बिलासपुर: कोरोना महामारी के दौर में देश के अलग-अलग हिस्सों में भारतीय रेल जीवन रक्षक ऑक्सीजन की आपूर्ति 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' के जरिए कर रहा है. रेलकर्मी लगातार ऑक्सीजन को देश के विभिन्न भागों में पहुंचा रहे हैं. इसी कड़ी में 29 अप्रैल की रात भी दक्षिण पूर्व रेलवे के बोकारो से 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' रवाना की गई.
'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' झारसुगुड़ा से 30 अप्रैल को सुबह 5 बजे चलकर बिलासपुर, पेंड्रा रोड, अनूपपुर होते हुए दोपहर 2 बजे न्यू कटनी जंक्शन होते हुए गंतव्य जबलपुर, सागर के लिए रवाना हुई. यह गाड़ी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में झारसुगुड़ा से न्यू कटनी जंक्शन स्टेशन तक लगभग 500 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर 9.15 घंटे में तय की.
600 टन से ज्यादा ऑक्सीजन हो चुका परिवहन
ऑक्सीजन एक्सप्रेस में 47.37 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन 4 एमबीडब्ल्यूटी वैगन में रो-रो सेवा के अनुसार लोड की गई है. इसके साथ ही साथ ही शुक्रवार दोपहर 12.10 बजे राउरकेला से फरीदाबाद के लिए एक और 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' रवाना की गई है. जो कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रास्ते चलकर रात करीब 11 बजे तक कटनी पहुंचेगी. इस गाड़ी में 3 टैंकरों में 47.11 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लोड की गई है. अभी तक रेलवे 600 टन से ज्यादा मेडिकल ऑक्सीजन का सफलता पूर्वक परिवहन किया गया है.
कोरोना काल में छत्तीसगढ़ की मेडिकल ऑक्सीजन अन्य राज्यों के लिए बनी लाइफ लाइन
देश के कई राज्यों में तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. कोरोना के इस संकट काल में छत्तीसगढ़ में उत्पादित मेडिकल ऑक्सीजन (Medical oxygen Production) अन्य राज्यों के कोरोना पीड़ितों के लिये संजीवनी का काम कर रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा निर्देश पर कोविड संक्रमण के समय न केवल छत्तीसगढ़ में मेडिकल आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. बल्कि छत्तीसगढ़ में स्थानीय उपभोग के अतिरिक्त शेष मेडिकल आक्सीजन को अन्य जरूरतमंद राज्यों में भी आपूर्ति (Medical oxygen supply) की जा रही है. 11 अप्रैल से 24 अप्रैल तक छत्तीसगढ़ से 2706.95 मीट्रिक टन आक्सीजन अन्य राज्यों को आपूर्ति कर जरूरतमंद राज्यों को सहायता पहुंचाई गई है.
- छत्तीसगढ़ से कर्नाटक को 16.82 मीट्रिक टन
- आंध्रप्रदेश को 176.69 मीट्रिक टन
- मध्यप्रदेश को 801.22 मीट्रिक टन
- गुजरात को 120.42 मीट्रिक टन
- तेलंगाना को 578 मीट्रिक टन
- महाराष्ट्र को 1013.8 मीट्रिक टन मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति की गई है.