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हैंडओवर के पेंच में फंसा है बिलासपुर हाइटेक बस स्टैंड, यात्री हो रहे परेशान - छत्तीसगढ़

बिलासपुर (Bilaspur) के हाईटेक बस स्टैंड (Hitech Bus Stand) के हालात बद से बदतर हैं. दरअसल, हाईटेक बस स्टैंड का हैंडओवर (Hand over) की पेंच दो विभागों के बीच फंसी हुई है. निगम (Corporation) और सीएसआईडीसी (CSIDC) के बीच फंसे पेंच के कारण आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Operator of Bilaspur Hitech Bus Stand
बिलासपुर हाईटेक बस स्टैंड का संचालक
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Published : Oct 16, 2021, 2:42 PM IST

Updated : Oct 16, 2021, 3:50 PM IST

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले के हाईटेक बस स्टैंड (Hitech Bus Stand) का हैंडओवर (Hand over) की पेच दो विभागों के बीच फंसा हुआ है. बताया जा रहा है कि हैंडओवर में लेटलतीफी को लेकर सीएसआईडीसी (CSIDC) और निगम (Corporation) आमने-सामने हैं. इधर हाइटेक बस स्टैंड की बदहाली से आम जनता परेशान हैं. वहीं, हाइटेक बस स्टैंड की हालत बद से बदतर हो गई है.

इस वजह से यात्री हो रहे परेशान

छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन को मिली थी जिम्मेदारी

बताया जा रहा है कि बिलासपुर के हाईटेक बस स्टैंड के निर्माण के बाद इसके संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (Chhattisgarh State Industrial Development Corporation) को दी गई थी. हालांकि मौजूदा समय में देखरेख के अभाव से यहां की हालात बाद से बदतर हो गई है. जगह- जगह पर टूट-फूट के साथ गंदगी फैली हुई है.

दुर्गा विसर्जन से पहले बंगाली महिलाओं ने किया सिंदूर खेला, मां को सिंदूर लगाकर किया विदा

20 जुलाई को कैबिनेट की हुई थी बैठक

इसके संचालन में सीएसआईडीसी के फेल होने के बाद बीते 20 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था कि हाईटेक बस स्टैंड अब नगर निगम के अधीन होगा. हालांकि फैसले को 2 महीने बीत गए हैं, लेकिन अब तक हाईटेक बस स्टैंड को निगम के हाथों नहीं सौंपा गया है. माना जा रहा है कि हैंड ओवर की प्रक्रिया को लेकर सीएसआईडीसी और निगम दोनों विभाग आमने-सामने हैं.

सीएसआईडीसी को करना होगा निगम को हैंडओवर

इधर, सीएसआईडीसी के अधिकारियों का कहना है कि उनके तरफ से प्रक्रिया पूरी कर निगम को जानकारी सौंप दी गई है. लेकिन निगम अब हैंडओवर लेने में लेटलतीफी कर रहा है. इधर निगम का कहना है हैंडओवर में विलंब सीएसआईडीसी के कारण हो रहा है. सीएसआईडीसी उन्हें हाईटेक बस स्टैंड की पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहा है.

निगम का सीएसआईडीसी पर लेटलतीफी का आरोप

वहीं, निगम के सभापति शेख नजीरुद्दीन ने बताया कि सीएसआईडीसी प्रक्रिया प्रारंभ ही नही कर रही है. हाईटेक बस स्टैंड में कितनी दुकानें है. कितने को एलाट किया गया है, कितना किराया है. साथ ही सड़क से एंट्री लेने पर बस स्टैंड पहुच सड़क पर भी कब्जा है. अगर ये सब की जानकारी सीएसआईडीसी दे देगी तो बस स्टैंड का वो हैंडओवर ले लेंगे.

दोनों विभागों के खींचतान के बीच फंसी आम जनता

बताया जा रहा है कि दोनों विभागों के खींचतान के बीच आम जनता बस स्टैंड की अव्यवस्थाओं को लेकर परेशान है. यहां मूलभूत सुविधाओं तक का अभाव है. वहीं इन सब के बीच अब सियासत भी शुरू हो गई है. निगम सत्ता में बैठी कांग्रेस और विपक्षी भाजपा इसे लेकर आमने सामने हैं. निगम सरकार जहां हाईटेक बस स्टेंड की बदहाली के लिए पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. तो वहीं सुविधा नहीं दे पाने के लिए विपक्ष निगम सरकार पर बदहाली का ठीकरा फोड़ रही है.

