बिलासपुर: भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है. इन्हीं त्योहारों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था सुगम बनी रहती है, लेकिन कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से इंसानों के साथ-साथ त्योहारों को भी बेगारी की मार पड़ रही है. साल के जिस समय भारत की अर्थव्यवस्था अपने चरम पर होती है. उस समय में व्यापारियों के हौंसले पस्त नजर आ रहे हैं. रेडीमेड रावण बेचने वालों की स्थिति बेहद दयनीय है.
ऐसा पहली बार हुआ है कि इन कारीगरों की आर्थिक स्थिति इस कदर चरमरा गई हो. छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में दुर्गा उत्सव के साथ दशहरा का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. गली मोहल्लों में रावण के बड़े-बड़े पुतले लगाकर बुराई की प्रतीक को मिटाया जाता है, लेकिन कोरोना वैश्विक महामारी के वजह से इस साल जिले के किसी भी इलाके में रावण दहन शायद ही देखने को मिले.
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व्यापारियों में छाई निराशा
कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से ही रावण का पुतला बनाने वाले व्यापारियों में निराशा छाई हुई है. कभी जहां खरीदारों की लंबी लाइन लगी रहती थी. वहां अब व्यापारियों को पुतला खरीददारों के आने के लिए भगवान से प्रार्थना करनी पड़ रही है.
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बिलासपुर में रावण पुतला का व्यापार बहुत पुराना
बिलासपुर में रावण पुतला का व्यापार बहुत पुराना है. दशहरे के समय लाखों का व्यापार इसके जरिए किया जाता है, लेकिन कोरोना काल में पुतला निर्माण करने वाले लोगों की अर्थव्यवस्था इस कदर खराब है कि उनकी इसबार लागत भी निकलती नही दिख रही है.