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सीबीएसई परीक्षा में शुभी ने 99.4 परसेंट लाकर किया बिलासपुर का नाम रौशन

सीबीएसई परीक्षा में बिलासपुर में शुभी शर्मा ने सफलता हासिल करते हुए 99.4 परसेंट लाकर साबित कर दिया कि लडकियां हर क्षेत्र में लड़कों से आगे (Shubhi bringing 99.4 percent in CBSE examination) है. शुभी अपनी सफलता के पीछे अपनी लगन और मेहनत को श्रेय देती है. सफलता हासिल करने के लिए शुभी का कहना है कि छात्र-छात्राओं को लगन से पढ़ाई करनी चाहिए

Shubhi bringing 99.4 percent in CBSE examination
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शुभी का कमाल
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Published : Jul 22, 2022, 8:09 PM IST

बिलासपुर: सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा में बिलासपुर में शुभी शर्मा ने 99.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं. शुभी दिल्ली पब्लिक स्कूल के 12वीं कक्षा की छात्रा हैं. उन्होंने 99.4% अंक लाकर बिलासपुर का नाम रौशन कर दिया है. शुभी अपनी सफलता के पीछे अपनी कड़ी मेहनत और लगन के साथ ही माता-पिता और अपनी दादी को श्रेय देती हैं. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के लिए भी वह उन सारी चीजों को नजरअंदाज करती रही, जो उसकी पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न करते थे. शुभी सबसे ज्यादा पढ़ाई में व्यवधान पैदा करने वाली चीजों में मोबाइल और सोशल मीडिया को मानती हैं. उन्होंने कहा कि "वे सोशल मीडिया की एडिक्ट रही है और ट्विटर-फेसबुक में उनका अकाउंट रहा है. लेकिन पढ़ाई में व्यवधान डालने वाली आदतों को छोड़कर उसने अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाया और आज उसने सफलता हासिल की है."

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शुभी का कमाल
सफलता पाने कैसे की पढ़ाई :
शुभी शर्मा सफलता पाने के लिए 24 घंटे में 12 घंटे पढ़ाई करती थी. कई बार पढ़ाई करते हुए उन्हें नींद भी आने लगती थी, लेकिन वह नींद की परवाह ना करते हुए पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगाई. शुभी ने बताया कि "दो दो घंटे की पढ़ाई मैं लगातार करती थी, और बीच में आधे घंटे का ही ब्रेक लेती थी. सफलता को उन्होंने अपनी जिंदगी के सफलता का पहला पायदान (Shubhi bringing 99.4 percent in CBSE examination) माना" है. आगे भी इस तरह के सफलता के पायदान पर निरंतर चढ़ते रहने और आगे बढ़ने की बात कही है.

यह भी पढ़ें: CBSE 10th result 2022: सीबीएसई ने जारी किया 10वीं क्लास का रिजल्ट, यहां करें चेक

सोशल मीडिया से कैसे किया अपने को अलग: आज की नई जनरेशन मोबाइल एडिक्ट होती जा रही है. सभी सोशल मीडिया में अकाउंट बनाकर अपना पूरा समय इसमें लगाते हैं. शुभी शर्मा ने बताया कि उनका भी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अकाउंट है. वह भी पहले इसका काफी उपयोग करती थी. लेकिन शुभी को यह समझ आया कि यह चीजें पढ़ाई के लिए नुकसानदायक है. वह अपने आपको सोशल मीडिया से दूर कर लिया. अब उनका पूरा समय पढ़ाई में बीतता (Shubhi bringing 99.4 percent in CBSE examination) है. पढ़ाई से बचने वाले समय पर वे सामान्य ज्ञान की जानकारी इकट्ठा करती है.

