बिलासपुर: कोल परिवहन से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में सौम्या चौरसिया को ईडी ने गिरफ्तार किया था और वे अब भी जेल में बंद हैं. सौम्या चौरसिया अपनी जमानत याचिका हाईकोर्ट में लगाई थी, लेकिन जज के याचिका की सुनवाई पर इंकार करने के बाद अब यह याचिका अन्य जज की बेंच में रखी गई है. इस पर अप्रैल की 29 तारीख को सुनवाई होगी.
रायपुर की जेल में बंद हैं सौम्या चौरसिया: कुछ महीने पहले प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई ने सुर्खियां बटोरी थी. तब राज्य के कोल माफिया और राज्य के कई प्रशासनिक अधिकारियों के घर, दफ्तर और उनके ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई थी. इस कार्रवाई में ईडी ने कई अधिकारियों की गिरफ्तारी भी की थी. राज्यसेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया को भी मनी लांड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया. तब से वह रायपुर की जेल में बंद है. गिरफ्तारी के बाद सौम्या चौरसिया ने रायपुर की अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की थी. सुनवाई के बाद रायपुर कोर्ट ने इस आवेदन को खारिज कर दिया था. रायपुर कोर्ट में आवेदन खारिज होने के बाद निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. जमानत याचिका दायर होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका की सुनवाई होनी थी, लेकिन प्रस्तुत जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए जब जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की बेंच में याचिका रखी तो उन्होंने सुनवाई से इनकार कर दिया.
coal levy scam in chhattisgarh: सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट जज का सुनवाई से इनकार
राजनैतिक द्वेष से ईडी ने की करवाई: सौम्या चौरसिया के वकील ने बताया कि "याचिका में सौम्या चौरसिया ने कोर्ट को बताया है कि उनके ठिकानों पर ईडी ने तीन-तीन बार छापे मार कार्रवाई की. बैंक लॉकर खोल कर देखा. बैंक खाता और अन्य स्थानों पर भी छापेमार कार्रवाई में ईडी को कुछ भी हासिल नहीं हुआ था, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार किया जाता. बावजूद इसके ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया. दरअसल राजनीतिक द्वेष की वजह से उन पर कार्रवाई की गई है. इसलिए सौम्या ने कोर्ट से मांग की है कि उन पर लगे सारे आरोप बेबुनियाद हैं और उन्हें खारिज किया जाए."