा आदिवासी बालक आदर्श आश्रम है. यहां आश्रम में रहकर पांचवी तक की पढ़ाई करने वाले दो दर्जन से ज्यादा बच्चे वायरल की चपेट में आ गए. बच्चों को सर्दी खांसी के साथ बुखार की शिकायत थी. इतनी अधिक संख्या में बच्चे संक्रमित होने के बाद हॉस्टल अधीक्षक बालम सिंह मसराम ने बच्चों को नजदीकी उप स्वास्थ्य केंद्र में बस्ती लाया. जांच के बाद वहां पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के लोगों ने बच्चों को दवाइयां देकर वापस भेज दिया.

यह भी पढ़ें: बालोद में स्कूली विद्यार्थियों से बदसलूकी पर सीएम बघेल का एक्शन, प्रिंसिपल निलंबित

बीमार बच्चों को घर भेज रहे: छात्रावास पहुंचने के बाद भी बच्चों की सेहत में सुधार नहीं होने के कारण बच्चों को छात्रावास अधीक्षक ने परिजनों को सौंप दिया. 4 से 5 दिन बीतने के बाद भी बच्चे अब तक छात्रावास नहीं पहुंचे हैं. अब भी छात्रावास से स्कूल पहुंच रहे कुछ बच्चों को वायरल फीवर की शिकायत है.

आदिवासी बालक आदर्श आश्रम पीपरबहरा के अधीक्षक बालम सिंह मसराम का कहना है कि ''बीमार बच्चों को बाइक से हॉस्पिटल ले जाते हैं. कुछ बच्चों को उनके माता पिता अपने साथ घर ले गए हैं. बच्चों को सर्दी, खांसी, बुखार, सिरदर्द की शिकायत है. हर महीने मेडिकल टीम जांच के लिए आती है. उच्च अधिकारियों को भी बच्चों की बीमारी की जानकारी है.''

प्राथमिक शाला पीपरबहरा के शिक्षक सूरत सिंह पोर्ते का कहना है कि ''गांव से जो बच्चे आ रहे हैं, उनकी तबीयत ठीक है लेकिन हॉस्टल के बच्चे वायरल फीवर की चपेट में हैं. बीमार बच्चों का नजदीकी उप स्वास्थ्य केंद्र में चेकअप कराया गया है. उसके बाद बच्चों को परिजनों को सौंप दिया गया है.''

गौरेला पेंड्रा मरवाही: गौरेला ब्लॉक के दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र में स्थित बगरा ग्राम पंचायत में पीपरबहरा आदिवासी बालक आदर्श आश्रम है. यहां आश्रम में रहकर पांचवी तक की पढ़ाई करने वाले दो दर्जन से ज्यादा बच्चे वायरल की चपेट में आ गए. बच्चों को सर्दी खांसी के साथ बुखार की शिकायत थी. इतनी अधिक संख्या में बच्चे संक्रमित होने के बाद हॉस्टल अधीक्षक बालम सिंह मसराम ने बच्चों को नजदीकी उप स्वास्थ्य केंद्र में बस्ती लाया. जांच के बाद वहां पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के लोगों ने बच्चों को दवाइयां देकर वापस भेज दिया.

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बीमार बच्चों को घर भेज रहे: छात्रावास पहुंचने के बाद भी बच्चों की सेहत में सुधार नहीं होने के कारण बच्चों को छात्रावास अधीक्षक ने परिजनों को सौंप दिया. 4 से 5 दिन बीतने के बाद भी बच्चे अब तक छात्रावास नहीं पहुंचे हैं. अब भी छात्रावास से स्कूल पहुंच रहे कुछ बच्चों को वायरल फीवर की शिकायत है.

आदिवासी बालक आदर्श आश्रम पीपरबहरा के अधीक्षक बालम सिंह मसराम का कहना है कि ''बीमार बच्चों को बाइक से हॉस्पिटल ले जाते हैं. कुछ बच्चों को उनके माता पिता अपने साथ घर ले गए हैं. बच्चों को सर्दी, खांसी, बुखार, सिरदर्द की शिकायत है. हर महीने मेडिकल टीम जांच के लिए आती है. उच्च अधिकारियों को भी बच्चों की बीमारी की जानकारी है.''

प्राथमिक शाला पीपरबहरा के शिक्षक सूरत सिंह पोर्ते का कहना है कि ''गांव से जो बच्चे आ रहे हैं, उनकी तबीयत ठीक है लेकिन हॉस्टल के बच्चे वायरल फीवर की चपेट में हैं. बीमार बच्चों का नजदीकी उप स्वास्थ्य केंद्र में चेकअप कराया गया है. उसके बाद बच्चों को परिजनों को सौंप दिया गया है.''

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