ETV Bharat / state

बिलासपुर जोन के 500 समेत कुल 13 हजार स्वीकृत पदों को समाप्त करने की तैयारी में रेलवे - Railways in preparation to abolish 13 thousand sanctioned posts

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन (South East Central Railway Zone) के पांच सौ स्वीकृत पदों को इंडियन रेलवे (Indian Railway) समाप्त करने की तैयारी में हैं. रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को स्वीकृत पदों को सरेंडर करने का टारगेट दिया है. रेलवे के इस निर्णय से देश के सभी जोनों में कुल 13450 पद समाप्त होंगे.

South East Central Railway Zone
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे
author img

By

Published : Jun 8, 2021, 9:38 PM IST

बिलासपुर: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के पांच सौ स्वीकृत पदों को रेलवे समाप्त करने की तैयारी में हैं. रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को स्वीकृत पदों को सरेंडर करने का टारगेट दिया है. सभी जोन को मिलाकर 13 हजार 450 पद बोर्ड के इस फरमान के दायरे में आ रहे हैं. वहीं रेलवे के इस निर्णय से बिलासपुर जोन के 500 स्वीकृत पद खत्म होंगे. कोविड और लॉकडाउन की स्थिति के बीच रेलवे बोर्ड के इस फरमान के बाद रेलवे कर्मचारी यूनियन इसके विरोध में उतर गया है.

रेलवे पर कोरोना की मार

दरअसल, रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को आदेश जारी करते हुए वर्क स्टडीज के आधार पर पदों को सरेंडर करने का टारगेट दिया है. हालांकि पदों की सूची बोर्ड ने जारी नहीं की है. इसकी जिम्मेदारी सभी जोन को देते हुए ऐसे पदों का आंकलन करने और बोर्ड को जानकारी भेजने को कहा गया है. रेलवे के इस फरमान से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 500 और सभी जोनों को मिलाकर करीब 13 हजार 450 स्वीकृत पदों पर समाप्ति की तलवार लटक गई है.

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का निर्माण विभाग देश में बना अव्वल

रेलवे कर्मचारी यूनियन फैसले के विरोध में उतरा

इधर कोविड और लॉकडाउन की स्थिति के बीच रेलवे बोर्ड के इस फरमान से रेलवे कर्मचारी यूनियन (Railway Employees Union) इसके विरोध में उतर गया है. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (All India Railway Men Federation) और साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे श्रमिक यूनियन (South East Central Railway Shramik Union) ने इसे कर्मचारियों के खिलाफ रेलवे की साजिश बताया है. कहा कि जिस दौर में देश संकट से जूझ रहा था. तब भी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, ऑक्सीजन सप्लाई और हजारों श्रमिकों को पहुंचाने का काम कर्मचारियों के बूते रेलवे ने किया. यही नहीं एसईसीआर जोन सर्वाधिक कमाई वाला भी जोन है. इसके बावजूद इस स्थिति में बोर्ड का फरमान कर्मचारियों के हित के खिलाफ है. इधर रेल अधिकारियों की माने तो रेलवे बोर्ड द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में वर्क स्टडीज के माध्यम से अतिरिक्त पोस्ट को सरेंडर करने का आदेश दिया जाता है. इसमें संबंधित विभाग, तकनीकी अनुसंधान और अध्ययन के जरिए इसकी कार्रवाई आगे बढ़ती है.
छत्तीसगढ़ में बंद होगा CG Teeka एप्लीकेशन, जानें अब कैसे लगवा सकेंगे वैक्सीन

जोन और जोनवार पद सरेंडर करने का लक्ष्य

  • एसईसीआर -500
  • सेंट्रल रेलवे 1400
  • नार्दन रेलवे 2350
  • ईस्टर्न रेलवे 1300
  • साउथ रेलवे 1300
  • साउथ सेंट्रल 900
  • साउथ ईस्ट 900
  • वेस्टर्न रेलवे 900
  • नॉर्थ ईस्ट 750
  • एनएफआर 650
  • ईस्ट कोस्ट 500
  • ईस्ट नॉर्थ 400
  • नॉर्थ सेंट्रल 400
  • साउथ वेस्ट 300
  • वेस्ट सेंट्रल 300

बिलासपुर: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के पांच सौ स्वीकृत पदों को रेलवे समाप्त करने की तैयारी में हैं. रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को स्वीकृत पदों को सरेंडर करने का टारगेट दिया है. सभी जोन को मिलाकर 13 हजार 450 पद बोर्ड के इस फरमान के दायरे में आ रहे हैं. वहीं रेलवे के इस निर्णय से बिलासपुर जोन के 500 स्वीकृत पद खत्म होंगे. कोविड और लॉकडाउन की स्थिति के बीच रेलवे बोर्ड के इस फरमान के बाद रेलवे कर्मचारी यूनियन इसके विरोध में उतर गया है.

रेलवे पर कोरोना की मार

दरअसल, रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को आदेश जारी करते हुए वर्क स्टडीज के आधार पर पदों को सरेंडर करने का टारगेट दिया है. हालांकि पदों की सूची बोर्ड ने जारी नहीं की है. इसकी जिम्मेदारी सभी जोन को देते हुए ऐसे पदों का आंकलन करने और बोर्ड को जानकारी भेजने को कहा गया है. रेलवे के इस फरमान से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 500 और सभी जोनों को मिलाकर करीब 13 हजार 450 स्वीकृत पदों पर समाप्ति की तलवार लटक गई है.

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का निर्माण विभाग देश में बना अव्वल

रेलवे कर्मचारी यूनियन फैसले के विरोध में उतरा

इधर कोविड और लॉकडाउन की स्थिति के बीच रेलवे बोर्ड के इस फरमान से रेलवे कर्मचारी यूनियन (Railway Employees Union) इसके विरोध में उतर गया है. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (All India Railway Men Federation) और साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे श्रमिक यूनियन (South East Central Railway Shramik Union) ने इसे कर्मचारियों के खिलाफ रेलवे की साजिश बताया है. कहा कि जिस दौर में देश संकट से जूझ रहा था. तब भी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, ऑक्सीजन सप्लाई और हजारों श्रमिकों को पहुंचाने का काम कर्मचारियों के बूते रेलवे ने किया. यही नहीं एसईसीआर जोन सर्वाधिक कमाई वाला भी जोन है. इसके बावजूद इस स्थिति में बोर्ड का फरमान कर्मचारियों के हित के खिलाफ है. इधर रेल अधिकारियों की माने तो रेलवे बोर्ड द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में वर्क स्टडीज के माध्यम से अतिरिक्त पोस्ट को सरेंडर करने का आदेश दिया जाता है. इसमें संबंधित विभाग, तकनीकी अनुसंधान और अध्ययन के जरिए इसकी कार्रवाई आगे बढ़ती है.
छत्तीसगढ़ में बंद होगा CG Teeka एप्लीकेशन, जानें अब कैसे लगवा सकेंगे वैक्सीन

जोन और जोनवार पद सरेंडर करने का लक्ष्य

  • एसईसीआर -500
  • सेंट्रल रेलवे 1400
  • नार्दन रेलवे 2350
  • ईस्टर्न रेलवे 1300
  • साउथ रेलवे 1300
  • साउथ सेंट्रल 900
  • साउथ ईस्ट 900
  • वेस्टर्न रेलवे 900
  • नॉर्थ ईस्ट 750
  • एनएफआर 650
  • ईस्ट कोस्ट 500
  • ईस्ट नॉर्थ 400
  • नॉर्थ सेंट्रल 400
  • साउथ वेस्ट 300
  • वेस्ट सेंट्रल 300
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.