मोबाइल गेम से बचने के लिए क्या किया: शुभी शर्मा ने बताया कि "वह भी मोबाइल का उपयोग करती रही हैं. लेकिन जैसे ही एग्जाम का समय आया, उन्होंने अपना मोबाइल अलग रख दिया और परीक्षा तक गेम्स का उपयोग नहीं किया. उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपने आप को मोबाइल से (Shubhi bringing 99.4 percent in CBSE examination)अलग किया. मोबाइल गेम छात्रों को एडिक्ट कर देता है और इससे दूर रहने के लिए अपने आप में कंट्रोल करना आना चाहिए. जब एक बार परीक्षा खत्म हो जाए, तो सभी अपनी नार्मल लाइफ में आ सकते हैं. लेकिन पढ़ाई के लिए टीवी, मोबाइल काफी घातक होता है और इससे सभी को दूर रहना चाहिए.

यह भी पढ़ें: IIM रायपुर बना लड़कियों की पहली पसंद


पिता की तरह आईएएस बनना चाहती हैं शुभी: शुभी शर्मा के पिता एसईसीएल हैडक्वॉटर में चीफ विजिलेंस ऑफिसर हैं. शुभी भी पिता के राह पर चलना चाहती हैं. शुभी ने बताया कि "वह पिता की तरह क्लास वन अधिकारी बनना चाहती है और इसके लिए उन्हें आगे काफी मेहनत की (Shubhi bringing 99.4 percent in CBSE examination) आवश्यकता है. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा करना चाहती हैं. पिता की तरह कंपटीशन एग्जाम देकर बड़ी अधिकारी बनना चाहती हैं."

अभिभावकों ने भी शुभी के पीछे की मेहनत: शुभी के पिता बीपी शर्मा ने बताया कि "उनका काम काफी जिम्मेदारी वाला है. उनकी जिम्मेदारी परिवार के प्रति भी है. इसलिए उन्होंने काम और परिवार की जिम्मेदारी के बीच कोई फर्क नहीं समझा. उन्होंने जितना काम को महत्वपूर्ण माना है, उतना ही महत्वपूर्ण परिवार को (Shubhi brightened name of Bilaspur by bringing 99.4 percent) मानते हैं. उनके दो बच्चे है, लड़का और लड़की, शुभी उनमें बड़ी है. बच्चों की पढ़ाई के लिए काम में समय देने के साथ ही पढ़ाई के लिए भी उनके समय देते रहे. हमें काम और बच्चों के भविष्य के बीच तालमेल ऐसा बिठाना चाहिये कि बच्चों की पढ़ाई पर भी वह पूरा ध्यान दे सकें. अपनी काम की जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकें और बच्चो के भविष्य पर भी उनका ध्यान रहे."

बिलासपुर: सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा में बिलासपुर में शुभी शर्मा ने 99.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं. शुभी दिल्ली पब्लिक स्कूल के 12वीं कक्षा की छात्रा हैं. उन्होंने 99.4% अंक लाकर बिलासपुर का नाम रौशन कर दिया है. शुभी अपनी सफलता के पीछे अपनी कड़ी मेहनत और लगन के साथ ही माता-पिता और अपनी दादी को श्रेय देती हैं. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के लिए भी वह उन सारी चीजों को नजरअंदाज करती रही, जो उसकी पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न करते थे. शुभी सबसे ज्यादा पढ़ाई में व्यवधान पैदा करने वाली चीजों में मोबाइल और सोशल मीडिया को मानती हैं. उन्होंने कहा कि "वे सोशल मीडिया की एडिक्ट रही है और ट्विटर-फेसबुक में उनका अकाउंट रहा है. लेकिन पढ़ाई में व्यवधान डालने वाली आदतों को छोड़कर उसने अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाया और आज उसने सफलता हासिल की है."