बर्बाद होने की कगार पर बस स्टैंड

इधर, पूर्व महापौर किशोर राय ने कहा है कि जब राज्य सरकार ने हाईटेक बस स्टैंड को दे दिया है तो फिर क्यों नही ले रहे है. सीएसआईडीसी के पास बेजा कब्जा हटाने के लिए कोई बल नही है लेकिन निगम के पास तो अतिक्रमण निवारण दस्ता है ,वो उनसे काम ले सकती है और अतिक्रमण हटवा सकती है. बताया जा रहा है कि दोनों विभागों की लड़ाई में करोड़ो रूपये से निर्मित बस स्टैंड बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गया है.

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले के हाईटेक बस स्टैंड (Hitech Bus Stand) का हैंडओवर (Hand over) की पेच दो विभागों के बीच फंसा हुआ है. बताया जा रहा है कि हैंडओवर में लेटलतीफी को लेकर सीएसआईडीसी (CSIDC) और निगम (Corporation) आमने-सामने हैं. इधर हाइटेक बस स्टैंड की बदहाली से आम जनता परेशान हैं. वहीं, हाइटेक बस स्टैंड की हालत बद से बदतर हो गई है.

इस वजह से यात्री हो रहे परेशान

छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन को मिली थी जिम्मेदारी

बताया जा रहा है कि बिलासपुर के हाईटेक बस स्टैंड के निर्माण के बाद इसके संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (Chhattisgarh State Industrial Development Corporation) को दी गई थी. हालांकि मौजूदा समय में देखरेख के अभाव से यहां की हालात बाद से बदतर हो गई है. जगह- जगह पर टूट-फूट के साथ गंदगी फैली हुई है.

दुर्गा विसर्जन से पहले बंगाली महिलाओं ने किया सिंदूर खेला, मां को सिंदूर लगाकर किया विदा

20 जुलाई को कैबिनेट की हुई थी बैठक

इसके संचालन में सीएसआईडीसी के फेल होने के बाद बीते 20 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था कि हाईटेक बस स्टैंड अब नगर निगम के अधीन होगा. हालांकि फैसले को 2 महीने बीत गए हैं, लेकिन अब तक हाईटेक बस स्टैंड को निगम के हाथों नहीं सौंपा गया है. माना जा रहा है कि हैंड ओवर की प्रक्रिया को लेकर सीएसआईडीसी और निगम दोनों विभाग आमने-सामने हैं.

सीएसआईडीसी को करना होगा निगम को हैंडओवर

इधर, सीएसआईडीसी के अधिकारियों का कहना है कि उनके तरफ से प्रक्रिया पूरी कर निगम को जानकारी सौंप दी गई है. लेकिन निगम अब हैंडओवर लेने में लेटलतीफी कर रहा है. इधर निगम का कहना है हैंडओवर में विलंब सीएसआईडीसी के कारण हो रहा है. सीएसआईडीसी उन्हें हाईटेक बस स्टैंड की पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहा है.

निगम का सीएसआईडीसी पर लेटलतीफी का आरोप

वहीं, निगम के सभापति शेख नजीरुद्दीन ने बताया कि सीएसआईडीसी प्रक्रिया प्रारंभ ही नही कर रही है. हाईटेक बस स्टैंड में कितनी दुकानें है. कितने को एलाट किया गया है, कितना किराया है. साथ ही सड़क से एंट्री लेने पर बस स्टैंड पहुच सड़क पर भी कब्जा है. अगर ये सब की जानकारी सीएसआईडीसी दे देगी तो बस स्टैंड का वो हैंडओवर ले लेंगे.

दोनों विभागों के खींचतान के बीच फंसी आम जनता

बताया जा रहा है कि दोनों विभागों के खींचतान के बीच आम जनता बस स्टैंड की अव्यवस्थाओं को लेकर परेशान है. यहां मूलभूत सुविधाओं तक का अभाव है. वहीं इन सब के बीच अब सियासत भी शुरू हो गई है. निगम सत्ता में बैठी कांग्रेस और विपक्षी भाजपा इसे लेकर आमने सामने हैं. निगम सरकार जहां हाईटेक बस स्टेंड की बदहाली के लिए पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. तो वहीं सुविधा नहीं दे पाने के लिए विपक्ष निगम सरकार पर बदहाली का ठीकरा फोड़ रही है.

बर्बाद होने की कगार पर बस स्टैंड

इधर, पूर्व महापौर किशोर राय ने कहा है कि जब राज्य सरकार ने हाईटेक बस स्टैंड को दे दिया है तो फिर क्यों नही ले रहे है. सीएसआईडीसी के पास बेजा कब्जा हटाने के लिए कोई बल नही है लेकिन निगम के पास तो अतिक्रमण निवारण दस्ता है ,वो उनसे काम ले सकती है और अतिक्रमण हटवा सकती है. बताया जा रहा है कि दोनों विभागों की लड़ाई में करोड़ो रूपये से निर्मित बस स्टैंड बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गया है.

Last Updated : Oct 16, 2021, 3:50 PM IST
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