बिलासपुर: हाईप्रोफाइल मरवाही उपचुनाव को लेकर अब सियासी गर्माहट बढ़ गई है. सत्ताधारी कांग्रेस ने भी मरवाही फतह करने के लिए एड़ी-चोटी एक कर दी है. कांग्रेस ने मरवाही सीट के लिए स्थानीय विकास को मूल मंत्र माना है, तो वहीं जेसीसी(जे) के लिए दिवंगत अजीत जोगी की सहानुभूति फैक्टर भी मायने रखती है.
पीसीसी उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने ETV भारत से बातचीत करते हुए कहा कि मरवाही में कांग्रेस पार्टी पूरी तरीके से विकास के नाम पर चुनाव लड़ रही है. अटल श्रीवास्तव ने कहा कि बीते दिनों हमारी सरकार ने ही गौरेला-पेंड्रा-मरवाही को जिला घोषित किया, जो क्षेत्रवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग थी. जिला बनते ही क्षेत्र का विकास तेजी से होने लगा है. जनता अपने क्षेत्र में हो रहे विकासकार्यों को खूब समझ रही है और जनता इन विकासकार्यों को देखकर वोट करने वाली है.
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सहानुभूति फैक्टर खूब काम कर रहा
मरवाही के जेसीसी(जे) के विधायक दिग्गज नेता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद आगामी 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. अभी नामांकन का सिलसिला जारी है. मुख्य रूप से मरवाही सीट से जेसीसी(जे) और सत्ताधारी कांग्रेस का मुकाबला होना है. विपक्ष में बैठी भाजपा को इस सीट से कमजोर माना जा रहा है. स्थानीय सूत्रों की मानें तो मरवाही में जोगी परिवार के प्रति सहानुभूति फैक्टर खूब काम कर रहा है और इस बीच क्षेत्र में आधारभूत विकासकार्यों को खूब अंजाम दिया जा रहा है. बीते कुछ उपचुनावों के ट्रेंड को देखें तो तमाम उपचुनावों में कांग्रेस ने बाजी मारी है, लेकिन यह उपचुनाव फतह करना कांग्रेस के लिए सबसे टेढ़ी खीर बताई जा रही है.
डॉ केके ध्रुव का नाम सामने
मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से डॉ केके ध्रुव का नाम सामने आ रहा है. वहीं जेसीसी(जे) के तरफ से कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया गया है. जानकारों की मानें तो अगर जोगी परिवार से कोई कैंडिडेट जेसीसी(जे) के तरफ से खड़ा होता है तो स्थिति जेसीसी(जे) के विपरीत भी हो सकती है. कांग्रेस का कहना है कि मरवाही कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है और लोग इसबार भी कांग्रेस को जरूर मौका देंगे.