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शुभी का कमाल
सफलता पाने कैसे की पढ़ाई : शुभी शर्मा सफलता पाने के लिए 24 घंटे में 12 घंटे पढ़ाई करती थी. कई बार पढ़ाई करते हुए उन्हें नींद भी आने लगती थी, लेकिन वह नींद की परवाह ना करते हुए पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगाई. शुभी ने बताया कि "दो दो घंटे की पढ़ाई मैं लगातार करती थी, और बीच में आधे घंटे का ही ब्रेक लेती थी. सफलता को उन्होंने अपनी जिंदगी के सफलता का पहला पायदान (Shubhi bringing 99.4 percent in CBSE examination) माना" है. आगे भी इस तरह के सफलता के पायदान पर निरंतर चढ़ते रहने और आगे बढ़ने की बात कही है.

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सोशल मीडिया से कैसे किया अपने को अलग: आज की नई जनरेशन मोबाइल एडिक्ट होती जा रही है. सभी सोशल मीडिया में अकाउंट बनाकर अपना पूरा समय इसमें लगाते हैं. शुभी शर्मा ने बताया कि उनका भी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अकाउंट है. वह भी पहले इसका काफी उपयोग करती थी. लेकिन शुभी को यह समझ आया कि यह चीजें पढ़ाई के लिए नुकसानदायक है. वह अपने आपको सोशल मीडिया से दूर कर लिया. अब उनका पूरा समय पढ़ाई में बीतता (Shubhi bringing 99.4 percent in CBSE examination) है. पढ़ाई से बचने वाले समय पर वे सामान्य ज्ञान की जानकारी इकट्ठा करती है.

मोबाइल गेम से बचने के लिए क्या किया: शुभी शर्मा ने बताया कि "वह भी मोबाइल का उपयोग करती रही हैं. लेकिन जैसे ही एग्जाम का समय आया, उन्होंने अपना मोबाइल अलग रख दिया और परीक्षा तक गेम्स का उपयोग नहीं किया. उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपने आप को मोबाइल से (Shubhi bringing 99.4 percent in CBSE examination)अलग किया. मोबाइल गेम छात्रों को एडिक्ट कर देता है और इससे दूर रहने के लिए अपने आप में कंट्रोल करना आना चाहिए. जब एक बार परीक्षा खत्म हो जाए, तो सभी अपनी नार्मल लाइफ में आ सकते हैं. लेकिन पढ़ाई के लिए टीवी, मोबाइल काफी घातक होता है और इससे सभी को दूर रहना चाहिए.

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पिता की तरह आईएएस बनना चाहती हैं शुभी: शुभी शर्मा के पिता एसईसीएल हैडक्वॉटर में चीफ विजिलेंस ऑफिसर हैं. शुभी भी पिता के राह पर चलना चाहती हैं. शुभी ने बताया कि "वह पिता की तरह क्लास वन अधिकारी बनना चाहती है और इसके लिए उन्हें आगे काफी मेहनत की (Shubhi bringing 99.4 percent in CBSE examination) आवश्यकता है. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा करना चाहती हैं. पिता की तरह कंपटीशन एग्जाम देकर बड़ी अधिकारी बनना चाहती हैं."

अभिभावकों ने भी शुभी के पीछे की मेहनत: शुभी के पिता बीपी शर्मा ने बताया कि "उनका काम काफी जिम्मेदारी वाला है. उनकी जिम्मेदारी परिवार के प्रति भी है. इसलिए उन्होंने काम और परिवार की जिम्मेदारी के बीच कोई फर्क नहीं समझा. उन्होंने जितना काम को महत्वपूर्ण माना है, उतना ही महत्वपूर्ण परिवार को (Shubhi brightened name of Bilaspur by bringing 99.4 percent) मानते हैं. उनके दो बच्चे है, लड़का और लड़की, शुभी उनमें बड़ी है. बच्चों की पढ़ाई के लिए काम में समय देने के साथ ही पढ़ाई के लिए भी उनके समय देते रहे. हमें काम और बच्चों के भविष्य के बीच तालमेल ऐसा बिठाना चाहिये कि बच्चों की पढ़ाई पर भी वह पूरा ध्यान दे सकें. अपनी काम की जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकें और बच्चो के भविष्य पर भी उनका ध्यान रहे."

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